Friday, 13 July 2012

मीडिया पर नहीं सच पर हमला है ? लोगों की जानो से खिलवाड़ कर रहे हैं डाक्टर !


बुलंदशहर- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा मरीजों का इलाज करने की खबर चैनल पर चलने और अस्पताल में मीडिया का जमावड़ा लगने के विरोध में जिला अस्पताल के डाक्टरों और कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी, इलाज के अभाव में एक मरीज ने दम तोड़ दिया, मरीज तड़पते-भटकते रहे, हालांकि सीएमओ का दावा है कि देर शाम स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो गई और डॉक्टर-कर्मचारी काम पर लौट आए.
बुधवार को डीजी की उपस्थिति में हुए हंगामे के दौरान जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पत्रकारों पर हमला बोला और फिर गुरुवार को उल्टे हड़ताल कर दी, जिला अस्पताल में ओपीडी सहित अन्य चिकित्सा संकाय बंद रहे, सिकंदराबाद के कनकपुर निवासी कुंवरपाल (70) ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया, सिकंदराबाद की ही सम्मो अपने छह वर्षीय बेटे सूफियान को लेकर अस्पताल आईं थीं, उसके बेटे के पैर में घाव था, डाक्टरों ने कहा कि हड़ताल है, यहां इलाज नहीं होगा, इमलिया गांव के मो. तैय्यब ने बताया कि उनके घुटने में दर्द है, पर्ची कट गई, लेकिन दवा नहीं मिली.
पोस्टमार्टम के लिए परेशान रहे तीमारदार- सिकंदराबाद क्षेत्र में गुरुवार सुबह हुए सड़क हादसे में जनपद पंचशीलनगर के बीघेपुर निवासी सोनपाल की मौत हो गई, शव जिलाअस्पताल लाया गया, परिजन पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल से कोतवाली तक चिकित्सा, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाते रहे, मगर हड़ताल के चलते कोई सुनने को तैयार नहीं था, अन्य पांच शवों के साथ भी परेशान परिजन इधर-उधर भटक रहे...
जिला अस्पताल में कर्मचारियों का नंगा नाच दूसरे दिन भी जारी रहा, पूरे दिन अराजकता का माहौल रहा, इमरजेंसी में बाइट लेने गए पत्रकारों पर एक डाक्टर व चैनल पर खबर दिखाए जाने से बौखलाए अस्पताल के कर्मचारियों ने हमला बोल दिया, पत्रकारों ने नगर कोतवाली में घुसकर जान बचाई, घंटों बवाल के दौरान अफरा-तफरी मची रही। दोनों पक्षों ने तहरीर दी , अस्पताल में पीएसी तैनात है.
जिलाअस्पताल में गुरुवार सुबह दो बार चैनल के पत्रकारों से अस्पताल कर्मियों ने हाथापाई की और उन्हें वहां से भगा दिया, वे अस्पताल में हड़ताल होने से इलाज के अभाव में भटक रहे मरीजों से बाइट ले रहे थे, इस पर भी पत्रकारों ने कोई विरोध नहीं किया और वहां से हट गए, कुछ समय बाद फिर कुछ मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे, पता चला कि एक मरीज की इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई थी, इस बाबत बाइट लेने कुछ पत्रकार इमरजेंसी पहुंचे, आरोप है कि यहां तैनात डॉक्टर सचिन ने चैनल के पत्रकार पर हमला बोल दिया, देखते ही देखते पूरे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई और सारे कर्मचारी एकत्र हो गए, एक ने मीडियाकर्मी का गिरेबान पकड़ रखा था, जबकि बाकी ने घेर लिया, फिर पत्रकारों को दौड़ाना शुरू कर दिया, किसी ने स्टूल उठाया तो किसी ने डंडा, जैसे-तैसे सामने स्थित कोतवाली में घुसकर पत्रकारों ने खुद को बचाया, इस दौरान एलआइयू के इंस्पेक्टर भी मौजूद थे.
इसके बाद कोतवाली में गहमागहमी शुरू हो गई, डाक्टर भी कर्मचारियों के समर्थन में आ गए, घंटों बहस और गर्मा-गर्मी हुई, नगर कोतवाल संजय पांडेय अस्पताल पहुंचे और आरोपी डाक्टर व कर्मचारियों समेत तीन को हिरासत में ले लिया, चोटिल मीडियाकर्मी और डाक्टरों की ओर से कोतवाली में तहरीर दे दी गई है, मजिस्ट्रेट एके सिंह, सीओ सिटी लाल साहब यादव, एडीएम प्रशासन अच्छेलाल सिंह यादव एसपी सिटी श्रीकांत यादव, सीएमओ डा. एचएस दानू ने कोतवाली पहुंचकर दोनों पक्षों से बात की, एहतियात के तौर पर जिला अस्पताल में पीएसी तैनात कर दी गई.

