Wednesday, 7 December 2011

महिलाओं के गाड़ी चलाने से कौमार्य भंग होने का खतरा ?

सऊदी अरब में इस्लाम के धार्मिंक विद्वानों का कहना है कि महिलाओं के गाड़ी चलाने से कौमार्य भंग होने का खतरा है। धार्मिक विद्वानों द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति दी गई तो देश में कौमार्य समाप्त हो जाएगा। महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत मिलने पर उनके पास शादी से पहले संभोग करने का विकल्प होगा और देश की कुंवारी बहुओं की प्रथा को खतरा पैदा हो जाएगा।

देश में वेश्यावृति, नग्नता, समलैंगिकता और तलाक के मामले बढ़ने का अंदेशा भी जताया जा रहा है। यह रिपोर्ट एक जाने माने रूढ़िवादी विद्वान कमाल सुभी ने शूरा की तरफ से सऊदी अरब की संसद को सौंपी है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के अतिरूढ़िवादी रवैये से सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला पर सिर्फ पुरुषों को गाड़ी चलाने के कानून को बनाए रखने का दबाव बढ़ेगा। दरअसल, देश में महत्वपूर्ण बदलावों के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले शाह अब्दुल्ला ने संकेत दिया है कि वह महिलाओं के गाड़ी चलाने पर लगे प्रतिबंध को हटा सकते हैं।

यह धार्मिंक नेता सऊदी अरब की सत्ता को शक्ति केंद्रों में से एक हैं। सऊदी महिलाएं गाड़ी चलाने की अनुमति पाने के लिए कई अभियान चला चुकी हैं। महिलाओं का तर्क है कि उनके गाड़ी चलाने पर पाबंदी न केवल अव्यवहारिक है बल्कि इसकी वजह से उन्हें पुरुष ड्राइवर के संपर्क में भी आना पड़ता है।

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