एस एम फ़रीद भारतीय
साहब को कुछ ना मिला तो देखा कैसे साहब ने अपनी टीम को चाटूकारों के साथ राहुल के पीछे ये जानने को लगा दिया कि वो करते क्या हैं।
तब चाटूकारों की टीम ने साहब को बताया कि राहुल जनेऊ पहनते हैं और पूजा के समय मंदिर में गौत्र भी बता रहे हैं, फिर क्या था दिमाग में गौबर भरी टीम जुट गई भांडो के
साथ स्टूडियो में हल्ला मचाने, नतीजा क्या मिला पांच राज्यों में साहब की जमी जमाई सत्ताई बर्फ़ पिघल गई सत्ता से बाहर हो गये.
आज भी साहब और साहब की टीम अपनी गलतियों से सबक़ ना लेकर जनता की फ़िक्र को छोड़ राहुल के पीछे लगे हैं, कहने को साहब अपने को अकेला कहते हैं मगर ये भूल जाते हैं कि जनता और देश साफ़ देख रहा है साहब आपके साथ गोदी मीडिया और भांडों की पूरी टीम है, जबकि राहुल यहां अकेले ही जनता के बीच जनता के साथी बनकर खड़े हैं।
मैं राहुल गांधी की इस कला का दीवाना हो गया, पहले में कांग्रेस से भी उतनी ही नफ़रत किया करता था जितनी संघ और उसके भड़काऊ संगठनों से, मगर राहुल की मासूमियत और साहब की बेवकूफ़ी ने मुझे ही नहीं ना जाने कितने देश वासियों को अपना हमदर्द बना लिया या यूं कहुं तो बेहतर होगा कि साहब की टीम और चाटूकारों ने बनवा दिया, जानते हैं सबसे प्यारी अदा जो संस्कारों से ही मिलती है वो मुझे राहुल की क्या लगी...?
राहुल गांधी की वो अदा है अपने लिये ही नहीं अपने शहीद बाप और दादी के साथ अपनी त्यागी मां को मिल रही गालियों पर भी मुस्कुराते हुए कहना कि जितनी गालियां देनी हैं मुझे दो मगर देश को लूटना और जनता से छल करना बंद करो, मुझे याद आ रहा है अब से दो साल पहले भी भरी संसद में राहुल गांधी ने साहब यानि मोदी जी को एक मंत्र देते हुए कहा था कि आप किसान और मज़दूरों के लिए काम करें, देश की जनता आपको गले से लगा लेगी, मगर साहब ने बहुत हल्के में लिया.
और राहुल की इस अदा ने राहुल को भी अपनी मां सोनिया गाँधी जी की कतार में खड़ा कर दिया जिस कतार में वो अकेली हैं कोई दूसरा नहीं था, अब है तो उनका बेटा राहुल गांधी है, जानते हैं वो कतार कौनसी है जो सोनिया गाँधी जी ने बनाई थी? जनाब वो कतार है सत्ता हाथ में होते हुए भी पीएम पद को त्यागना...!
सलाम है राहुल जी तुमको और तुम्हें जन्म देने वाले माता पिता को जो तुमको इतना सहनशील और त्यागी बनाया, क़सम से ज़रा सी ताक़त मिलते ही लोग आपे से बाहर हो जाते हैं, लेकिन आप इतने पावरफ़ुल घराने में जन्म लेने के बाद भी अपने को एक आम इंसान ही बनाये रखा ये तालीम का ही असर है, और इस तालीम की मिसाल प्रियंका वडेरा दूसरी बड़ी मिसाल हैं, कैसे बनाये रखते हो इतनी सहनशीलता मेरे भाई मंत्र ज़रूर बताना अगर मेरा लेख आप तक पहुंचे तो...?
जय हिंद जय भारत
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