दुनियां के मुस्लिम देश में रहने वाले हिंदुओं की संख्या (करीब करीब कुछ इस तरहां है)
इंडोनेशिया- 44,80,000, मलेशिया- 20,40,000, यूएई- 9,10,000, कतर- 3,60,000, बहरीन- 2,40,000, कुवैत- 6,30,000, ओमान- 6,50,000, सऊदी- 3,70,000 आदि मिसाल काफ़ी है, कहने को दुनियां मैं इस्लामिक 57 मुल्क हैं और हम यहां मिसाल दे रहे हैं कुल 8 इस्लामी देशों की...
इन 8 देशों में से किसी भी देश मे कभी भी हिंदुओं को "अल्लाहु अकबर" का नारा लगाने के लिए मजबूर नहीं किया, ना ही ये लालच दिया कि तुम यहां से रोज़ी रोटी कमा रहे हो लिहाज़ा तुमको हमारे धर्म के अनुसार चलना होगा या अपनाना होगा...?
ऐसा क्यूं नहीं किया क्यूंकि इस्लाम मैं किसी भी तरहां की ज़बरदस्ती को हराम करार दिया गया है, ख़ासकर इस्लाम अपनाने के लिए ज़बरदस्ती कहीं से भी जायज़ नहीं है, ना ही ज़बरदस्ती किसी से धर्म कबूल कराया जा सकता है.
इसके अलावा अगर किसी से ज़बरदस्ती धार्मिक नारा लगवा भी लिया तब उससे कुदरत की शान मैं कोई फ़र्क नहीं पड़ता, बल्कि अगर दुनियां का एक भी इंसान कुदरत की शान के लिए नारा ना लगाये, तब भी उस कुदरत की वही ताक़त रहेगी, उस पर एक तिनके की बराबर फ़र्क पड़ने वाला नहीं है, वो जब जो करता है वो उसकी अपनी अपार ताक़त मैं से एक छोटा सा नमूना होता है.
कहते हैं अगर इस्लाम को जानना है तो मुसलमान को मत देखो बल्कि उनको देखो और पढ़ो जिनकी वजह से ये दुनियां का आख़िरी धर्म बना है, और इस धर्म का नाम दीन ए इस्लाम इसी लिए है कि ये आख़िर संदेशवाहक का दीन है, जितने भी धर्म हैं वो संदेशों पर ही तो बने हैं, जब जब नया संदेश यानि जीने का तरीका आया एक नया धर्म पैदा हो गया, कुछ हैं जो पुराने ही संदेश पर अड़े हैं, वही ग़ैर इस्लामी कहलाते हैं, जिसने नये संदेश को माना वो नया धर्म बन गया...!!
एक सवाल किया तेजी से फैलने वाला धर्म कौन सा है...?
जवाब मिला इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है, दुनियां मैं मुसलमानों की आबादी सबसे तेजी से बढ़ रही है.
अब यहां फिर एक सवाल पैदा हुआ, आज इस आधुनिक युग मैं कौन किसको डराकर धर्म परिवर्तन करा रहा है...?
जवाब मिलेगा, वही कुदरत जिसने इस दुनियां को बनाया और जिसके वक़्त के हिसाब से बदलते संदेशों के साथ धर्म बनते गये वही कुदरत, उसी के आख़िरी संदेश को जो समझ रहे हैं वो आज तेज़ी से इस्लाम को अपना रहे हैं, वो जब जान जाते हैं कि कुदरत का आख़िरी संदेश क़ुरआन है और संदेशवाहक मुहम्मद (सअव) हैं वो इस्लाम यानि मुसलमान कहलाते हैं...
यहां एक जानकारी आपको और देते हैं, इसाईयों ने एक एक देश ऐसा बनाया है जिसको वो मक्का से तुलना करने की कोशिश करते हैं, आप सवाल करना कि इस्लाम मुक्त देश कौनसा है...? वेटिकन सिटी पहला देश है जहां एक भी मुस्लिम धर्म का अनुयाई नहीं पाया जाता है. इस देश में सिर्फ क्रिश्चियनिटी को मानने वाले लोग रहते हैं.