जिला अस्पताल प्रकरण में सीएमएस डा. शिशिर कुलश्रेष्ठ को हटा दिया गया है, हालांकि चर्चा उनके निलंबन और तबादले की भी रही, लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि वास्तव में क्या कार्रवाई हुई है, इसके अलावा आरोपी वार्ड ब्वॉय के निलंबन और स्वीपर पर भी कार्रवाई की चर्चा है, सीएमओ डा. एचएस दानू ने इसकी अधिकृत जानकारी होने से इन्कार किया, उन्होंने कहा कि इस बाबत उनके पास कोई पत्र नहीं आया है, सिर्फ सुना है.
मरीजों-तीमारदारों को भड़काया- इलाज और पोस्टमार्टम के लिए भटक रहे मरीजों-तीमारदारों को अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने मीडिया के खिलाफ खूब भड़काया, उन्होंने कहा कि मीडिया की वजह से सब कुछ बाधित हुआ है, यहां तक कि कुछ मरीजों के परिजनों ने कोतवाली में यह भी कहा कि अस्पताल में उनसे कहा गया कि सड़क पर जाकर हंगामा करो, जाम लगाओ, इससे परिजनों में मीडिया के प्रति गलतफहमी रही.
पुलिस-प्रशासन ने नहीं बरती एहतियात- दो दिन से जिलाअस्पताल में हंगामा चल रहा है, एक दिन पहले पत्रकारों पर हमला हुआ, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने एहतियात नहीं बरती, अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए, इसीलिए मामला अराजक हुआ ?
दूसरे का गुस्सा मीडिया पर- जिलाअस्पताल में कर्मचारी बुधवार को हुई नारेबाजी से भड़के हुए थे, जबकि इसमें मीडियाकर्मियों को कोई दोष नहीं था, उस दौरान भाजपा और अभाविप कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ डीजी परिवार कल्याण का घेराव किया और कर्मचारियों ने इसका गुस्सा पत्रकारों पर उतारा, मीडियाकर्मी सिर्फ कवरेज करने गए थे, इस सवाल पर अस्पताल के डाक्टरों-कर्मचारियों का बचकाना जवाब था कि उन्हें क्या पता कौन पत्रकार है और कौन प्रदर्शनकारी ?
 डीजी के सामने हुए हंगामे से झुंझलाए जिला अस्पताल एवं महिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पूरे शहर में मीडिया के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और कलक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा, इसमें उन्होंने मीडिया के अनाधिकृत प्रवेश पर रोक समेत कुछ मांगें रखीं, उनका साथ कुछ चिकित्सकों और चिकित्साधिकारियों ने भी दिया, प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मीडिया ने उनका पक्ष नहीं रखा, जबकि सच यह था कि कोई बात करने को तैयार नहीं था, फिर भी सीएमओ का बयान प्रकाशित किया गया, इसके बावजूद पत्रकार सारा तमाशा चुपचाप देखते रहे, किसी ने उनका विरोध नहीं किया, लेकिन दोबारा कवरेज करने पहुंचने पर कर्मचारियों ने इस चुनौती की तरह लिया.
मुख्य गेट पर ताला, माहौल तनावपूर्ण- दोपहर बाद तक जिलाअस्पताल में गहमागहमी के बीच परेशान मरीजों-तीमारदारों का हाल जानने वाले एक चैनल के पत्रकार ओवी वैन के साथ फिर पहुंचे, इससे एक बार फिर स्थिति बिगड़ गई और मीडियाकर्मियों को वहां से हटा दिया गया, जो बाद में जिलाधिकारी से मिलने गए. इस दौरान जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया, माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. मीडिया पर नहीं सच पर हमला है ? लोगों की जानो से खिलवाड़ कर रहे हैं डाक्टर !
मीडियाकर्मियों पर हमले की चारों और निंदा हुई है, नगरकोतवाली में व्यापारी सुरक्षा फोरम के जिलाध्यक्ष दिनेश धन्नू के साथ सौरभ गोयल व अन्य व्यापारी पहुंचे, उनका कहना था कि अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ बदतमीजी होती है, इसके अलावा सुमन राघव समेत कई अधिवक्ता भी पत्रकारों के समर्थन में आगे आए, राजकुमार गिरि, सर्वेश राणा, केशव लोधी, चौ. विजय, अजेंद्र सिंह आदि शिवसैनिकों ने हमले की भ‌र्त्सना की है, सभी जिलाअस्पताल के कर्मचारियों के इस कृत्य को निंदनीय बताते हुए प्रशासन से मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
विधायकों ने की अधिकारियों से बात- समाजवादी पार्टी से डिबाई विधायक श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित ने इस संदर्भ में डीजीपी, आइजी और कप्तान से बात की, उनके भाई विधायक मुकेश पंडित ने भी स्थानीय प्रशासन से बात कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा, विधायक गुड्डू पंडित के हवाले से उनके प्रतिनिधि संजय शर्मा ने बताया कि पत्रकार यदि सच्चाई उजागर करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है, मारपीट जैसी घटना निंदनीय है.
हमले से इन्कार- जिलाअस्पताल में सरेआम यह घटना होने के बावजूद इमरजेंसी में तैनात डा. सचिन ने कोतवाली में वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष हमले की बात से इन्कार कर दिया, कहा कि वह रिपोर्ट तैयार कर रहे थे और वर्जन के संदर्भ में उन्होंने सीएमएस से बात करने को कहा था.
सेवाएं बहाल- जिलाअस्पताल में सेवाएं बहाल कर दी गई है, सभी डाक्टर और कर्मचारी काम पर लौट आए है, मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
डा. एचएस दानू, सीएमओ
पत्रकार और चिकित्सक दोनों सम्मानित हैं, ऐसे में इस तरह की घटना गलत है, किसी के साथ दुव्यर्वहार नहीं होने दिया जाएगा, दोनों पक्षों से तहरीर मिल गई है, जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
-श्रीकांत यादव, एसपी सिटी



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