By Rafiq Chuhan
February 9, 2014 at 10:41am
साबरमती एक्सप्रेस का दुखदाई कांड सुबह ७:३० पर गोधरा स्टेशन के एक किलोमीटर दूर हुआ, की सच्चाई मैं आप तक पहुँचाना चाहता हूँ. साबरमती एक्सप्रेस की बोगी नंबर S-6 और दो दूसरी बोगियों में विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के कार-सेवक यात्रा कर रहे थे. दुखदाई कांड की असल वजह ये कार-सेवक ही थे, जो उन बोगियों में सफ़र कर रहे थे. जो कहानी आप तक पहुंचाई गयी है वह सच्चाई से कोसों दूर हैं, असल कहानी जो कि सच है वह अलग ही है.यह वास्तविकता शुरू होती है
गोधरा से ७०-७५ किलोमीटर दूर दाहोद नामक स्टेशन से. समय था ५:३०-६:०० ऍएम्, ट्रेन दाहोद स्टेशन पहुंचती है. ये कार-सेवक उस स्टेशन पर चाय-नाश्ता करने के उद्देश्य से टी-स्टाल पर जाते हैं.
किसी बात पर कार-सेवकों और टी-स्टाल के बीच विवाद हो गया और उन कार-सेवकों ने दूकान में तोड़-फोड़ कर दी. फिर वे अपने बोगी में वापस चले गए... इस वाकिये की एक एन-सी.आर. दूकान मालिक ने स्थानीय पुलिस में भी की थी. अब ट्रेन गोधरा स्टेशन पर पहुंचती है और समय हो रहा होता है ७:००-७:१५ AM. वहां सभी के सभी कार-सेवक ट्रेन से उतर कर स्टेशन पर एक छोटे से चाय की स्टाल पर जा कर स्नैक्स आदि लेते हैं; उस स्टाल को एक बुढा मुसलमान व्यक्ति चला रहा होता है. उस दूकान में एक छोटा लड़का भी हेल्पर बतौर काम कर रहा था. कार-सेवकों ने जानबूझ कर मुसलमान दूकानदार से बहसबाजी शुरू कर दी और बहस करते करते ही उसे पीट डाला. उन कार-सेवकों ने उस बूढे मुसलमान की दाढ़ी भी पकड़ कर खींची और उसे मारा. वे कार-सेवक जोर जोर से एक नारा भी दे रहे थे "मंदिर का निर्माण करो, बाबर की औलाद को बाहर करो" बाबर की औलाद से उनका मुराद मुसलमान ही थे.शोर-शराबा सुन कर उस बूढे की सोलह साल की एक लड़की वहां पर आ गयी और अपने बाप को बचाने की नाकाम कोशिश करने लगी. वह उन ज़ालिम कार-सेवकों से दया की भीख मांग रही थी और कह रही थी कि उसके बाप को छोड़ दीजिये, जिसको वे कार-सेवक अभी भी मार रहे.उन ज़ालिमों ने उस बूढे को तो छोड़ दिया लेकिन उस लड़की को पकड़ लिया और अपने बोगी (S-6) में ले गए और अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया. उस लड़की को अपने साथ ज़बरदस्ती क्यूँ ले गए थे; यह बताने की आवश्यकता नहीं है.
उधर बुढा उनसे अपनी बेटी को छोड़ देने की गुहार लगा रहा था. लेकिन उसकी एक न चली. अब ट्रेन धीमे धीमे आगे बढ़ना शुरू हो गयी लेकिन ट्रेन के रफ़्तार पकड़ने से पहले ही वह बुढा मुसलमान दूकानदार ट्रेन की आखिरी बोगी (गार्ड के पहले वाली) में चढ़ जाता है और ट्रेन की चेन को पुल कर देता है. अब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाती है और यह सब करते करते गोधरा स्टेशन लगभग एक १ किलोमीटर पीछे हो चुका होता है.तभी २ नव-युवक वहां आ जाते हैं माज़रा समझ कर खिड़की के बाहर से उन कार-सेवकों से उस लड़की को छोड़ देने के लिए कहते हैं. शोर-शराबा काफी बढ़ चुका होता है बोगी के आस-पास लोग इक्कट्ठे हो जाते हैं; उस भीड़ में कुछ लड़के और औरतें भी होती हैं जो बाहर से ही उन कार-सेवकों से उस लड़की को छोड़ने का दबाव बनाने लगते हैं. भीड़ काफी गुस्से में होती जा रही थी और लड़की को वापस कर देने की मांग अब गुस्से में तब्दील होती जा रही थी.लेकिन बजाये लड़की को वापस देने के, वे ज़ालिम (VHP) के कार-सेवक लोगों ने बोगी की खिड़कियाँ ही बंद कर दीं. यह क्रिया भीड़ के गुस्से में आग में घी का सा काम किया और उस भीड में से कुछ लोगों ने बोगी पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया.
