Wednesday, 10 August 2016

भ्रष्टाचार को कैसे ओर कौन रोके समाधान हैं?

वैज्ञानिक समाधान- हमारे भारत में भ्रष्टाचार रोकने के लिए बहुत से कदम उठाने की सलाह दी जाती है, उनमें से कुछ प्रमुख हैं ?
सभी कर्मचारियों को वेतन आदि नकद न दिया जाय बल्कि यह पैसा उनके बैंक खाते में डाल दिया जाय.
कोई अपने बैंक खाते से एक बार में
दस हजार तथा एक माह में पचास हजार से अधिक न निकाल पाए. अधिकाधिक लेना-देन इलेक्ट्रोनिक रूप में की जाय.
बड़े नोटों (१०००, ५०० आदि) का प्रचालन बंद किया जाय.
जनता के प्रमुख कार्यों को पूरा करने एवं शिकायतों पर कार्यवाही करने के लिए समय सीमा निर्धारित हो. लोकसेवकों द्वारा इसे पूरा न करने पर वे दंड के भागी बने.
विशेषाधिकार और विवेकाधिकार कम किये जाँय या हटा दिए जांय.
सभी 'लोकसेवक' (मंत्री, सांसद, विधायक, ब्यूरोक्रेट, अधिकारी, कर्मचारी) अपनी संपत्ति की हर वर्ष घोषणा करें.
भ्रष्टाचार करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया जाय. भ्रष्टाचार की कमाई को राजसात (सरकार द्वारा जब्त) करने का प्रावधान हो.
चुनाव सुधार किये जांय और भ्रष्ट तथा अपराधी तत्वों को चुनाव लड़ने पर पाबंदी हो.
विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों का काला धन भारत लाया जाय और उससे सार्वजनिक हित के कार्य किये जांय.
ये सब मांगें वो हैं जो देश को आगे बढ़ाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं,  लेकिन इन मांगों को उठाये तो उठाये कौन सवाल ये है ?
चलो मान लो मैं आवाज़ उठा देता हुँ तब क्या होगा जानते हैं सारी पार्टियां एक हो जायेंगी ओर मेरे ख़िलाफ़ देश को बांटने ओर जनता को भड़काने का आरोप लगेगा ओर जनता देश की जनता यक़ीन भी कर लेगी, जानते हैं क्यूं क्यूंकि मैं इस देश का एक बदनसीब मुस्लमान हुँ ओर यहां राजनीति धर्म को बांटकर की जाती है ख़ासकर मुस्लिमों को निशाना ओर मोहरा बनाकर.
जबकि मुझको अपने हिन्दोस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व है ,ओर मैं दिल पर हाथ रखकर कह सकता हुँ कि मैं ईमानदार हुँ, देश का सच्चा सिपाही हुँ अपनी कलम को देशहित के लिए बिन लालच इस्तेमाल करता हुँ ओर निडरता से करता हुँ.
अब हल कैसे हो तब हमको ज़रूरत है एक बार फ़िर मुल्क की जनता की आंखें खोलकर बड़े आन्दोलन की जो निडरता से हो मौत को देश की अज़मत की ख़ातिर कुर्बान करने की चाह के साथ.
एस एम फ़रीद भारतीय
संयोजक- "आओ मिलकर आवाज़ दें मोर्चा"

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