Monday, 3 September 2012

यह कैसी इंसानियत ? मां और तीनों बच्चे कार में ही....?


अपनी कार से गांव झरना जा रहा एक परिवार जांजगीर-चांपा के घुंडी नाले में फंस गया, भारी बारिश थी, नाले में बाढ़ थी, कार में परिवार के मुखिया समेत उसकी पत्नी और तीन बच्चे थे, आदमी तो किसी तरह बाहर निकला पर मां और तीनों बच्चे कार में ही रह गए. 


पानी धीरे-धीरे तीनों बच्चों और मां की सांसों को उखाड़ता रहा, इधर बाल बाल बचा आदमी सड़क पर मदद के लिए गुहार लगाता रहा, कोई हाथ मदद के लिए नहीं बढ़ा, आखिरकार तीनों बच्चों के साथ मां की सांसें कार में ही टूट गईं, चारों की मौत हो गई, घटना रविवार की सुबह 7.30 बजे जांजगीर और चांपा शहर के बीच घुंडी नाला की है. 

रायगढ़ जिले के तमनार ब्लाक अंतर्गत स्थित गांव झरना निवासी धनसाय पिता विश्राम प्रसाद राठिया (45)एसईसीआर बिलासपुर में ड्राइवर के पद पर कार्यरत था, रविवार की सुबह पांच बजे वह परिवार के साथ अपने पैतृक गांव झरना में दादी के दशकर्म कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आई-टेन कार से निकले, कार में उसकी पत्नी राममती (38), बेटी रामकुमारी (14), सुमन (11) और छोटा पुत्र संदीप (8) सवार थे. 

धनसाय कार को खुद ड्राइव कर रहे था, सुबह 7.30 बजे जांजगीर और चांपा के बीच स्थित घुंडी नाला के पास पहुंचे, इस दौरान जोरदार बारिश जारी थी, नाला का पुल क्षतिग्रस्त था, और उसमें किसी तरह का बेरिकेड्स भी नहीं लगे थे, पुल पार करते वक्त वे पुल को समझ नहीं पाए और बाएं साइड का पहिया पुल के नीचे आ गया, इससे कार अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गिर गई. 

धनसाय तो कार से बाहर निकलकर किसी तरह किनारे आ गया, पर पत्नी राममति और तीनों बच्चे सहित कार में ही फंसे रह गए, वह परिवार को बचाने के लिए रास्ते से गुजरने वाले से मदद की गुहार करता रहा, पर यह कैसी इंसानियत किसी ने उसकी बात नहीं सुनी, मदद नहीं मिलने पर वह पास के पेट्रोल पंप पर पहुंचा, वहां से कुछ लोगों को मदद के लिए साथ लाया, पर जब तब काफी देर हो चुकी थी, कार में दम घुटने से चारों की मौत हो चुकी थी....

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