Saturday 3 April 2021

जल ही जीवन है, सुना होगा मगर जल यानि पानी के कितने प्रकार होते हैं जाने...?

लेखक, सम्पादक
"एस एम फ़रीद भारतीय"
दोस्तों, 
आज के वातावरण में लोगों का संपर्क ज्यादातर दूषित पानी और हवा और भारी तनाव से होता है जिसकी वजह से शरीर में बड़ी मात्रा में अम्लीय व्यर्थ पदार्थ पैदा होते हैं। इसके अलावा  बुढ़ापे की वजह से भी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हमारे शरीर मे बीमारी न हो इसके लिए हम अच्छी अच्छी चीज़े खाते पीते हैं और बीमारियों से बचाव करने के लिए दवायों का प्रयोग करते हैं।अल्कलाइन पानी का उपयोग हर तरह की बीमारियों का सबसे बेहतर उपाय है.

कभी कभी अच्छा भोजन न खाने पीने की वजह से बुढ़ापा भी जल्दी आता है हमारे रोज के खान पान में लगभग 99% कार्बन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन की मात्रा मिली होती है और 1% मिनिरल होता है मिनिरल दो तरह का होते है क्षारीय मिनिरल और अम्लीय मिनिरल.

अदरक, मशरूम, मटर, केला, पालक में क्षारीय मिनिरल मिला होता है जबकि चावल, गेहूं, अंडा, बकरे और भैंस का मांस जैसे भोजन में अम्लीय मिनिरल होता है.

पाचन के बाद क्षारीय मिनिरल भोजन से क्षारीय व्यर्थ पदार्थ और अम्लीय मिनिरल भोजन से अम्लीय व्यर्थ पदार्थ बनाते है। यह अम्लीय पदार्थ हमारे शरीर से मूत्र और पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं.

यह अम्लीय व्यर्थ पदार्थ कई तरह की बीमारियों को पैदा करने में और बुढ़ापा लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है लेकिन जो अम्लीय व्यर्थ पदार्थ हमारे शरीर से बाहर नहीं निकल पाते वह हमारी शिराओं के साथ हमारे शरीर में घुमते रहते है और कहीं न कहीं हमारे शरीर के रुधिर वाहिकाओं में जमा हो जाते हैं.

जिससे रुधिर वाहिकाओं के कार्य मे रुकावट पैदा होती है परिणाम यह होता है कि हमारे शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं, जिस कारण कोशिकाएं निष्क्रिय हो जाती है और उत्पादन करना बंद कर देती है इसी कारण लोग जल्दी बूढ़े हो जाते हैं.

मानव शरीर के जिस अंग के रुधिर वाहिकाओं में जहां अम्लीय व्यर्थ पदार्थ जमा होते है उस अंग के कार्य क्षमता में धीरे धीरे गिरावट आने लगती है और कुछ समय बाद कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती है.

अल्कलाइन पानी जीवन का बहुत बड़ा स्त्रोत है। साधारण पानी पीने की तुलना में जब हम अल्कलाइन पानी पीते हैं तो यह शरीर में अम्लीय पदार्थ को प्रभावहीन करके उन्हें घुलनशील बना देता है जो मूत्र और पसीने के रूप में शरीर के बाहर निकल जाते है.

यही कारण है कि अल्कलाइन पानी को कई बीमारियों का इलाज माना गया है कई बीमारियों का मुख्य कारण वह अम्लीय व्यर्थ पदार्थ होते हैं जिनका शरीर से निष्कासन नहीं हो पाता और वह शरीर के मुख्य भागों में जमा हो जाते हैं और फिर धीरे धीरे अपने आस पास की कोशिकाओं में भी फैलने लगते हैं और फिर उन्हें धीरे धीरे निष्क्रिय करना शुरू कर देते हैं.