जवाब मिलेगा वेटिकन सिटी ईसाइयों के लिए एक पवित्र शहर है, ठीक वैसे ही जैसे मुसलमानों के लिए मक्का मदीना है, इस देश की आबादी लगभग 764 है, आबादी को सही पढ़ा आपने कुल 764, जी हां 764 और यही संख्या बताती है कि इस एक छोटी आबादी वाले इलाके को देश क्यूं कहा गया है, जवाब ख़ुद बा ख़ुद आपको मिल जायेगा और जब जवाब मिलेगा तब आप अपनी हंसी को रोक नहीं पायेंगे...
सवाल वेटिकन सिटी कौन से देश में है...?
जवाब पृथ्वी पर सबसे छोटा, स्वतंत्र राज्य है, जिसका क्षेत्रफल केवल 44 हेक्टेयर है। यह इटली के शहर रोम के अन्दर स्थित है। इसकी राजभाषा है लातिनी। ईसाई धर्म के प्रमुख साम्प्रदाय रोमन कैथोलिक चर्च का यही केन्द्र है और इस सम्प्रदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप का यही निवास है।
सवाल वेटिकन का मालिक कौन है...?
जवाब है- होली सी, (यहां नाम होली आया है, होली का मतलब होली दिवाली नहीं, होली कहते हैं पवित्र को) होली सी वह संगठन है जो वेटिकन, यानी दुनिया के सबसे छोटे स्वतंत्र शहर-राज्य का मालिक है, वे अपने स्वयं के पासपोर्ट मुद्रित करते हैं, अपना स्वयं का मीडिया रखते हैं, और यहां तक कि अपनी स्वयं की मेल सेवा भी बनाए रखते हैं, यह सब 1,000 से अधिक लोगों की आबादी के लिए नहीं बना है...
एक और चौंकाने वाला सवाल और जवाब...
वेटिकन सिटी में कितनी महिलाएं हैं...?
जवाब- वेटिकन सिटी में केवल 32 महिलाएं हैं। पूर्व में जारी आंकड़ों के अनुसार, वेटिकन सिटी में 540 पुरुषों की तुलना में केवल 32 महिलाऐं हैं। वेटिकन पासपोर्ट वाले 572 नागरिकों में से 306 राजनयिक, 86 स्विस गार्ड, 73 कार्डिनल, 31 लोग और एक नन हैं, यहां बच्चा पैदा नहीं कर सकते है...ये लगा ना अजीब, तब चलो इसका जवाब भी दे देते हैं...!
सवाल यहां बच्चे क्यूं पैदा नहीं होते...?
जवाब- यहां पर कोई अस्पताल नहीं है सभी रोगियों को देखभाल के लिए रोम के क्लीनिकों और अस्पतालों में जाना होता है, वेटिकन सिटी में कोई प्रसव कक्ष भी नहीं है, लिहाजा यहां कोई बच्चा जन्म भी नहीं ले सकता है, जानकारी के मुताबिक यहां पर अब तक कभी नेचुरल बेबी डिलिवरी भी नहीं हुई है.
अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ईसाई धर्म मैं कितना डर बैठा हुआ है अपने धर्म की गिरती और बदलती जनसंख्या को लेकर, वो एक जगह को ये कहकर बताना चाहते हैं कि यहां कोई भी ईश्वर के नये कानून को मानने वाला नहीं है, लेकिन वो भूल गये कि असल दिलो का मालिक अल्लाह है, जब चाहे बदल दे.
आख़िरी सवाल इसी देश पर, वेटिकन सिटी की उत्पत्ति कैसे हुई...?
जवाब है सन् 1929 ई. में इटली ने रोमन कैथोलिक चर्च के साथ समझौता करके उसे पादरी पीटर के महामन्दिर के आसपास लगभग 109 एकड़ की जमीन दे दी और उस क्षेत्र को पूर्ण रूप से स्वतन्त्र मान लिया। इस प्रकार 'चिट्टाडेल वाटिकानो' अर्थात् वैटिकन नगर नामक एक नया स्वायत्त राज्य यानि देश उत्पन्न हुआ...
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लेखक, सम्पादक मानवाधिकार सलाहकार
एस एम फ़रीद भारतीय
9808123436
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