Thursday, 18 November 2021

अल्लाह के नाम की सिफ़त और 99 नाम को मायने...?

अरबी अक्षरों से बना शब्द "अल्लाह":
1. अलीफ़- यानि एक अल्लाह.
2. हम्ज़ा वस्ल (همزة وصل)- यानि इबादत के लायक.
3. लाम- इशारा है इबादत वाले की तरफ़.
4. लाम- ये भी इशारा उसी अल्लाह की तरफ़.
5. षद्दा (شدة)- यानि कोई एक.
6. अलीफ़ (ألف خنجرية) एक
7. ह् ना दिखने वाला यानि अल्लाह.

शब्द अल्लाह अरबी शब्द है, अरबी के इलावा अरहमिक, इब्रानी और अन्य सेमेटिक भाषाओं में भी यह शब्द अल्लाह देखा जा सकता है, क़ुरान के आने के पहले से ही यह शब्द प्रयोग में रहा है. 

हज़रत मुहम्मद सल्लाहु अलेयही वस्सलम के वालिद मोहतर्म का नाम अब्दुल्लाह रदीयल्लाहु अन्ह् था यानी "अल्लाह का बन्दा". हज़रत मुहम्मद सल्लाहु अलेयही वस्सलम पैदा होने से पहले ही जनाब अब्दुल्ला रदीयल्लाहु अन्ह् दुनियां से रूख़्सत हो गये थे, इस का मतलब यह है कि अल्लाह शब्द मुहम्मद (सअव) या क़ुरआन के आने बाद का नहीं है बल्कि पहले का ही है.

अल्लाह शब्द अल + लाह शब्दों से बना है, लाह शब्द का अर्थ सेमेटिक भाषाओं में ओर इब्रानी भाषा और पवित्र ग्रन्थों में भी देखा जा सकता है, जिस का मतलब "ईश्वर" है, यानि अल्लाह का मतलब होता है कि इसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, दूसरे तौर पर अल का मतलब रौशनी और इंग्लिश के दॉ के रूप मैं भी मायने आते हैं, जैसे रौशन या अज़ीम ये सब अल्लाह की तरफ़ इशारा करते हैं.

ऐसे ही लाह के असल मायने हैं चमक या तेज़ चमकने वाला, दिखने वाला होता है, वहीं लाह कच्चे रेशम और एक पेड़ को भी कहा जाता है, ऐसे ही लाह का मतलब पेड़ के कच्चे पत्ते और एक शिकारी परिंदा का नाम भी होता है, लेकिन यहां जब अल्लाह के अल के साथ लाह जुड़ा है तब चमक को ही असल माना जायेगा, और जब चमक और रौशनी मिलते हैं तब नूर बनता है.