अम्लीय व्यर्थ पदार्थ से आमतौर पर तीन तरह की बीमारियां होती हैं-
1) ऑस्टियोपोरोसिस जो शरीर में जमा ठोस अम्लीय व्यर्थ पदार्थ के कारण होती है.
2) जिसमे ठोस अम्लीय जोड़ों और अन्य दूसरे अंगों को प्रभावित करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, गुर्दों की बीमारी, अर्थराइटिस और गठिया रोग की संभावना बढ़ सकती है.
3) जिसमे महीन रुधिर वाहिका बंद हो जाती है जिसके कारण शरीर के महत्वपूर्ण अंग वंचित रह जाते हैं रक्त और पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा न मिलने से मधुमेह, गुर्दे की बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप, कैंसर और अन्य बीमारियां हो सकती हैं.

इसलिए इस परिस्थिति को रोकने के लिए अल्कलाइन पानी पीकर अम्लीय व्यर्थ पदार्थ के जमा होने से हमें रोकथाम करनी चाहिए.

सामान्यता अल्कलाइन पानी को विभिन्न बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे कैंसर, उच्च रक्तचाप, हाइपोटेंशन, मधुमेह, गुर्दों की बीमारियां, गठिया, कब्ज,हैजा,मोटापा, सर दर्द, त्वचा रोग, त्वचा की एलर्जी, दमा, धाइराईड इत्यादि जिनका कारण अम्लीय व्यर्थ पदार्थ का बनना और शरीर में जमा होना है। स्वस्थ्य कोशिका क्षारीय और कैंसर कोशिका अम्लीय होती है.

अम्लीय व्यर्थ पदार्थ को प्रभावहीन करने का एकमात्र रास्ता अल्कलाइन पानी का उपयोग ही है वैज्ञानिकों द्वारा किये गए इस अविष्कार को आप जीवन का रहस्य भी कह सकते हैं अल्कलाइन पानी न केवल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है बल्कि बुढ़ापे की प्रक्रिया को भी धीमा करता है। इसलिए अगर आपको बढ़ती उम्र की गति को धीमा और अपने शरीर को बीमारियों से मुक्त करना है तो अल्कलाइन पानी जरूर पियें और हमेशा स्वस्थ बने रहें.

हम सभी लोग हर दूसरे या तीसरे इंसान से ये सुन लेते हैं कि, बीमारियों को दूर रखना है तो पानी पिएं,  लेकिन ये बात हर व्यक्ति पर अलग तरह से लागू होती है, हाइड्रेट रखेंगे स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, एनर्जी बनी रहेगी और दिमाग सही ढंग से काम कर पाएगा, जो लोग पानी पीते हैं वे अच्छी तरह इन सभी चीजों से वाकिफ़ होंगे, लेकिन हर प्रकार का पानी पीने से स्वास्थ्य को फायदा नहीं मिलता है, करीब 9 तरह के पानी होते हैं, हर पानी के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, खाली पेट इनके क्या फायदे होते हैं ये जानते हैं, कुछ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं तो कुछ नहीं भी होते, आइए जानते हैं पानी के प्रकार और फ़ायदा नुकसान...?

1. टैप वॉटर (Tap Water) ये वो पानी है जो घर के पाइपों में आता है. जिससे पब्लिक टॉयलेट, किचन सिंक और बनर्न साफ किए जाते हैं. दिखने में ये साफ मोटी जैसा दिखता है लेकिन इसके स्वास्थ्य के लिए ये काफी नुकसानदेह होता है. कई लोग टैप वॉटर पीना पसंद करते हैं.
फायदेः यूएस के लोगों के लिए टैप वॉटर पीना सही है लेकिन भारत में ये पानी काफी गंदा आता है. हालांकि ये स्वास्थ्य के लिए केवल नुकसानदेह ही होता है.

