Farid Bharti
याद तो होगा, कुलदीप सेंगर ने ना केवल यौन शोषण किया बल्कि लड़की के पूरे खानदान को मरवा दिया,,, तब आप कहाँ थे पता नहीं पर एक भीड़ थी जो सेंगर के साथ थी, बाकायदा बैनर हाथ में लेकर भीड़ कह रही थी कि मै अपने विधायक के साथ हूँ...?
हत्यारों के समर्थन में और बचाव में बाकायदा एक भीड़ द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई, देश में ऐसा पहली बार हुआ कि बलात्कारियों के समर्थन में कोई ऐसी यात्रा निकाली गई हो तब आप सब कहां थे...?
हाथरस कांड हुआ तब आप कहाँ थे पता नहीं पर पूरी एक भीड़ पीड़ित के ख़िलाफ़ थी...?
आज जंतर मंतर पर भी बेटियां बैठी हैं आप कहाँ हैं किसके साथ हैं, पता नहीं, पर एक भीड़ उन बेटियों के विरोध में फिर बलात्कारी के साथ फिर खड़ी है कौन हैं ये लोग...?
सवाल वही आखिर कौन है ये भीड़ और इन्हें आखिर कौन सा जहर दिया जा रहा है कि भी बिना किसी बात की पूरी जानकारी के हत्या और बलात्कार जैसे घृणित कृत्य के भी समर्थन में साथ खड़े हो जाते हैं...!
सवाल पर सवाल कौन है ये भीड़, जो बिना सोचे समझे किसी भी मुद्दे पर दो भागों में बंट जाती है और तो और राजनितिक बहस के लिए मानवीय मूल्यों तक को हाशिये पर रख देती है...?
कौन है ये भीड़ कभी खुद के अंदर भी झांककर देखना ज़रूर, सोचना और सच्चाई को परखना कि आप कौन हैं, कहां हैं, किसके साथ हैं, क्या मिलता है गंदगी मैं साथ खड़े होकर...?
आपका भी परिवार होगा, माता- पिता, बहन-भाई और भी रिश्ते होंगे, सच मैं क्या आप चाहेंगे कि जब आपके किसी अपने ते साथ ऐसी घटना घटे तब आपके ख़िलाफ़ भी ज़ुल्म करने वाले की हिमायत मैं एक भीड़ खड़ी हो, क्यूंकि तब आप भी बस एक भीड़ का हिस्सा होंगे, जो सच और इंसाफ़ के लिए निकलेगा और आपके ख़िलाफ़ भी एक अनजानी भीड़ होगी...?
आज भी मुझे ख़ुद पर गर्व है कि "मै ऐसी किसी भीड़ का हिस्सा नहीं हूँ", क्यूंकि मुझे मालूम है सही क्या है और ग़लत क्या है, अपनी अक़्ल है, मैं किसी का बंधुवा नहीं हूँ...!!
जय हिंद जय भारत
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