"एस एम फ़रीद भारतीय"
आज हमारे देश चिकित्सक युवती की गैंगरेप के बाद हत्या के विरोध में पूरा देश एक जुट हो रहा है, लोग दोषियों को तुरंत फांसी देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारे ही देश में दिल्ली के
निर्भया केस में पीड़ित छात्र की मां अब तक आरोपियों की फांसी की सज़ा के लिए कोर्ट के चक्कर काट रही है.
वहीं दुनिया के दूसरे देशों की बात करें तो कुछ देश ऐसे हैं जहां बलात्कार के दोषियों को 24 घंटों के अंदर-अंदर सजा ए मौत दे दी जाती है, आईये जानते हैं कि किस देश में बलात्कार को लेकर कौन से कानून हैं और बलात्कारियों को कैसी सजा दी जाती है.
12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप पर फांसी की सजा सिर में गोली मार दी जाती है, वहीं उत्तर कोरिया के बारे में तो सब जानते ही होंगे कि यह देश कितना सख्त है, वैसे भी कभी भी अपराधियों के प्रति यह दया या सहानुभूति नहीं दिखाता है, यहां रेप के लिए केवल एक ही सजा है और वो है सज़ाऐ मौत, यहां बलात्कारी को सरेआम सिर में कई गोलियां दागी जाती हैं.
अरब मुल्क संयुक्त अरब अमीरात में एक हफ्ते के अंदर दी जाती है फांसी, वैसे संयुक्त अरब अमीरत में अलग जुर्मों के लिए कुछ अलग-अलग ही सजाएं हैं, लेकिन बलात्कारी को सीधे मौत की सजा सुनाई जाती है, वहीं यूएई के कानून के मुताबित यदि किसी ने सेक्स से जुड़ा अपराध किया है तो उसे सात दिनों के अंदर ही फांसी दे दी जाती है.
एक मुल्क ऐसा भी जहां काट दिया जाता है प्राइवेट पार्ट सऊदी अरब में इस्लामिक कानून शरिया को मान्यता दी गई है, इस देश में किसी भी अपराध के लिए मौत की सजा का ही प्रावधान है, अगर कोई भी शख्स रेप का दोषी पाया जाता है तो अपराधी को फांसी पर टांगने, सिर कलम करने के साथ-साथ उसके यौनांगों को काटने की सजा भी सुनाई जा सकती है.
पत्थरों से मार-मार कर हत्या इराक में बलात्कार करने वालों को मौत की सजा दी जाती है, लेकिन सजा देने का तरीका थोड़ा अलग होता है, रेप के गुनाहार को तब तक पत्थर मारे जाते हैं, जब तक की वो मर ना जाए, बलात्कार जैसे जुर्म करने वालों की मौत आसान नहीं होती है क्योंकि गुनाहगार पूरी पीड़ा और यातना से भी गुजरना पड़ता है.
सबसे अलग मुल्क यहां कुत्ते ओर सुअरों से कटवाकर मौत की सजा दी जाती है, वो देश है पोलैंड, पोलैंड में बलात्कार के आरोपी को सुअरों ओर कुत्तों से कटवाया जाता है, हालांकि अब एक नया ही कानून आ चुका है जिसमें आरोपी को नपुंसक बना दिया जाता है, डाल दिए जाते हैं महिला के हॉर्मोन्स इंडोनेशिया में बलात्कार करने वालों की भी अलग ही सजा है, यहां बलात्कार के आरोपियों को नपुंसक बनाने के साथ ही साथ उनमें महिलाओं के हॉर्मोन्स डाल दिए जाते हैं.
चीन भी बलात्कार की सज़ा के मामले में पीछे नहीं है, चीन में मेडिकल जांच की पुष्टि के बाद सीधे मौत की सजा सुना दी जाती है, चीन उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां रेप के विशेष मामले में मौत की सजा का प्रावधान है, यहां पर अब तक रेप की सजा में कई लोगों को मौत के घाट उतारा भी जा चुका है, चीन में इस जुर्म की सजा जल्द-जल्द दे दी जाती है, अगर खुलकर साफ़ शब्दों में कहें तो नो ट्रायल, सिर्फ़ मेडिकल जांच में प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड, क्यूंकि कई बार फांसी के बाद पता चलता है कि जिसे सजा दी गई, उसनें कोई गुनाह ही नहीं किया था.
मगर मेरे भारत में एक पीड़िता ऐसी भी जो कहती है मैंने 60 बार सुनाई अपने रेप की दास्तां’ आगे कहती है, 'चलती कार में गैंगरेप किया और मेरे भाई को भी पीटा गया, मुझे भी मारा और अश्लील वीडियो दिखाए गये, सिगरेट से जलाया गया, जो निशान मेरे शरीर पर अब भी हैं, रेप के बाद कपड़े पहनाकर मुंह में रुमाल बांध कर मेरे हाथों में 20 रुपये थमा दिए, और बोले घर चली जा' ये थे लखनऊ के आशियाना रेप कांड की पीड़िता के शब्द, जो आज भी रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं.
मेरे भारत में ऐसा क्यूं होता है ये जानते हैं आप, आज फिर प्रियंका रेड्डी के बलात्कार ओर जलाकर मारने की घटना के साथ में हुई बलात्कार की घटनाओं पर आवाज़ उठ रही है, मगर कुछ वक़्त बाद सब शांत हो जायेंगे, फिर कोई नया केस सामने आयेगा, फिर देश में कैंडिल मार्च निकलेंगे दो चार दिन गंगा मे होने ओर सब शांत हो जायेगा.
इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारे भूलने की बीमारी जो हमको विरासत में मिली है ओर अपनी युवा पीड़ी को भी हम परौस रहे हैं, जानते हैं कैसे...? आज सत्ताधारी पार्टी के 40% सांसदों पर हत्या ओर बलात्कार के केस दर्ज़ हैं, इनको संसद में किसने भेजा, क्यूं बने ये सांसद, कौन है इसका ज़िम्मेदार, सोचना ज़रूर ओर यही वजह है हमारे देश में बलात्कार के मामले कम नहीं होते क्यूंकि उनको सज़ा नहीं ईनाम दिया जाता है, फिर उन्ही से हम उम्मीद करते हैं कि वो हमको या जिसकी हम आवाज़ उठा रहे हैं इंसाफ़ मिले.
वहीं हमारे सूत्र बताते हैं ये कहानी ओर जुर्म की दास्तान यहीं ख़त्म नहीं होती देश में अनेक बड़े पदों पर बैठे लोग भी इस घिघौनी हरकत में शामिल हैं, पिछले साल सुना ही होगा देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे सुप्रीम कोर्ट के जज साहब पर बलात्कार के आरोप लगे थे मगर आरोप लगाने वाली भी बेदाग रही ओर जिनपर आरोप लगे वो भी बेदाग रहे, कभी सोचा ऐसा क्यूं हुआ...?
अब मचाते रहो शोर उठाते रहो आवाज़ क्या होता है, वो कोई बेवकूफ़ ही होगा जो अपनी ही क़लम से अपनी मौत के फ़रमान पर मुहर लगायेगा...!
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