1 अर रहमान= बहुत महेरबान
2 अर रहीम= निहायत रहम वाला
3 अल मलिक= बादशाह
4 अल कुद्दुस= पाक ज़ात
5 अस सलाम= सलामती वाला
6 अल मु अमिन= अमन देने वाला
7 अल मुहयमिन= निगरानी करने वाला
8 अल अज़ीज़= ग़ालिब
9 अल जब्बार= नुकसान को पूरा करने वाला
10 अल मुतकब्बिर= बड़ाई वाला
11 अल खालिक= पैदा करने वाला
12 अल बारी = जान डालने वाला
13 अल मुसव्विर = सूरतें बनाने वाला
14 अल गफ्फार= बख्शने वाला
15 अल क़हहार= सब को अपने काबू में रखने वाला
16 अल वहहाब= बहुत अता करने वाला
17 अर रज्जाक= रिजक देने वाला
18 अल फतताह= खोलने वाला
19 अल अलीम= खूब जानने वाला
20 अल काबिज़= नपी तुली रोज़ी देने वाला
21 अल बासित= रोज़ी को फराख देने वाला
22 अल खाफिज़= पस्त करने वाला
23 अर राफ़ी= बलंद करने वाला
24 अल मुईज़= इज्ज़त देने वाला
25 अल मुज़िल= ज़िल्लत देने वाला
26 अस समी = सब कुछ सुनने वाला
27 अल बशीर= सब कुछ देखने वाला
28 अल हकम= फैसला करने वाला
29 अल अदल= अदल करने वाला
30 अल लतीफ़= बारीक बीं
31 अल खबीर= सब से बाख़बर
32 अल हलीम= निहायत बुरदबार
33 अल अज़ीम= बुज़ुर्ग
34 अल गफूर= गुनाहों को बख्शने वाला
35 अश शकूर= कदरदान
36 अल अली= बहुत बुलंद
37 अल कबीर= बहुत बड़ा
38 अल हफीज= निगेहबान
39 अल मुकीत = सब को रोज़ी व तवानाई देने वाला
40 अल हसीब= काफी
41 अल जलील= बुज़ुर्ग
42 अल करीम= बेइंतिहा करम करने वाला
43 अर रक़ीब= निगेहबान
44 अल मुजीब= दुआएं सुनने और कुबूल करने वाला
45 अल वासिऊ= कुशादगी देने वाला
46 अल हकीम= हिकमत वाला
47 अल वदूद= मुहब्बत करने वाला, दोस्त
48 अल मजीद= बड़ी शान वाला
49 अल बाईस= उठाने वाला
50 अश शहीद= हाज़िर
51 अल हक= सच्चा मालिक
52 अल वकील= काम बनाने वाला
53 अल कवी= शक्तिशाली
54 अल मतीन= कुव्वत वाला
55 अल वली= हिमायत करने वाला
56 अल हमीद= खूबियों वाला
57 अल मुह्सी= गिनने वाला
58 अल मुब्दी= पहली बार पैदा करने वाला
59 अल मुईद= दोबारा पैदा करने वाला
60 अल मुहयी= जिंदा करने वाला
61 अल मुमीत= मारने वाला
62 अल हय्युल= जिंदा
63 अल कय्यूम= सब को कायम रखने और निभाने वाला
64 अल वाजिद= हर चीज़ को पाने वाला
65 अल माजिद= बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला
66 अल वाहिद= एक
67 अल अहद= अकेला
68 अस समद= बे नियाज़
69 अल कादिर= कुदरत रखने वाला
70 अल मुक्तदिर= पूरी कुदरत रखने वाला
71 अल मुक़द्दम= आगे करने वाला
72 अल मुअख्खर = पीछे और बाद में रखने वाला
73 अल अव्वल= सब से पहले
74 अल आखिर= सब के बाद
75 अज ज़ाहिर= स्पष्ट, ज़ाहिर
76 अल बातिन= पोशीदा
77 अल वाली= बिगड़ी बनाने वाला
78 अल मुताआली= सब से बलंद व बरतर
79 अल बर= बड़ा अच्छा सुलूक करने वाला
80 अत तव्वाब = सब से ज्यादा कुबूल करने वाला
81 अल मुन्ताकिम= बदला लेने वाला
82 अल अफुव्व= बहुत ज्यादा माफ़ करने वाला
83 अर रऊफ= बहुत बड़ा मुश्फिक
84 मालिकुल= मुल्क मुल्कों का मालिक
85 जुल जलाली= वल इकराम अजमतो जलाल और इकराम वाला
86 अल मुक्सित= अदलो इन्साफ कायम करने वाला
87 अल जामिऊ= सब को जमा करने वाला
88 अल गनी= बड़ा बेनियाज़ व बेपरवा
89 अल मुग्नी= बेनियाज़ व गनी बना देने वाला
90 अल मानिऊ= देने वाला
91 अज ज़ार्र= नुकसान पहुँचाने वाला
92 अन नाफिऊ= नफा पहुँचाने वाला
93 अन नूर= सर से पैर तक नूर बख्शने वाला
94 अल हादी= सीधा रास्ता दिखाने और चलाने वाला
95 अल बदी= बेमिसाल चीज़ को इजाद करने वाला
96 अल बाकी= हमेशा रहने वाला
97 अल वारिस= सब के बाद मौजूद रहने वाला
98 अर रशीद= बहुत रहनुमाई करने वाला
99 अस सबूर= बड़े तहम्मुल वाला.

अगर हम अल्लाह नाम मैं से किसी एक, दो या तीन शब्द को हटा दें, तब भी मतलब वही रहता है 'अल्लाह', यानि भूल चूक होने पर भी ज़रा भी मतलब नहीं बदलता, यही वजह है अल्लाह को अपना नाम ये सबसे ज़्यादा पसंद है और ये सभी 99 नामों से अलग नाम है.

ज्ज़ाक अल्लाहुख़ेर 
एस एम फ़रीद भारतीय

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...