Friday 17 February 2017

भगवान रामचंद्र जी की प्रेस कांफ्रेंस, ध्यान रहे, यह एक कल्पना-मात्र है ?

"मेरे मन की बात"
एस एम फ़रीद भारतीय
युद्ध में लंकाधिपति रावण का वध करने, और विभीषण का राज्याभिषेक करवाने के बाद जब भगवान रामचंद्र अपनी पत्नी सीता और अपने अनुज लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटकर आए थे, यदि उस समय मीडिया रहा होता तो संवाददाता सम्मेलन, यानि प्रेस कॉन्फ्रेन्स, में उनसे क्या-क्या प्रश्न किए जाते…?
आपने अपनी टीम के महत्वपूर्ण घटक श्री हनुमान को लंका में
सीता की खोज करने तथा संदेश देने के उद्देश्य से भेजा था, परन्तु उन्होंने वहां जाकर आग लगा दी, क्या इससे यह साफ नहीं हो जाता कि आपकी टीम में अंदरूनी तौर पर वैचारिक मतभेद हैं…?
क्या श्री हनुमान के विरुद्ध अशोक वाटिका उजाड़ने के आरोप में वनविभाग द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए…?
आपके एक अन्य सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई महाबली बाली का राज्य हड़पने का आरोप है, क्या आपने इसकी जांच करवाई…?
क्या यह सच नहीं है कि बाली का राज्य हड़पने की श्री सुग्रीव की साजिश के मास्टरमाइंड आप स्वयं हैं…?
आप 14 साल तक वनवास में रहे, क्या आप स्पष्ट रूप से बता सकेंगे कि आपको वहां अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहां से मिलते रहे…?
क्या आपने किसी स्वतंत्र एजेंसी से उस फंड का ऑडिट करवाया है…?
क्या आप बताएंगे कि आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया, जबकि अन्य अनेक देशों में भी राक्षस (यहूदी, ईसाइ ओर मुस्लिम) शासनारूढ़ थे, क्या यह अपने ही भाई की लंका सरकार को निजी या (यहूदी,ईसाई ओर मुस्लिमों से मिलने) के कारणों से अस्थिर करने की साजिश नहीं थी…?
क्या यह सच नहीं है कि रावण को परेशान करने के मक़सद से आपने उनके परिवार के निर्दोष लोगों, जैसे कुम्भकर्ण, पर (यहूदी ईसाई ओर मुस्लिमों) के बहकावे मैं आकर हमला किया…?
क्या आपकी टीम के श्री हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड़ उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं, क्या आप इसे वन संपदा के साथ भी खिलवाड़ नहीं मानेंगे…?
क्या यह सच नहीं कि आपने रावण पर आक्रमण करने से पहले समुद्र पर लंका तक बनाए गए पुल का ठेका नल और नील को अपने करीबी होने के कारण दिया…?
बताया गया है कि आपने पुल बनाने के लिए छोटी-छोटी गिलहरियों से भी काम करवाया, क्या इसके लिए आपके विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम तथा बालश्रम कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए…?
आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्ध के समय देवराज इन्द्र से राजकीय सहायता प्राप्त की और उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया, क्या इससे आप इन्द्र की ‘टीम ए’ सिद्ध नहीं होते…?
क्या इस सहायता के बदले आपने इन्द्र से यह वादा नहीं किया कि अयोध्या का राजा बनने के बाद आप उन्हें अयोध्या के आसपास की जमीन दे देंगे…?
स्वर्ग की दूरी अयोध्या की तुलना में कई गुणा अधिक है, परन्तु युद्ध के दौरान आपने अयोध्या से रथ न मंगवाकर इन्द्र से रथ मंगवाया, क्या यह निर्णय इन्द्र की कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं किया गया…?
जाम्बवंत द्वारा युद्ध में आपको दी गई सहायता और परामर्श के बदले क्या आपने उन्हें राष्ट्रपति बनाने का वादा नहीं किया…?
क्या विभीषण को अपनी टीम में शामिल करके आपने दल-बदल कानून का सरासर उल्लंघन नहीं किया…?
और आखिरी सवाल, आपने भरत को राजा बनाया… क्या आपको अपनी नेतृत्व क्षमता पर संदेह था…?
आज की मीडिया के हिसाब से ज़रा भी सच लगे तो सभ्य भाषा मैं जवाब ज़रूर लिखें. 
धन्यवाद

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

हिंदू ख़तरे मैं है कहने और कहकर डराने वालों से सवाल...?

दुनियां के मुस्लिम देश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या (करीब करीब कुछ इस तरहां है)  इंडोनेशिया- 44,80,000 , मलेशिया- 20,40,000 ,...