रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और बीजेपी के बीच गठबंधन इतना आसान नहीं लग रहा है, जितना कि मीडिया में बताया जा रहा है। दोनों ही पार्टियों में इस गठजोड़ को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। अगर यह डील फाइनल होती है तो बीजेपी में बगावत की स्थिति पैदा हो सकती है। बिहार बीजेपी के दर्जनों सीनियर नेता किसी भी कीमत पर इस गठबंधन के लिए तैयार
नहीं हैं। वहीं, औरंगाबाद जिले से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने यहां तककह दिया है कि अगर पार्टी जेडीयू के बागी सांसद सुशील सिंह के लिए सीट छोड़ती है, तो वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने एनबीटी ऑनलाइन के साथ खास बातचीत में खुलकर कहा, 'पीएम पद के लिए मोदी स्वीकार हैं, लेकिन औरंगाबाद से एमपी कैंडिडेट के रूप में सुशील सिंह किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं। भगवान न करे कि ऐसी नौबत आए, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं बीजेपी और सुशील सिंह दोनों के लिए काल बन जाऊंगा।'
नहीं हैं। वहीं, औरंगाबाद जिले से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने यहां तककह दिया है कि अगर पार्टी जेडीयू के बागी सांसद सुशील सिंह के लिए सीट छोड़ती है, तो वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने एनबीटी ऑनलाइन के साथ खास बातचीत में खुलकर कहा, 'पीएम पद के लिए मोदी स्वीकार हैं, लेकिन औरंगाबाद से एमपी कैंडिडेट के रूप में सुशील सिंह किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं। भगवान न करे कि ऐसी नौबत आए, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं बीजेपी और सुशील सिंह दोनों के लिए काल बन जाऊंगा।'
मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि बीजेपी और एलजेपी के बीच डील लगभग फाइनल हो गई है। लेकिन, एनबीटी के सूत्रों ने बताया कि यह दोनों पार्टियों के लिए इतना आसान नहीं है। इस डील की खबर से बिहार बीजेपी के कार्यकर्ता बहुत ज्यादा आक्रोशित हैं। बिहार बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे ने एनबीटी ऑनलाइन से खास बातचीत में कहा कि मुझे अब भी पूरा विश्वास है कि बीजेपी रामविलास की पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए यह डील (गठबंधन) फाइनल करवाना चाहते हैं। चौबे ने कहा, 'मेरी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से बात हुई है। उन्होंने कहा है कि हम सभी पक्षों की राय जानने के बाद ही कोई आखिरी फैसला करेंगे। हम रामविलास के लिए अपनी पार्टी में बगावत नहीं चाहते हैं।
सूत्रों की मानें तो बिहार बीजेपी के 5 सीनियर नेताओं ने मंगलवार देर रात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी से बात की है। दोनों राष्ट्रीय नेताओं ने रामविलास की पार्टी से गठबंधन नहीं करने का आश्वासन दिया है। राजनाथ और मोदी से बात करने वाले ये नेता हैं- सी.पी. ठाकुर (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष), गिरिराज सिंह (पूर्व मंत्री), गोपाल नारायण सिंह (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष), चंद्र मोहन राय (पूर्व मंत्री) और अश्विनी चौबे (पूर्व मंत्री)।
इन पांचों में नाम न बताने की शर्त पर एक ने कहा, 'नरेंद्र मोदी भी इस गठबंधन के खिलाफ हैं। लेकिन, पार्टी के कुछ सीनियर नेता इस गठबंधन के लिए मोदी पर दबाव बना रहे हैं। उनका इशारा बिहार से आने वाले एक पूर्व केंद्रीय मंत्री की तरफ था।'
'...तो बीजेपी के लिए बन जाऊंगा काल'
वहीं, औरंगाबाद की सीट जेडीयू के वर्तमान सांसद सुशील सिंह के लिए छोड़े जाने की बात पर सीनियर बीजेपी नेता रामाधार सिंह ने किसी भी हद तक जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी सुशील कुमार सिंह को लोकसभा के लिए सीट छोड़ती है तो वह दोनों (सुशील सिंह और बीजेपी) के लिए 'काल' बन जाएंगे। उन्होंने एनबीटी के साथ बातचीत में खुलकर कहा कि हमें पीएम कैंडिडेट के रूप में नरेंद्र मोदी स्वीकार हैं, लेकिन सुशील सिंह की कीमत पर नहीं। उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी के सीनियर नेता इस तरह के आत्मघाती कदम नहीं उठाएंगे। वह सुशील सिंह के लिए सीट नहीं छोड़ सकते।
उन्होंने एक कविता कहते हुए अपने भावी सियासी कदम की तरफ संकेत दे दिया। उन्होंने कहा-
वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या
जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या,
यदि धाराएं प्रतिकूल न हों॥
इस मुद्दे पर जब बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और संगठन प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने इनकार कर दिया।
एलजेपी के एक मात्र विधायक का इस्तीफा
वहीं, बिहार के लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) विधायक जाकिर अली ने पार्टी छोड़ी दी है। बिहार विधानसभा में LJP के एकमात्र विधायक थे जाकिर अली। बताया जा रहा है कि जाकिर अली बीजेपी के साथ हो रहे गठबंधन के सख्त खिलाफ हैं।
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