नुकसानः इंडस्ट्री में पानी साफ करने की कई चीजेंतैयार होती है जिनकी मदद से टैप वॉटर को साफ किया जा सकता है लेकिन ये पीना सही नहीं है. गार्डियन में हाल ही में आए शोध से पता चला है कि टैप वॉटर में प्लास्टिक के कुछ तत्व पाए गए हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं. ये पानी एल्यूमिनियम और पेस्टीसाइड से भरा होता है. इसलिए फिल्टर हुआ पानी ही सेहत के लिए सही विकल्प है.

2. मिनरल वॉट (Mineral Water)
नाम से ही पहचाने जाने वाला पानी मिनरल्स से भरा होता है. इसमें सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है. जो सभी चीजें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं.

फायदाः मिनरल्स युक्त पानी पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और स्वाद में भी बढ़िया होता है.
नुकसानः मिनरल्स युक्त पानी पर हर व्यक्ति खर्च नहीं कर सकता. अगर मिनरल्स युक्त पानी नहीं पी पा रहे हैं तो डायट पर ध्यान दें. पोषक तत्वों की कमी पूरी कर पाएंगे.

3. स्प्रिंग या ग्लेशियर वॉटर (Spring or Glacier Water)
ये एक ऐसे प्रकार का पानी होता है जो बोतल बंद होता है और बताता है कि ये ग्लेशियर वॉटर है.

फायदेः अनुमान के हिसाब से देखा जाए तो माना जाता है कि ये सेहत के लिए सबसे साफ पानी होता है, इसमें किसी भी प्रकार के विषैले पदार्थ नहीं पाए जाते हैं, मिनरल वॉटर में पाए जाने वाले ही मिनरल्स इसमें भी पाए जाते हैं, ये आसानी से मार्केट में उपलब्ध होता है.

नुकसानः टैप वॉटर की तुलना में स्प्रिंग वॉटर थोड़ा महंगा होता है, ये फिल्टर न हुआ, कच्चा और बेस्वादा पानी होता है, कई बार इसे पीने से लोग बीमार भी हो जाते हैं.

4. स्पार्कलिंग वॉटर (Sparkling Water) ये सोड़ा पानी या कार्बोनेटेड वॉटर के नाम से जाना जाता है. स्पार्कलिंग वॉटर में कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है.

फायदेः ये मुंह में अलग स्वाद देता है, अगर आप कुछ फिज़ी पीने का मन होता है तो ये ले सकते हैं, इसमें किसी भी प्रकार की आर्टिफिशियल चीनी नहीं मिली होती है.

ऐसा माना जाता है कि मार्केट में उपलब्ध स्पार्कलिंग वॉटर में किसी न किसी प्रकार की चीनी मिली होती है,
नुकसानः हालांकि, स्पार्कलिंग वॉटर में मिनरल्स होते हैं लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह से सेहतमंद नहीं होते हैं, ये काफी महंगा भी होता है.

5. डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled Water) ये उबला हुआ पानी होता है. इसमें बनने वाला भाप दोबारा पानी में बदल जाता है.

फायदेः अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां साफ पानी मिलने में दिक्कत हो रही है. तो पानी को उबालकर पी सकते हैं.

नुकसानः डिस्टिल्ड वॉटर में विटामिन्स और मिनरल्स नहीं होते हैं.

6. प्योरिफाइड वॉटर (Purified Water) ये टैप या ग्राउंड वॉटर होता है जिसे प्योरिफाई किया जाता है. इसमें से हर प्रकार के बैक्टीरिया, फंगाई और पैरासाइट निकाल दिए जाते हैं. इसका मतलब है कि ये पीने में एकदम सेफ होता है.

फायदेः अगर आपके पास प्योरिफाई होकर डायरेक्ट पानी आ रहा है तो वह सेहत के लिए फायदेमंद होता है. कई देश ऐसे हैं जहां टैप वॉटर ही प्योरिफाई होकर आता है. तो अगर आप किचन सिंक से भरकर क गिलास पानी पी रहे हैं तो ये सेहत के लिए किसी भी तरह से नुकसानदेह नहीं है.

