"एस एम फ़रीद भारतीय" |
पूर्वी सऊदी अरब के एक कस्बे के रहने वाले कथित तौर पर 50 साल के निम्र अल निम्र एक प्रमुख शिया धर्मगुरु थे, उन्होंने अपनी पढ़ाई ईरान और सीरिया में पूरी की थी और वे वंशवादी राजतंत्र की मुखालफ़त के लिए जाने जाते थे, जब इनको फांसी दी गई तब इन फांसियों की आंच ईरान तक ही नहीं, मध्य एशिया और उससे आगे भी पहुंची गई थी.
शेख निम्र अल निम्र सऊदी अरब के शासक परिवार के मुखर आलोचक थे, वे अपने उन तीखे ब्यानों के चलते सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने सऊदी अरब के शासक परिवार की खुली आलोचना के साथ शिया सशक्तिकरण की बात भी की थी और कहा था कि सऊदी सरकार यहूदी और अमेरिका के इशारे पर काम करने वाली सरकार है, कितना सही कहा था ये बात आज रियाद की पाक ज़मीन पर भारत को मशहूर एक्टर सलमान ख़ान के म्यूज़िक शो और जमातियों पर पाबंदी के ब्यान ने साबित कर दिया है.
आज सऊदी की इजराइल से नज़दीकियां पाक ज़मीन पर नाच गाना, सऊदी शेख का एक यहूदी अमेरिकी स्टार से प्यार करना और उसके लिए महंगे तोहफ़े लेकर जाना, मौजूदा हालात मैं मुल्क मैं कानूनों का बदलाव करना, ख़ासकर औरतों को खुले घूमने की छूट देना वगैरा क्या साबित करता है...?
आपको बता दें कि सऊदी अधिकारियों ने निम्र को 2012 में गिरफ्तार किया, जब वे अरब स्प्रिंग से निपटने की कोशिश कर रहे थे, शेख को देशद्रोह जैसे आरोपों का सामना करना पड़ा और 2014 में उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उनके समर्थकों ने कहा कि अपने तीखे बयानों और भाषणों को बावजूद उन्होंने हिंसा को कभी प्रोत्साहन नहीं दिया.
गिरफ्तारी के वक़्त सुन्नी धर्मगुरु मौलाना हसनैन बकाई ने अपने सख़्त लहज़े मैं कहा था कि एक शिया नेता इमाम को सिर्फ इसलिए फांसी दे दी गई, क्योंकि वह अल्पसंख्यकों के हक के लिए आवाज़ उठा रहे थे और आतंक को पनाह देने वाली सऊदी सरकार का विरोध कर रहे थे.
2 जनवरी 2016 को सऊदी अरब ने शिया धर्मगुरु शेख निम्र अल निम्र के साथ बाकी 46 लोगों को फांसी दे दी थी, पिछले साढ़े तीस साल में पहली बार इस देश ने इतने बड़े पैमाने पर फांसी दी गई थी, निम्र को दी गई फांसी के बाद ईरान में सऊदी अरब के राजनयिक केंद्रों पर भी हमले हुए, जिसके चलते पहले से तनाव में चल रहे दोनों देशों के राजनायिक संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे.
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