जब मानवाधिकार पर सवाल आता है...?
एस एम फ़रीद भारतीय
मानवाधिकार सलाहकार
यूएनएचआरसी का पूरा नाम क्या है, यूएनएचआरसी केसे काम करती हैं,
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्य...?
दोस्तों आज हम आपको यूएनएचआरसी के बारे में बताएंगे की UNHRC क्या है और इसकी फुल फॉर्म क्या है और इसके कार्य क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे...?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग जो मानव अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है और यह पूरे विश्व स्तर पर कार्य करती है और हर सदस्य देशों में इसका ऑफिस होता है जो हर देश में रहकर मानव अधिकारों की रक्षा करती है और मानवाधिकारों से संबंधित जागरूकता पैदा करते हैं आजकल हर देश में मानव अधिकार का उल्लंघन हो रहा है इसी को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल की स्थापना की गई थी इसी के बारे में हम आज आपको पूरी जानकारी देंगे.
पहले जान लें (भारत का सबसे बड़ा और पुराना मानवाधिकार संगठन है पीयूसीएल जो एक जागरूक संगठन है और इस संगठन की ही वजह से आज हम आज़ादी से बोल पाते हैं या अपनी आवाज़ को उठा पाते हैं.)
यूनाइटेड नेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल मतलब यूएनएचआरसी का चुनाव भारी वोटों से जीत लिया है जोकि भारत के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी और अच्छी खबर है। यह चुनाव एक ऐसे समय में जीता गया है जब जम्मू कश्मीर में मानव अधिकारों के हनन के आरोप भारत पर लग रहे हैं। भारत को सभी उम्मीदवारों की अपेक्षा सबसे ज्यादा वोट्स इस सीट के लिए प्राप्त हुए थे। इस रेस में भारत के अलावा और जो देश शामिल थे उनमें बांग्लादेश, बहरीन, फिलीपींस और फिजी के नाम अहम थे। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में भारत के स्थायी राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने चुनाव जीतने पर यूएन में भारत के सभी दोस्तों का शुक्रिया अदा किया। इसका रोल साथ ही भारत का चुना जाना देश के लिए कितना फायदेमंद होगा.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की स्थापना सन 1950 में की गई थी जब दूसरा विश्व युद्ध हुआ था तो इस दूसरे विश्व के बाद इस आयोग की स्थापना की गई थी दूसरे विश्व युद्ध के बाद शरणार्थियों की हालत खराब थी इसी बात को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग की स्थापना की गई जिसके जरिए शरणार्थियों की मदद की गई थी उस वक्त इसका नाम यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन रिफ्यूजीस कहां गया था यह यूनाइटेड नेशन की एक ब्रांच है। इस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को बनाने का मकसद मानवाधिकार की रक्षा करना है अब हम आपको बता रहा है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद क्या है। इसीलिए हम आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद किसे कहते हैं, के बारे में दोबारा एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके अंतर्गत मार्च सन 2006 को इस की पुनः स्थापना की गई। इसके चुनाव के लिए 47 सदस्य देशों को चुना गया हर देश का एक प्रतिनिधि इस में 3 साल तक कार्य करता है और जो प्रतिनिधि इस में सफल होता है उसे इस परिषद का सदस्य मान लिया जाता है और वह सदस्य ह्यूमन राइट्स के साथ काम करने के योग्य हो जाता है इसकी शुरुआत सभी देशों के मानवाधिकार हितों के लिए की गई है। UNHRC का हेड ऑफिस स्विजरलैंड के एक शहर जिनेवा में है। संयुक्त राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के तहत सारे देशों के मानव अधिकारों की रक्षा की जाती है इसके अलावा जो इसके स्थाई या अस्थाई सदस्य हैं उन देशों में इसके ऑफिस होते हैं जो मानव अधिकारों की रक्षा करने का कार्य करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कार्य
अगर किसी सदस्य देशों में कोई मानवाधिकार का उल्लंघन होता है तो यह परिषद ने लिखित कार्य करती है.
अभिव्यक्ति क स्वतंत्रता को बचाए रखने का कार्य करती है.
इसके तहत किसी भी धर्म को अपने धार्मिक कार्य करने का अधिकार देती है।).
यह किसी भी धर्म को उस में विश्वास रखने का अधिकार देती है.
नस्लीय भेदभाव और जातीय भेदभाव को मिटाने का कार्य करती है.
खास तौर पर महिला मानवाधिकारों की रक्षा करना.
