Sunday 7 April 2024

चुनाव आयोग बताये मुस्लिम लीग क्या है...?

चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि क्या मुस्लिमलीग कोई आतंकवादी पार्टी है और साहब इतिहास पढ़कर बोला करो व्हाटसऐप के ज्ञान ने दस साल राज करा दिया, बंगाल मैं मुस्लिम लीग के समर्थन से सरकार किसने बनाई थी, वो नेहरू तो नहीं थे ना...तब कौन था...?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शायद इतिहास नहीं जानते हैं, क्यूंकि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1940 के दशक की शुरुआत में खुद मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा थे.

अगर जानते तब प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के सहारनपुर चुनावी सभा में वो नहीं कहते जो कहा है, मोदी जी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी, कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूरी तरह मुस्लिम लीग की छाप है और इसका जो कुछ हिस्सा बचा रह गया, उसमें वामपंथी पूरी तरह हावी हो चुके हैं, कांग्रेस इसमें दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है.

ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रहे पीएम ये कहना है कांग्रेस के नेताओं का, कांग्रेस ने भाजपा पर बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रहे हैं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने खुले शब्दों मैं कहा, प्रधानमंत्री को अपना इतिहास मालूम नहीं है, क्योंकि कोई और नहीं बल्कि स्वंय मुखर्जी ही थे जो उस समय हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे और मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में गठबंधन सरकार का हिस्सा थे, आगे कहा कि हिंदू महासभा सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में भी थी, जयराम रमेश ने ये भी कहा कांग्रेस बांटने की राजनीति में भरोसा नहीं करती है.

टवीटर जो अब एक्स है पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा, न्याय पत्र का केंद्र बिंदु पांच न्याय हैं- युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय...!

प्रधानमंत्री ने आज खुद स्पष्ट कर दिया है कि न्याय औऱ अन्य के बीच संघर्ष में वह अन्याय के समर्थक हैं, कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत और भारतीय दस साल अन्याय काल से मुक्ति के लिए निर्णायक मतदान करेंगे, जयराम रमेश ने एक वीडियो बयान में भाजपा और मोदी पर आरोप लगाया कि मोदी देश में युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों की हालत और पिछले दस साल के अन्याय से ध्यान हटाना चाहते हैं.

अब अगर देखा जाये तो यहां पीएम मोदी के ब्यान से ख़ुद के उस ब्यान की पोल खुलती है, जिसमें खाली ढोल पीटा जाता है सबका साथ-सबका विकास, मगर मुस्लिम लीग से नफ़रत बता रही है कि उनको देश के लोगों से कितना प्यार है, मुस्लिम लीग भी आज भारतीय संविधान के दायरे मैं चुनाव आयोग से मान्यता लेकर चुनाव मैदान मैं उतरती है, नाम मुस्लिम ज़रूर है लेकिन देश के अधिकतर मुसलमानों ने कभी मुस्लिम लीग को अपनी पार्टी नहीं माना अगर मानते तब मुस्लिम लीग एक राष्ट्रीय मुख्य विपक्षी पार्टी होती जो आज कुछ छोटे राज्यों का हिस्सा है.

इस ब्यान पर चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि क्या मुस्लिमलीग किसी आतंकवादी समूह की पार्टी है जिसको चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने की इजाज़त दी हुई है...अगर नहीं तब पीएम पद पर बैठे इंसान को ऐसे शब्द नहीं बोलना चाहिए, ये मुस्लिम का नहीं देश का अपमान है...

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