बोगी संख्या एस छह (S-6) के दोनों तरफ की बोगियों में भी कार सेवक थे. उन कार-सेवकों के पास भी बैनर थे जिसमें लम्बे लम्बे डंडे लगे थे. वे कार-सेवक अपने बैनर्स और डंडों के साथ लड़की को बचाने आई भीड़ पर ही पिल पड़े और बैनर के डंडों से भीड़ पर हमला बोल दिया. अब भीड़ का गुस्सा पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुका था. भीड़ में से ही कुछ लोगों ने पास के ही एक गैराज से (garages Signal Fadia) से डीज़ल और पेट्रोल आदि ले आये और बोगी को जलाने लगे.जैसा कि कथित रिपोर्ट में यह कहा गया कि पेट्रोल आदि को प्री-प्लांड पेट्रोल पम्प से लाया गया; बिलकुल ही बे-बुनियाद है. यह प्रतिक्रिया अचानक भीड़ ने की न कि पहले से प्लान करके. भीड़ लड़की को छुडाने की कोशिश कर रही थी लेकिन कार-सेवक उग्र से उग्रतर होते जा रहे थे. वे (स्वभावत: वैसा ही करने लगे जैसा कि वे अयोध्या में कर चुके थे) जानते थे कि यह हिन्दुस्तान है यहाँ केवल जय श्री राम कह कर जो आतंक फैलाया जा सकता है वह गोली बंदूक से भी ज़्यादा भयानक होता है.
Why the truth of why the riots Godhra train only February 9, 2014 at 10: 41am dukhdai of the Sabarmati express at Godhra station at 7: 30 in the morning, while a kilometer away, the truth I want to convey to you. Bogie of the Sabarmati Express number S-6 and two other bogen World Hindu Council (VHP) car-Valet travel. Due to the fact these car-servant of the dukhdai scandal, were traveling in the bogen. Which story you have taken away the currents from the truth, the real story is that the fact that different reality begins with 70-75 kilometres away dahod Godhra, a station. Time 5: 30-6: 00 aiem, train dahod station reaches. These car-Valet breakfast tea on the station to go to t-stall. Rough-servants and t-became a dispute between stall and sabotage in the shop-servants. Then they moved back into their bogies. In the wake of an n-CR Shop owners in the local police. Now get to the Godhra train station and time is 7: 00-7: 15 AM. There are all in all car descended from the train station on the retainer is a small tea stall go on taking snacks etc.; The stall is running a budha Muslim person. A little boy in the shop also was working as a helper. Car-servants, deliberately started and debate bahsabaji of darkened Muslims while beating him. Those car-servants holding the aging Muslim beard and drawn too. They car-Valet were giving a loud slogan "build the temple, Babur's Aulad out" Babur was a Muslim his purport of Aulad. hear the noise-shabir a girl sixteen years of turbulence there failed to save their parents and come to try. The pity of the beg zalim-servants and was saying that his father tried to leave, that they are still killing car valet., the zalimon left the aging but grabbed the girl and bogie (S-6) and close the door from the inside. Why the girl had taken with zabradasti; The State is not required.
On the other hand, leave them your daughter's budha guhar felt. But it's a no go. Now proceed to start a slow train slow train speeds catch delusional but before the darkened train last bogie budha Muslim (guard the previous) are climbing in the chain of the train and bridge. Now the train is completely paralyzed and it will all be behind the Godhra station has an almost 1 kilometer. are there only 2 neo-youth mazra make sense out the window from the car to leave the girl servants. Noise-shabir has greatly increased the people around ikkatthe bogie; Even some in the crowd that includes boys and women out of those cars leaving the girl servants pressure. The crowd was getting quite angry and demanded to return the girl into getting angry now. but rather than on giving back, menial zalim (VHP) has car-bogie proceeded off Windows. This action crowd angry fire worked and some of bogie in bhid stone throwing started.
