Monday 12 February 2018

जितना अपमान करना है करो इतिहास ख़ुद को दोहरायेगा ?

*एस एम फ़रीद भारतीय*
आज मुल्क मैं अपमान पर अपमान करने की होड़ लगी है कि कौन बड़ा अपमान करता है, कोई संविधान का अपमान कर रहा है, कोई देश का तो कोई मान ओर मर्यादा का, कोई कानून का, कोई महिलाओं का, कोई अदालत का तो कोई देश की जनता के साथ साथ हैवान बनकर जानवर ओर मासूमों का इसी कड़ी मैं हद तब हो गई जब आज एक सिनकी ने देश की सेना का अपमान करते हुए सेना के मनोबल को तोड़ने की कोशिक की ?

देश मैं अपमानों की बाढ लाने वालो याद रखो इतिहास हमेशा ही खुद को दोहराता है ओर बड़बोला इंसान अपने बड़बोलेपन से कभी कभी वो कर जाता है जो उसको नहीं करना चाहिए ओर आज हो भी वही रहा है आज ये देश मैं अपमान करने वाले ख़ुद की उन बातें को भी उजागर कर रहे हैं जो इन्होंने चोरी छुपे बंद हो कर एकांत मैं अपनी ग़ेरकानूनी तैयारियां की हैं जिसको ये पहले नकारते थे आज उसको शान समझकर बखान कर रहे हैं, सही भी है वक़्त की बात है आज कुछ भटके हुए लोगों की वजह से वक़्त इनके साथ है या मैं यूं कहूं कि कुछ छुपे कामों को उजागर करवाने के लिए ही वक़्त इनके साथ गया है ?
मगर ये वक़्त को अपनी मुठ्ठी मैं क़ैद करने वाले भूल रहे हैं कि वक़्त ना तो किसी का ग़ुलाम है ओर ना ही ये कभी किसी से क़ेद हुआ है क्यूंकि वक़्त ख़ुद एक बादशाह है ये किसी के पास कुछ वक़्त के लिए ठहर तो जाता है लेकिन कभी किसी का ग़ुलाम नहीं रहा, इतिहास वक़्त को ग़ुलाम करने की भूल करने वालों से भरा पड़ी है ओर इतिहास मैं उनका अंजाम क्या हुआ ये भी काले अक्षरों मैं लिखा हुआ है!
आज जिनके पास ये वक़्त ठहरा है वो अपने को बादशाह समझ रहे हैं ओर ये भूलकर वक़्त के साथ संविधान का भी अपमान कर रहे हैं कि ये जो कर रहे हैं इसका थोड़ा हक़ हमारे देश के महान संविधान ने ही दिया है ओर ये लोग उसी संविधान का अपमान करने से बाज़ नहीं आये रहे बड़े बड़े बोल बोलकर फिर से काठ की हांढी चढ़ाने की सोच रहे हैं वो भी से भूलकर कि काठ की हांढी बार बार नहीं चढ़ती ओर ना ही किसी मदारी का जादू बार बार असर करता है ?
आज जो कुछ हो रहा है वो सबकुछ प्लान के साथ देश मैं किया जा रहा है देश की तरक्की ओर आगे बढ़ाने की बातें सिर्फ़ एक जुमला हैं जबकि हक़ीकत मैं देश तक़लीफ़ों को खोद खोद कर बाहर निकाला जा रहा है ओर ये भूलकर कि जब वक़्त करवट बदलेगा तब क्या अंजाम होगा ?
मुझको वरिष्ठ नागरिक एक सच्चे इंसान कपिल सिब्बल के वो ब्यान याद आ रहे हैं जो अभी जल्दी ही उन्होनें राज्य सभी मैं चेतावनी के रूप मैं आज के लोगों को दिये ओर समझाने वाले शब्दों मैं कहा था कि अब वो वक़्त आप लोग पैदा कर रहे हैं कि आने वाले कल लड़ाई देश मैं किसी जाति या धर्म की नहीं बल्कि सच्चे हिंदू ओर फ़र्जी हिंदू के बीच होगी ?
सच ही कहा है शायद कपिल जी ने लेकिन मेरी सोच मैं ये भी ग़लत है क्यूंकि इस लड़ाई मैं भी ख़ून बेगुनाहों ओर भटके हुए लोगों का ही बहेगा, जान भी मासूमों की ही जायेगी, इंसान इंसान से लड़ेगा, क्या ये देश के लिए अच्छा होगा नहीं ना ?
तब हमारे नौजवानों को अपना अच्छा भला सोचकर क़दम उठाना चाहिए ओर याद रखना चाहिए कि वो देश का भविष्य हैं !
जय हिंद

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