कृष्णावती कहती है कि, मैं पिछले 40 वर्षों के लिए रेत खा हूं। यह मेरी आदत है। इस वजह से मुझे कोई बीमारी नहीं हुई है। शुरू में मेरे परिवार के लोग मेरी इस आदत से चिंतित थे। उन्हें लगता है था कि मुझे कहीं कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए। लेकिन अब कोई भी रेत खाने से रोकता नहीं है।
कृष्णावती के बड़े बेटे ने कहा कि, मेरी मां रोज दो किलोग्राम रेत खा जाती है। हम उन्हें दुकान से रेत खरीद कर देते हैं। वह इसे खाती है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। हम इसे चमत्कार मानते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। यह पिका नामक बीमारी है। यह औरत 40 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित है। इसे किसी तरह का चमत्कार करके विज्ञान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
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