Bogie's number six (S-6) on both sides of the cars in the valet of bogen. There were also banners near the car-servants that were taller taller poles. They car-Valet your banners and Poles came to save the girl with the crowd at the pil and banner poles by attacking the crowd. Now the crowd was totally uncontrolled anger. Only a few people in the crowd have a garage (garages Signal Fadia) of diesel and gasoline to burn and bogie come etc. as alleged in the report it was said that petrol petrol pump etc-were brought from the pland; Of course the only Bay-Foundation. It's not a sudden reaction by the crowd that first plan. The crowd was trying to chudane the girl but car-Valet were becoming furious with ugratar. They (began to svabhavat the same as they have in Ayodhya) knew that it is here only Jai Hindustan Shri RAM can be unleashed terror by saying he shot gun more than awesome. (Translated by Bing)
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February 9, 2014 at 10:41am
साबरमती एक्सप्रेस का दुखदाई कांड सुबह ७:३० पर गोधरा स्टेशन के एक किलोमीटर दूर हुआ, की सच्चाई मैं आप तक पहुँचाना चाहता हूँ. साबरमती एक्सप्रेस की बोगी नंबर S-6 और दो दूसरी बोगियों में विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के कार-सेवक यात्रा कर रहे थे. दुखदाई कांड की असल वजह ये कार-सेवक ही थे, जो उन बोगियों में सफ़र कर रहे थे. जो कहानी आप तक पहुंचाई गयी है वह सच्चाई से कोसों दूर हैं, असल कहानी जो कि सच है वह अलग ही है.यह वास्तविकता शुरू होती है
गोधरा से ७०-७५ किलोमीटर दूर दाहोद नामक स्टेशन से. समय था ५:३०-६:०० ऍएम्, ट्रेन दाहोद स्टेशन पहुंचती है. ये कार-सेवक उस स्टेशन पर चाय-नाश्ता करने के उद्देश्य से टी-स्टाल पर जाते हैं.
किसी बात पर कार-सेवकों और टी-स्टाल के बीच विवाद हो गया और उन कार-सेवकों ने दूकान में तोड़-फोड़ कर दी. फिर वे अपने बोगी में वापस चले गए... इस वाकिये की एक एन-सी.आर. दूकान मालिक ने स्थानीय पुलिस में भी की थी. अब ट्रेन गोधरा स्टेशन पर पहुंचती है और समय हो रहा होता है ७:००-७:१५ AM. वहां सभी के सभी कार-सेवक ट्रेन से उतर कर स्टेशन पर एक छोटे से चाय की स्टाल पर जा कर स्नैक्स आदि लेते हैं; उस स्टाल को एक बुढा मुसलमान व्यक्ति चला रहा होता है. उस दूकान में एक छोटा लड़का भी हेल्पर बतौर काम कर रहा था. कार-सेवकों ने जानबूझ कर मुसलमान दूकानदार से बहसबाजी शुरू कर दी और बहस करते करते ही उसे पीट डाला. उन कार-सेवकों ने उस बूढे मुसलमान की दाढ़ी भी पकड़ कर खींची और उसे मारा. वे कार-सेवक जोर जोर से एक नारा भी दे रहे थे "मंदिर का निर्माण करो, बाबर की औलाद को बाहर करो" बाबर की औलाद से उनका मुराद मुसलमान ही थे.शोर-शराबा सुन कर उस बूढे की सोलह साल की एक लड़की वहां पर आ गयी और अपने बाप को बचाने की नाकाम कोशिश करने लगी. वह उन ज़ालिम कार-सेवकों से दया की भीख मांग रही थी और कह रही थी कि उसके बाप को छोड़ दीजिये, जिसको वे कार-सेवक अभी भी मार रहे.उन ज़ालिमों ने उस बूढे को तो छोड़ दिया लेकिन उस लड़की को पकड़ लिया और अपने बोगी (S-6) में ले गए और अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया. उस लड़की को अपने साथ ज़बरदस्ती क्यूँ ले गए थे; यह बताने की आवश्यकता नहीं है.
उधर बुढा उनसे अपनी बेटी को छोड़ देने की गुहार लगा रहा था. लेकिन उसकी एक न चली. अब ट्रेन धीमे धीमे आगे बढ़ना शुरू हो गयी लेकिन ट्रेन के रफ़्तार पकड़ने से पहले ही वह बुढा मुसलमान दूकानदार ट्रेन की आखिरी बोगी (गार्ड के पहले वाली) में चढ़ जाता है और ट्रेन की चेन को पुल कर देता है. अब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाती है और यह सब करते करते गोधरा स्टेशन लगभग एक १ किलोमीटर पीछे हो चुका होता है.तभी २ नव-युवक वहां आ जाते हैं माज़रा समझ कर खिड़की के बाहर से उन कार-सेवकों से उस लड़की को छोड़ देने के लिए कहते हैं. शोर-शराबा काफी बढ़ चुका होता है बोगी के आस-पास लोग इक्कट्ठे हो जाते हैं; उस भीड़ में कुछ लड़के और औरतें भी होती हैं जो बाहर से ही उन कार-सेवकों से उस लड़की को छोड़ने का दबाव बनाने लगते हैं. भीड़ काफी गुस्से में होती जा रही थी और लड़की को वापस कर देने की मांग अब गुस्से में तब्दील होती जा रही थी.लेकिन बजाये लड़की को वापस देने के, वे ज़ालिम (VHP) के कार-सेवक लोगों ने बोगी की खिड़कियाँ ही बंद कर दीं. यह क्रिया भीड़ के गुस्से में आग में घी का सा काम किया और उस भीड में से कुछ लोगों ने बोगी पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया.
