दोस्तों बकरीद (ईद-उल-अज़हा) करीब है, क़ुरबानी को लेकर कुछ लोगों के दिमाग में कन्फ्यूज़न है कि गोश्त की दुकानों या बूचड़खानों के ताल्लुक़ से जो शासनादेश है क्या उसका कोई असर क़ुरबानी पर भी पड़ेगा, तो हम आपलोगों को साफ कर देना चाहते क़ुरबानी जैसे हमेशा होती थी उसी तरह से होनी है इस सम्बन्ध में कोई बदलाव नहीं है । ये हमारी धार्मिक परम्परा है और
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 ने हमें अपने धार्मिक परम्पराओं को निर्बाध रूप से मानने की गांरटी दी है इसके अलावा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 स्पष्ट रूप से धार्मिक आयोजनों के लिए होने वाली पशुबलि के लिए छूट प्रदान करती इसीके आधार पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2015 और 2016 में दोनो बार बकरीद के अवसर पर कुर्बानी को रोकने के लिए दाखिल की गई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और 23 मई 2017 की केंद्र द्वारा कुर्बानी के लिए पशु बाज़ार में होने वाली खरीद फरोख्त सम्बन्धी अधिसूचना पर भी रोक लगा दी है यानी अब आप पहले की तरह बाज़ार से कुर्बानी के लिए जानवर खरीद सकते हैं किसी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए आप सीधे हमारे नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं मोबाइल नम्बर 9818557097 मौहम्मद मन्नान एडवोकेट सुप्रीमकोर्ट ओर 9808123436 यूपी वेस्ट से मानवाधिकार कार्यकर्ता एस एम फ़रीद भारतीय का है, इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाएं और ना अफवाह फैलाएं ना फैलने दें , आसानी के लिए नीचे कुछ न्यूज़ के लिंक भी दिए दे रहा हूँ ।
केंद्र की पशुबाज़ार में कुर्बानी के लिये होने वाली खरीद फरोख्त पर रोक लगाने वाली अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश
http://m.jagran.com/news/national-supreme-court-suspends-centres-rule-banning-sale-of-cattle-for-slaughter-16348984.html?src=articleREL
2015 और 2016 में कुर्बानी को रोकने के लिए दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार किया
http://m.timesofindia.com/india/Cant-interfere-in-animal-sacrifice-tradition-Supreme-Court/articleshow/49144192.cms
http://wap.business-standard.com/article/news-ani/sc-refuses-to-entertain-plea-questioning-animal-sacrifice-on-bakraeid
Regards,
Mohammad Mannan,
Advocate
Supreme Court
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