Tuesday 28 May 2024

आख़िरी चरण मैं यूपी की किस सीट पर है चुनाव...?

सातवें चरण में 8 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की 57 सीटों पर 904 उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे...?

आवाज़ दो न्यूज़ नेटवर्क इंडिया ख़बर
2024 लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए एक जून को सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 57 संसदीय सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कुल 904 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं...

यूपी मैं सातवें चरण के लिए 13 सीट महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रोबर्ट्सगंज सीटों पर एक जून को वोटिंग होनी है. इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी की सीएम के गृहक्षेत्र गोरखपुर सीट पर वोटिंग होगी, वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी चुनाव मैदान में हैं, माना जा रहा है कि घोसी, गाजीपुर और मिर्जापुर में पेंच फंसा हुआ है. 

सातवें चरण में कई दिग्गज मैदान में हैं. इनमें सबसे अहम यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट है, जहां पिछली दो बार से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार भी चुनाव लड़ रहे हैं, भाजपा के मुताबिक पीएम मोदी के नेतृत्व में काशी नगरी ने विकास का नया आयाम छुआ है, पीएम मोदी ने 2019 में 2014 से भी ज़्यादा अंतर के साथ चुनाव जीता है, इस बार लक्ष्य 2019 से भी बड़ी जीत का है वहीं कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर दांव लगाया है बसपा से अतहर जमाल लारी चुनाव लड़ रहे हैं...

वाराणसी के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट भी वीआईपी सीटों की लिस्ट में शुमार है, यहां बीजेपी ने भोजपुरी अभिनेता और मौजूदा सांसद रवि किशन को टिकट दिया है, उनका मुक़ाबला सपा नेता काजल निषाद से हैं, वहीं बसपा ने मुस्लिम चेहरे जावेद सिमनानी पर दांव लगाया है, यानि मुस्लिमों का इम्तिहान यहां कड़ा होने वाला है...

चंदौली लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे हैट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में है, उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन की ओर से सपा के वीरेंद्र सिंह और बसपा के सत्येंद्र कुमार मौर्य से हैं, वहीं रॉबर्ट्सगंज सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है, यहां बीजेपी ने मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी कोल को टिकट दिया है, जबकि सपा ने छोटेलाल खरवार और बसपा ने धनेश्वर गौतम को प्रत्याशी बनाया है...

घोसी लोकसभा सीट पर बीजेपी को कड़ी चुनौती देखने को मिल रही है, इस सीट पर एनडीए को ओर से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर ताल ठोंक रहे हैं, सपा ने राजीव राय पर दांव चला है जबकि बसपा ने बालकृष्ण चौहान को उतारकर ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश की है, यहां लड़ाई त्रिकोणीय दिख रही है...

कुशीनगर लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प है, बीजेपी की ओर से मौजूदा सांसद विजय दुबे इस बार हैट्रिक के इरादे से मैदान में हैं तो वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से अजय प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के आने से मुकाबला बढ़ गया है, मौर्य राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं...

मिर्जापुर से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल चुनाव लड़ रही है, वो लगातार दो बार यहां से सांसद रह चुकी है, सपा ने बीजेपी से आए रमेश बिंद को टिकट दिया है जबकि बसपा ने मनीष त्रिपाठी को चुनाव में उतारकर दलित-ब्राह्मण समीकरण को साधने की कोशिश की है...

देवरिया लोकसभा सीट सपा-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है, इस सीट से कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी की ओर से समाजसेवी शशांकमणि त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं, बसपा ने यहां यादव चेहरे पर दांव चला है और संदेश यादव को टिकट दिया है...

सलेमपुर में बीजेपी ने फिर दो बार के सांसद रहे रवींद्र कुशवाहा पर दांव लगाया है उनका मुक़ाबला सपा की ओर से पूर्व सांसद रहे रमाशंकर राजभर से हैं बसपा ने भीम राजभर को चुनाव में उतार राजभर वोटों को काटने की कोशिश की है, महाराजगंज सीट पर बीजेपी की ओर से छह बार के सांसद रह चुके पंकज चौधरी, सपा की ओर से वीरेंद्र चौधरी और बसपा ने मौसम ए आलम को प्रत्याशी बनाया है...

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर लोकसभा सीट पर भी कड़ा मुक़ाबला देखने को मिल रहा है सपा ने यहां से मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है, अफजाल ने पिछली बार बसपा के चुनाव चिन्ह पर यहा जीत हासिल की थी, वो पांच बार विधायक भी रह चुके हैं जबकि बीजेपी की ओर से पारसनाथ राय चुनाव लड़ रहे हैं...

बांसगांव सीट पूर्व सांसद सुभावती पासवान के बेटे कमलेश पासवान बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर मैदान में हैं, वो तीन बार सांसद रह चुके हैं, सपा ने यहां संदल प्रसाद और बसपा ने रामसमूझ सिंह को उम्मीदवार बनाया है, डॉ. रामसमूझ पूर्व इनकम टैक्स अफसर भी रह चुके हैं...

इस संबंध में चुनाव आयोग ने बुधवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में होने वाले मतदान के लिए सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 57 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल 2105 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे...

अब कुल 904 उम्मीदवार ही मैदान में 
ज्ञात हो, लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण की अधिसूचना मंगलवार 7 मई को जारी की गई थी। वहीं इस चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 मई थी...

दाखिल किए गए सभी नामांकनों की जांच के बाद 954 नामांकन वैध पाए गए। इनमें से 50 उम्मीदवारों ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया। ऐसे में अब कुल 904 उम्मीदवार ही मैदान में बचे हैं...

चुनाव आयोग के अनुसार नाम वापसी के बाद अब बिहार की 8 सीटों पर 134, चंडीगढ़ की एक सीट पर 19, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटों पर 37, झारखंड की 3 सीटों पर 52, ओडिशा की 6 सीटों पर 66, पंजाब की 13 सीटों पर 328 उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 144 और पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर 124 उम्मीदवार अंतिम रूप से चुनाव मैदान में हैं...

इस आख़िरी चरण में पंजाब में 13 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से अधिकतम 598 नामांकन फॉर्म थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 13 संसदीय क्षेत्रों से 495 नामांकन थे। 36-बिहार के जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से सर्वाधिक 73 नामांकन पत्र प्राप्त हुए। इसके बाद पंजाब के 7-लुधियाना संसदीय क्षेत्र से 70 नामांकन पत्र प्राप्त हुए। इस चरण के लिए एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 16 है...

सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान 1 जून को होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा उम्मीदवारों को 14 मई तक नामांकन पत्र दाखिल करने का समय दिया गया था जबकि 17 मई तक उम्मीदवारों को नामांकन पत्र वापस लेने का समय दिया गया था...!!

आप किस सीट से इस ख़बर को पढ़ रहे हैं हमें कमैंटस कर अपनी सीट का हाल बतायें, बतायें कि किस सीट पर कैसा माहौल है...?

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