Thursday 12 December 2019

लोकतंत्र को मज़ाक बना दिया है बहुमत सत्ता के ख़िलाफ़ है जबकि...?

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एस एम फ़रीद भारतीय"
2019 में कुल 90.90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के पात्र थे जिनमें से 67 प्रतिशत से अधिक ने वोट डाला है और इस बार लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड
मतदान भी हुआ, यानि करीब 67 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को कुल 17.16 करोड़ वोट मिले थे लेकिन इस बार यह आंकड़ा 33.45 प्रतिशत बढ़कर 22.90 करोड़ को पार कर गया, जिसपर चुनाव पर कड़ी निगाह रखने वालों के साथ आम नागरिकों को भी इस बढ़े वोट की कोई ख़ास वजह नज़र नहीं आई.

लेकिन चुनाव हो चुका परिणाम आ चुके तब तो यक़ीन करना ही होगा ओर किया भी, बेशक इस चुनाव के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग पर लेखक पत्रकार ओर समाजसेवी आज भी अपनी क़लम से उंगलियां उठा रहे हों, इस लेख का मुद्दा ये नहीं है चुनाव कैसे हुआ परिणाम क्या रहा.

मुद्दा है संसद में सत्ता पक्ष के नेताओं ओर मंत्रियों द्वारा कहे जाने वाले "शब्द" जो बार बार कहते हैं सरकार के साथ सवा सौ करोड़ लोगों की राय है, हमारे पास जनमत है, हमको लोगों ने चुना है, बहुमत हमको मिला है, हम सवा सौ करोड़ भारत वासियों की आवाज़ हैं, हम जो कर रहे हैं वो सवा सौ करोड़ भारत वासियों के बल पर कर रहे हैं आदि आदि.

तब हर उस भारतवासी को हंसी आती है जिसको ये जबरन अपने साथ मिला लेते हैं, लोकतंत्र है ना ओर लोकतंत्र ने ही खुलकर बोलने की आज़ादी दी है, मगर जब किसी कानून की बात आये तब लोकतंत्र में सत्ता पर काबिज़ दलों को सोचना चाहिए जो वो कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसका अधिकार जनता ने उनको नहीं दिया है, देश का बहुमत आपके ख़िलाफ़ है, क्यूंकि 62.62% जनता ने आपके विरोध में मतदान किया है.

क्यूंकि 62.62 भारत की जनता ने वोट के समय सत्ताधारी पार्टी को नकारा है, सत्ता के लिए सीट बहुमत बिल्कुल मिला है हर देशवासी इसका सम्मान करता है, लेकिन वोट प्रतिशत के लिहाज़ से सत्ताधारी पार्टी को बस 37.38 प्रतिशत वोट मिला है, जिसे आप कानून को बनाने या बदलने के रूप में भारी बहुमत कहकर बदल नहीं सकते, देश में अगर देखा जाये तो बिखराओ के कारण भी वोट आपके पक्ष में कम ओर आपके नियम नीति के ख़िलाफ़ अधिक पड़ा है।

संविधान ने जहां आपको सत्ता सुख भोगने का अधिकार दिया है वहीं आपको सचेत भी किया है कि आप संविधान के किसी भी मूल रूप से छेड़छाड़ करें, इसी का नतीजा है जब देश के कई राज्य आपकी हिटलर शाही नीति के विरोध में सड़कों पर उतर चुके हैं, जनता ने आपको बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि जैसी समस्याओं से निजात के लिए वोट किया, मगर आप जनता को दे क्या रहे हो, किसी भी कानून से छेड़छाड़ करने से पहले आपको देखना पड़ेगा पांच साल हुकुमत पर काबिज़ रहने के बाद 62.62% लोग आपकी नीति ओर नीयत के खिलाफ़ थे अब तो प्रतिशत कुछ ओर ही होगा.
जय हिंद जय भारत

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