Thursday, 23 August 2012

असम में विवाद हिंदू-मुस्लिम नहीं है ? रोटी-रोजी से जुड़ा है !


मुंबई।। मुंबई के प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने सप्ताहभर पहले हिंसा करने वालों और झूठा प्रचार करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है, 'नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ जिहाद अगेंस्ट अट्रासिटीज एंड टेररिज्म' (निजात) ने अफवाह फैलाने वालों को पकड़वाने के लिए बाकायदा हेल्पलाइन खोल दी है, संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद फारूक आजम ने आगाह किया है कि मुसलमानों के कत्लेआम के फेसबुक पर जो विडियो दिखाए जा रहे हैं, वे फर्जी हैं, इसके पीछे दंगे फैलाने की साजिश हो सकती है.

संस्था ने आगाह किया है कि अगर कोई भड़काने वाले एस.एम.एस., ई-मेल, फेसबुक संदेश देता है तो पुलिस या उसके पदाधिकारियों को सतर्क किया जाए, संगठन के हेल्पलाइन नंबर हैं- फारूक आजम- 9820102786/ 9987427786, हाजी हैदर आजम- 9892828786, हाजी अफगान खान- 9820540038, फरीद पटेल- 9820645134, जावेद अहमद खान- 9930242425 फ़रीद भारती +919808123436.
'सहयोग' कलचरल फोरम के समी बुबेरे ने नागरिकों से अपील की है कि एसएमएस से फैलाई जा रही अफवाहों की तरफ ध्यान न दें, हर हाल में शांति और सामुदायिक सदभाव बनाए रखें, अमन अल्लाह की दी सब से बड़ी नियामत है.
इधर, शुक्रवार को मुस्लिम बौद्धिकों ने एक सभा लेकर साफ किया कि असम में विवाद हिंदू-मुस्लिम नहीं है, बल्कि मामला रोटी-रोजी से जुड़ा है, इसे धार्मिक रंग देकर भारत में फूट डालने की कोशिश की जा रही है. आरोप लगाया कि दो साल बाद होने वाले चुनाव के मद्देनजर विश्वभर में मुसलमानों पर अन्याय-अत्याचार होने का प्रचार किया जा रहा है, सुधारवादी मुस्लिम विचारक असगर अली इंजिनियर , कम्यूनिलिज्म कॉम्बैट के सहसंपादक जावेद आनंद , 'निर्भय बनो आंदोलन' के एडवोकेट शकील अहमद और 'नवाज -ए - इस्लाम' की हसीना खान ने सभा में हिस्सा लिया.

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...