Tuesday 23 February 2016

बेवक़ूफ़ समझा है क्या मनमानी कब तक ?

 जब कोई दबंग आदमी किसी गरीब को मारता पिटता है तो बेचारा गरीब आदमी न्याय के खातिर थाने पर रिपोर्ट करने जाता है, ये देख दबंग शातिर व्यक्ति ..की वह अब फंस जायेगा..वो भी घर की किसी महिला का कपड़े खुद फाड़ के थाने पहुँच जाता है..और उस गरीब पर उलटे इल्जाम लगाता है कि उस गरीब ने उसकी औरत के साथ जबरदस्ती की...!
यही काम पटियाला कोर्ट के वकीलों ने किया है....जब पत्रकार उनसे पूछ रहें है कि उन्होंने कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश क्यों की ? तो वो अपने बचाव में ये कह रहे है कि ....JNU के
लोग अफजल गुरु जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे...!!
बन्धुओं ...!! ये दावपेंच बहुत पुराना हो गया है....जनता सब जानती है...!!

संविधान में ऐसा कहाँ लिखा गया है कि भारत में सिर्फ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना ही देशद्रोह की श्रेणी में तो आता हो पर भारत में ही हिमाचल प्रदेश के शहर मनाली के पास इज़राईलियों के बनाये गये एक गाँव में जहाँ भारतीयों का जाना भी बैन है के लिये चुप रहना देशभक्ति की श्रेणी में आता है ?
मोदी , संघ प्रमुख मोहन भागवत या किसी संघीय ने अगर अपनी माँ का दूध पिया है तो हिमाचल में बसे इस गाँव में घुसना तो छोडो इसके ख़िलाफ बोलकर दिखायें ,

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