Tuesday, 31 March 2020

कोरोना पहला केस 30 जनवरी को भारत में मिला...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
 जिस बात का डर था वही हो रहा है, आज निज़ामुद्दीन मरकज़ पर हल्ला काटने वाले, दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार भी जवाब दे, भारत में पहला केस कोरोना केस कब मिला...?

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 30 जनवरी को भारत में पहला कोरोना का मामला मिला, उस वक़्त सरकार किसकी थी, उस वक़्त की सरकार ने इस मामले की गंभीरता को नज़रांदाज़ क्यों किया, साथ ही चुनाव आयोग भी इस महामारी को लेकर गंभीर नज़र नहीं आया और आयोग ने भी घोषणा कर दी कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को वोटिंग और 11 फ़रवरी को वोटों की गिनती के बाद नतीजे...?


आपको याद दिला दे कि 30 जनवरी को पीटीआई समाचार ऐजेंसी ने केरल के लोकल अधिकारियों के हवाले से ख़बर दी है कि पिछले कुछ दिनों में चीन से लौटे कम-से-कम 436 लोगों की निगरानी की जा रही है, अधिकारियों ने बताया कि अब तक जितने भी लोगों के ख़ून के नमूने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी भेजे गए थे उनमें किसी का भी नमूना पॉज़िटिव नहीं पाया गया है.

तब केन्द्र सरकार ने अपने सांसद और मंत्रियों को दिल्ली चुनाव मैदान में उतार दिया वहीं शाहीनबाग को लेकर मुस्लिमों पर निशाना भी साधा गया, सबको मालूम है किस नेता ने तब क्या कहा और नतीजों से हड़बड़ाई भाजपा के कुछ नेताओं ने दिल्ली में नफ़रत के बीज बोकर दिल्ली को दंगे की आग में झोंक दिया, नतीजा सबके मालूम है.

साथ ही बात करते हैं 28 जनवरी की, तब भारत में लगभग 450 लोगों को कोरोना की निगरानी में रखने की बात की जा रही थी, उस वक्त सरकार ने ये भी दावा किया था कि सबसे ज्यादा लोग केरल में हैं, और 30 जनवरी को भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि चीन के वुहान विश्वविद्यालय से आए एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं....?

मगर सरकार से जुड़े मंत्रियों, सांसदों और भाजपा शासित राज्यों के नेताओं ने अपने को दिल्ली चुनाव में लगा दिया, केन्द्र की इस लापरवाही नतीजा आज पूरे देश को झेलना पड़ रहा है वहीं दलाल और गोदी मीडिया इस महामारी को भी हिंदू मुस्लिम करने में लगी है.

 जब मुसलमान लॉक डाउन के दूसरे ही दिन निज़ामुद्दीन मरकज़ में रह जाते है तो दलाल न्यूज़ वाले चिल्लाते है,  निज़ामुद्दीन मरकज़ में 1500 लोग छिपे हैं, और जब वैष्णो देवी में लॉक डाउन के बाद लोग रह जाते हैं, तो ये दलाल लिखते और बोलते हैं कि 1500 लोग वैष्णो देवी में फसे हैं, है ना कमाल की बात...?

मत भूलो देश भी एकता के साथ खड़ा होगा तब तुमको देश में हुई बर्बादी का सबक सिखाया जायेगा, मरकज़ वालों को कोरोना कहां से आया या मिला जवाब मिल गया होगा, और ये भी मत भूलना मरकज़ में आज मिले हैं और देश में....?

Friday, 27 March 2020

आसमानी आफ़त को बस आसमान वाला ही टाल सकता है...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
हारून रशीद के दौर में एक बहुत बड़ा कहद पड़ गया, इस कहद के असरात समरकन्द से लेकर बग़दाद तक और कूफ़ा से लेकर मराकीज़ तक ज़ाहिर होने लगे, हारून रशीद ने कहद को निपटने के लिए तमाम तदबीरें अपना ली गल्ले के गोदाम

Sunday, 22 March 2020

कोरोना पर चीन का बड़ा खुलासा....?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
चीन के वैज्ञानिकों ने लम्बी खोज के बाद बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना कुदरत और उसकी बनाई प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा है इसे किसी लैब में नहीं बनाया गया है...?

यानि यूं कहा जाये कि कोरोना

Thursday, 19 March 2020

केन्द्र ने CAA के जवाब मैं दाख़िल किया हल्फ़नामा...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट मैं जवाबी हलफनामा दा‌खिल करते हुए

Thursday, 12 March 2020

पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या मैं बेटा अनस गिरफ़्तार...?

एनबीटीवी न्यूज़-
बुलंदशहर यूपी- उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पूर्व बसपा विधायक हाजी अलीम के बेटे अनस को सीबीसीआईडी ने गिरफ्तार कर पिछले अठारह महीने से उलझे कैस को सुलझा लिया है, उसपर अपने ही पिता की हत्या करने का आरोप लगाकर गिरफ़्तार कर लिया है.

आपको बता दें पिछले साल अक्टूबर में हाजी

Friday, 6 March 2020

बाहुबली नाम क्यूं, मुख्तार अंसारी नाम ही काफ़ी है, आखिर क्यों जाने पूरा सच...?



"एस एम फ़रीद भारतीय"
मुख़्तार अंसारी की छवि भले ही एक बाहुबली की हो, लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि वर्तमान समय में देश में शायद ही कोई ऐसा जीवित व्यक्ति होगा, जिसके सगे दादा व नाना ने देश के लिए इतनी सेवाएं

Tuesday, 3 March 2020

राज्यसभा की प्रकिया के सामान्य नियम और सूचनाएं...?

223. सदस्यों द्वारा सूचनाएं
(1) इन नियमों द्वारा अपेक्षित प्रत्येक सूचना महासचिव को सम्बोधित करके लिखित रूप में दी जायेगी, और सूचना देने वाले सदस्य द्वारा हस्ताक्षरित की जायेगी, और राज्य सभा के सूचना कार्यालय में छोड़ दी जायेगी जो कि इस प्रयोजन के लिये

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...