बोगी संख्या एस छह (S-6) के दोनों तरफ की बोगियों में भी कार सेवक थे. उन कार-सेवकों के पास भी बैनर थे जिसमें लम्बे लम्बे डंडे लगे थे. वे कार-सेवक अपने बैनर्स और डंडों के साथ लड़की को बचाने आई भीड़ पर ही पिल पड़े और बैनर के डंडों से भीड़ पर हमला बोल दिया. अब भीड़ का गुस्सा पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुका था. भीड़ में से ही कुछ लोगों ने पास के ही एक गैराज से (garages Signal Fadia) से डीज़ल और पेट्रोल आदि ले आये और बोगी को जलाने लगे.जैसा कि कथित रिपोर्ट में यह कहा गया कि पेट्रोल आदि को प्री-प्लांड पेट्रोल पम्प से लाया गया; बिलकुल ही बे-बुनियाद है. यह प्रतिक्रिया अचानक भीड़ ने की न कि पहले से प्लान करके. भीड़ लड़की को छुडाने की कोशिश कर रही थी लेकिन कार-सेवक उग्र से उग्रतर होते जा रहे थे. वे (स्वभावत: वैसा ही करने लगे जैसा कि वे अयोध्या में कर चुके थे) जानते थे कि यह हिन्दुस्तान है यहाँ केवल जय श्री राम कह कर जो आतंक फैलाया जा सकता है वह गोली बंदूक से भी ज़्यादा भयानक होता है.
Why the truth of why the riots Godhra train only February 9, 2014 at 10: 41am dukhdai of the Sabarmati express at Godhra station at 7: 30 in the morning, while a kilometer away, the truth I want to convey to you. Bogie of the Sabarmati Express number S-6 and two other bogen World Hindu Council (VHP) car-Valet travel. Due to the fact these car-servant of the dukhdai scandal, were traveling in the bogen. Which story you have taken away the currents from the truth, the real story is that the fact that different reality begins with 70-75 kilometres away dahod Godhra, a station. Time 5: 30-6: 00 aiem, train dahod station reaches. These car-Valet breakfast tea on the station to go to t-stall. Rough-servants and t-became a dispute between stall and sabotage in the shop-servants. Then they moved back into their bogies. In the wake of an n-CR Shop owners in the local police. Now get to the Godhra train station and time is 7: 00-7: 15 AM. There are all in all car descended from the train station on the retainer is a small tea stall go on taking snacks etc.; The stall is running a budha Muslim person. A little boy in the shop also was working as a helper. Car-servants, deliberately started and debate bahsabaji of darkened Muslims while beating him. Those car-servants holding the aging Muslim beard and drawn too. They car-Valet were giving a loud slogan "build the temple, Babur's Aulad out" Babur was a Muslim his purport of Aulad. hear the noise-shabir a girl sixteen years of turbulence there failed to save their parents and come to try. The pity of the beg zalim-servants and was saying that his father tried to leave, that they are still killing car valet., the zalimon left the aging but grabbed the girl and bogie (S-6) and close the door from the inside. Why the girl had taken with zabradasti; The State is not required.
On the other hand, leave them your daughter's budha guhar felt. But it's a no go. Now proceed to start a slow train slow train speeds catch delusional but before the darkened train last bogie budha Muslim (guard the previous) are climbing in the chain of the train and bridge. Now the train is completely paralyzed and it will all be behind the Godhra station has an almost 1 kilometer. are there only 2 neo-youth mazra make sense out the window from the car to leave the girl servants. Noise-shabir has greatly increased the people around ikkatthe bogie; Even some in the crowd that includes boys and women out of those cars leaving the girl servants pressure. The crowd was getting quite angry and demanded to return the girl into getting angry now. but rather than on giving back, menial zalim (VHP) has car-bogie proceeded off Windows. This action crowd angry fire worked and some of bogie in bhid stone throwing started.
Bogie's number six (S-6) on both sides of the cars in the valet of bogen. There were also banners near the car-servants that were taller taller poles. They car-Valet your banners and Poles came to save the girl with the crowd at the pil and banner poles by attacking the crowd. Now the crowd was totally uncontrolled anger. Only a few people in the crowd have a garage (garages Signal Fadia) of diesel and gasoline to burn and bogie come etc. as alleged in the report it was said that petrol petrol pump etc-were brought from the pland; Of course the only Bay-Foundation. It's not a sudden reaction by the crowd that first plan. The crowd was trying to chudane the girl but car-Valet were becoming furious with ugratar. They (began to svabhavat the same as they have in Ayodhya) knew that it is here only Jai Hindustan Shri RAM can be unleashed terror by saying he shot gun more than awesome. (Translated by Bing)
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