दोस्तों एक वक़्त था जब माँ बाप भाई बहन या किसी भी रिश्तेदार के साथ बैठकर फ़िल्म को देखा जा सकता था, और सर से दुपट्टा हटाने के लिए भी डायरेक्टर को सेंसर बोर्ड से अनुमति लेनी होती थी, और लेहगे के अंदर भी पजामा होता था, ज़ियादातर फिल्मो मैं मुजरे के गाने हुआ करते थे और मुजरा करने वाली औरत को लोग अच्छी निगाह से नहीं देखा करते थे उसकी छवि पारिवारिक लोगों कि नहीं मानकरएक बाज़ारू औरत कि मणि अति थी, और लोगबाग छुप छुपकर डांस पार्टियों मैं डांस देखने जाया करते थे, बड़े लोगों के लिए क्लब हुआ करते थे और उन क्लुबों को भी अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता था।
कुछ साल पहले देश कीसबसे बड़ी अदालत ने बार डांसरों पर ही नहीं बारों पर भी रोक लगा दी थी जिसके बाद देश मैं बहुत कोहराम भी मचा था और देश में हा हल्ला भी भी हुआ था लेकिन अफ़सोस आज देश में हमारी बड़ी फ़िल्म हीरोइन चाहे वोह कैटरीना हो, चाहे प्रयंका हो, चाहे करीं हो या कोई और यह आज खुले आम हमारे घरों मैं इनके ज़रिये अश्लीलता परोसी जा रही है और आज हमारी नै पीड़ी के नौजवानों की पसंद यही हैं।
आज लगता है न कानून है न सेंसर बोर्ड है और न ही कोई शर्म हमारे बीच है,
क्यूंकि आज अगर आप टीवी पर गानो का कोई भी चैनल खोलें तब आपको बेहूदगी भरे गाने हमेशा ही सुनने को मिलेंगे आज मैं देखता हूँ के गानो के ज़रिये यह बहस छिड़ी हुई है के कौन सबसे ज़ियादा कपडे उतार कर बेहूदा गानो पर बेहूदा डांस कर सकता है आज कि हेरोइन बार गर्ल को बहुत पीछे छोड़ चुकी हैं और चैनल भी चार या पांच गानो को घुमा फिरकर पुरे दिन दिखाते रहते हैं और उन्ही गानो के बीच विज्ञापन क्या है सब ,
मुझको बेहद अफ़सोस है के क्यूँ सुप्रीम कोर्ट ने बार और क्लुबों को बंद कराया आज पूरा फ़िल्म जगत छोटा पर्दा हो या बड़ा बार से भी आगे जा चुके है कुछ लोगों को मेरी यह बात अच्छी नही लगेगी और वोह कहेंगे के आप क्यूँ देखते हो तब मैं उनसे कहना चाहता हूँ के मैं नहीं देखता लेकिन जब घर के बच्चे गानो कि ज़िद करते हैं तब गानो का चैनल लगाया जाता है तब आवाज़ और निगाह पढ़ ही जाती है।
आज मेरी बेटी ने मुझको यह लिखने के लिए मजबूर किया जब एक चैनल पर यह गया शुरू हुआ के "बेबीडोलम डोलेगी" जवान औरत अपने को बेबी कहकर खुलकर नंगेपन कि नुमाइश कर रही है और मेरी दो साल की बेटी ने उसको देखकर बोला "आ नन्नी छी छी बंद दूसरा" यानि के यह नंगी है और बंदकर दूसरा लगाओ। ....
पहले डांस डांस ही हुआ करता था आज बेहूदा हरकतों और अश्लील इशारों को डांस कहा जेन लगा है लानत है ऐसे डांस पर जो देश कि मर्यादा और सभ्यता को तारतार कर रहे हैं और कानून के रखवाले आँख बंदकर खुद मज़ा ले रहेहैं आज देश मैं बढ़ते बलात्कारों कि असल और सबसे बड़ी वजह यही हैं क्यूंकि लड़कियां अपने को किसी न किसी नंगी से जोड़कर दिखाना चाहती हैं और उसका खामियाज़ा बाद मैं भुगतना पढता है। ...
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