नुकसानः ये काफी महंगा होता है. अगर आप टैप में प्योरिफाई लगावा रहे हैं तो खर्चा काफी हो सकता है जो हर कोई सहन नहीं कर सकता.

7. फ्लेवर या इंफ्यूज किया पानी (Flavored or Infuse Water), फ्लेवर वॉटर एक ऐसा पानी होता है जिसमें मिठास मिलाई जाती है. ये आर्टिफिशियल होने के अलावा नैचुरल फ्लेवर भी हो सकता है.

फायदेः साधारण पानी में फ्लेवर मिला होता है. फ्लेवर पानी की खपत ज्यादा होती है. क्योंकि इसमें व्यक्ति को प्लेन पानी नहीं बल्कि स्वादिष्ट पानी पीने के लिए मिलता है.

नुकसानः फ्लेवर पानी में मीठा या आर्टिफिशियल स्वीटनर मिलाया जाता है. इससे वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है. यहां तक की इससे डायबिटीज़ तक होने का खतरा हो सकता है.

8. एल्कलाइन वॉटर (Alkaline Water)
इस पानी का पीएच लेवल काफी ज्यादा होता है, इसमें मिनरल्स और ओआरपी (नेगेटिव ऑक्सिडेशन रिडक्शन पोटेंशियल) पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.

फायदेः इसका पीएच ज्यादा होता है इसलिए ये पानी शरीर में एसिड को समांतर करता है, एजिंग प्रक्रिया को धीमा करता है और कैंसर से बचाव करता है.

नुकसानः हालांकि, एल्कलाइन पानी पीना सेहत के लिए अच्छा होता है क्योंकि ये पेट का एसिड कम करता है, लेकिन गंदे बैक्टीरिया को ये नहीं मार पाता है, इसलिए जी-मिचलाना और उल्टी आना जैसी समस्याएं होने का खतरा होता है.

9. वेल वॉटर (Well Water), ये सबसे गंदा पानी माना जाता है. ये न तो साफ होता है और न ही सेहत के लिए फायदेमंद.

फायदेः फायदा इसका एक भी नहीं है जिस पर गौर किया जाए.

नुकसानः पानी खराब होता है. इसमें मौजूद पैरासाइट्स इंफेक्शन को बढ़ावा देते हैं.

ज्यादा पानी पीना एक अच्छा उपाय है शरीर में अम्लता को कम करने के लिए अमेरिकी कैंसर केंद्र ने अपने मरीजों को प्राकृतिक पानी पिलाकर कैंसर चिकित्सा में बड़ा सुधार पाया और उनकी खोज से पता चला कि क्षारीय तत्व जो प्राकृतिक पानी में होते हैं पी एच(power of hydrogen) 7.5, अम्लीय व्यर्थ पदार्थ जमा होने से रोकथाम करता है.

पहला तरीका RO के पानी को अल्कलाइन करने का घरेलू तरीका...?
एक खीरा, आधा नीबू और एक ककड़ी लें और तीनों के बारीक पीस काटकर एक लीटर पानी मैं पूरी रात के लिए डाल दें, सुबह आपका पानी अल्कलाइन हो जायेगा, मगर ये पानी 18 से 20 घंटे ही अल्कलाइन रहेगा.

दूसरा तरीका जो सस्ता है, अल्कलाइन स्टोन जो तीन हज़ार लीटर पानी को अल्कलाइन करेगा और कीमत होगी तीन हज़ार से पांच हज़ार के बीच संपर्क करने के लिए कॉल करें, +919808123436 पर.

अब आप खुद ही सोचें, आपको पानी कौन-सा पीना चाहिए ये आप तय कर सकते हैं, कोई भी पानी पूरी तरह सेहतमंद नहीं होता है, लेकिन अवस्था के अनुसार इन्हीं मैं से एक चुनें, याद रखें अच्छी सेहत के लिए पानी हमेशा साफ पिएं.
#स्वच्छ_जल_स्वच्छ_जीवन

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