और मानवाधिकार से जुड़े हुए जितने भी मुद्दे हैं उन सभी की बारीकी से जांच करके उनको सुचारू रूप से चलाने का कार्य करता है और उसमें सुधार लाने का कार्य करती है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा भारत के मानवाधिकार आयोग के रिकॉर्ड की सार्वभौमिक समीक्षा करने के पश्चात भारत को आयोग से इस सन्दर्भ में 250 सिफारिशें प्राप्त हुई हैं.
वैवाहिक बलात्कार को दंडनीय अपराध बनाने का मुद्दा राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर है। बलात्कार की परिभाषा से ‘वैवाहिक बालात्कार’ को हटाना असंभव होगा.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा विभिन्न कारकों (जैसे- शिक्षा और गरीबी का स्तर) के कारण भारतीय परिदृश्य में उचित तरह से लागू नहीं होती है| यहाँ पीड़ितों का संरक्षण करने के स्थान पर सामाजिक मान्यताओं को वरीयता दी जाती है.
वर्ष 1993 में अभिसमय की पुष्टि करते समय भारत ने घोषणा की थी कि अभिसमय के अनुच्छेद 5(क) और 16(1) के तहत भारत सरकार यह घोषणा करती है कि वह इसका पालन करेगी तथा इसकी पहल अथवा सहमति के बिना किसी भी समुदाय के व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी.
इस अभिसमय का अनुच्छेद 5(क) पूर्वाग्रहों और रुढ़िवादी प्रथाओं को समाप्त करने से संबंधित है जिनमें महिलाओं को हीन समझा जाता है जबकि इसका अनुच्छेद 16(1) कहता है कि विवाह तथा पारिवारिक संबंधों से संबंधित मामलों में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले भेदभावों को समाप्त किया जाए.
इसकी अन्य अनुशंसाओं में अंतर-सांप्रदायिक हिंसा को रोकना, जाति आधारित सभी भेद-भावों और हिंसा को समाप्त करना तथा मानव व्यापार को रोकने के लिये राष्ट्रीय प्रक्रियाओं का मज़बूतीकरण करना शामिल है.
भारत पहली बार इस संस्था के लिए साल 2006 में चुना गया था और उस वर्ष इसे एक वर्ष के लिए चुना गया था। इसके बाद साल 2007, 2011 और फिर 2014 में भारत को तीन वर्ष के लिए चुना गया था। भारत सात बार यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल यानी यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रहा है। साथ ही वह जी4 का भी सदस्य है, यूनाइटेड नेशंस ने की आम महासभा यानी उंगा में हुए वोट में भारत को 193 में से 188 वोट हासिल हुए थे। यह किसी भी सदस्य को मिले सबसे ज्यादा वोट्स थे। चुनाव के बाद भारत चीन, पाकिस्तान और नेपाल की लीग मे आ गया है जिन्हें पूर्व में तीन वर्ष के लिए चुना जा चुका है। उंगा में मानवाधिकार के लिए 18 देशों को चुना गया है.
यूएनएचआरसी कैसे काम करती हैं?
यूएनएचआरसी, यूएन के सदस्य देशों में होने वाले मानवाधिकार के आरोपों की जांच करता है, साथ ही साथ मानवाधिकार के मुद्दे जैसे अभिव्यक्ति की आजादी, धर्म और विश्वास की आजादी, महिलाओं के अधिकारी, एलजीबीटी के अधिकार और नस्लीय और पारंपरिक समुदायों से जुड़े मुद्दों को भी देखता है.
यूएन के दिवंगत पूर्व महानिदेशक काफी अन्नान, पूर्व महासचिव बान की मून, संस्था के पूर्व अध्यक्ष दोरु कोस्टेआ, यूरोपियन यूनियन, कनाडा और अमेरिका ने हालांकि यूएनएचआरसी पर इजरायल और फिलीस्तीन के अलावा कुछ और मुद्दों को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
इस संगठन का हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड के जेनेवा में है और जुलाई में इसके 38वें सत्र का समापन हुआ है.
यूएनएचआरसी पर 33,924,630 लोगों की जिम्मेदारी है, इसका कुल खर्च-1.88 बिलियन डॉलर, 125 देश हिस्सा हैं, दुनियाभर में इसके 378 ऑफिस हैं, रेगुलर स्टाफ मेंबर्स-6,314 ते करीब हैं, और फील्ड में स्टाफ मेंबर्स-5,438 काम करते हैं, इसमें दुनियां को 687 एनजीओ शामिल हैं...?
भारत का पहला मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल इसके साथ मिलकर काम करता है, या यूं कहें कि इसको बनाने मैं पीयूसीएल का बड़ा योगदान रहा है.
जय हिंद
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