Thursday, 23 August 2012

ईद की नमाज़ के लिए खोला गुरुद्वारा - बनी भाईचारे की मिसाल


Namazदेश में जिस वक्त अविश्वास और साम्प्रदायिक नफरत का माहौल बना हुआ था, उसी बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया के लिए मिसाल पेश कर दी, उत्तराखंड के जोशीमठ में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद की नमाज़ स्थानीय गुरुद्वारे में अता की, लोकल मीडिया की खबरों के अनुसार गुरुद्वारे के प्रबंधक ने ही इसके लिए मुस्लिम समुदाय को आमंत्रित किया था.
गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ कस्बे में कोई भी मस्जिद या ईदगाह नहीं है, यहां रहने वाले करीब 800 मुस्लिम, कस्बे के गांधी मैदान में ही नमाज अता करते हैं, कई दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से गांधी मैदान पानी से भर गया था, ऐसे में ईद के दिन बड़ी समस्या यह थी कि नमाज कहां अता की जाए, इस बीच उन्हें संदेश मिला कि आप गुरुद्वारे के मेन हॉल में नमाज अता कर सकते हैं.
मुस्लिम समुदाय के लोग सोमवार सुबह नए कपड़े पहनकर, बड़े ही उत्साह के साथ गुरुद्वारे में आए और मेन हॉल में नमाज अता की, इसके बाद बाहर आकर उन्होंने सिख समुदाय के लोगों के गले मिलकर शुक्रिया अदा किया, कस्बे में रहने वाले हिन्दू भी इस मौके पर उन्हें बधाई देने के लिए मौजूद थे.
बाद में गुरुद्वारा प्रबंधक ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मुस्लिम भाइयों की मुश्किल को देखते ही गुरुद्वारे आने की पेशकश की थी, मौलवी आसिफ ने भी बताया कि गुरुद्वारा कमिटी ने मानवता की मिसाल कायम की है, उन्होंने मुस्लिम समुदाय की तरफ से पूरे सिख समुदाय का धन्यवाद अदा किया.
साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश देने वाला जोशीमठ कस्बा नैशनल हाइवे 58 पर ऋषिकेश से 250 किलोमीटर की दूरी पर बसा है, यह हिन्दुओं के तीर्थस्थान बद्रीनाथ और सिखों के हेमकुंट साहिब, दोनों जगहों के करीब ही है.

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