Wednesday 28 December 2011

अमेरिका की नजर में अन्‍ना, आरएसएस, हुर्रियत में कोई फर्क नहीं ?

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की नजर में अन्‍ना हजारे और उनका संगठन ‘इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन’ भारत में राजनीतिक दबाव समूह के तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में अन्‍ना और आईएसी राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस), बजरंग दल, विश्‍व हिंदू परिषद और हुर्रियत कांफ्रेंस की श्रेणी में आ गए हैं। सीआईए की ‘वर्ल्‍ड फैक्‍टबुक’ में ‘पॉलिटिकल प्रेशर ग्रुप एंड लीडर्स’ कैटेगरी में अन्‍ना हजारे भी शामिल हो गए हैं।
...सीआईए की इस लिस्‍ट के मुताबिक कश्‍मीर घाटी की ऑल इंडिया हुर्रियत कांफ्रेंस (अलगाववादी संगठन), बजरंग दल (धार्मिक संगठन), इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन (अन्‍ना हजारे), जमीयत उलेमा-ए-हिंद (धार्मिक संगठन), आरएसएस (मोहन भागवत) (धार्मिक संगठन) और विहिप (अशोक सिंघल) (धार्मिक संगठन) ऐसे समूह या लोग हैं जो राजनीतिक तौर पर सरकार पर दबाव बनाते हैं।
...सीआईए के मुताबिक इनके अलावा भारत में कई अन्‍य धार्मिक संगठन या आतंकी संगठन हैं। कई ऐसे अलगाववादी संगठन भी हैं जो सांप्रदायिक और/या क्षेत्रीय स्‍वायत्‍तता की मांग कर रहे हैं। भारत में राज्‍य या स्‍थानीय स्‍तर पर सैकड़ों ऐसे संगठन भी हैं जो सामाजिक सुधार, भ्रष्‍टाचार विरोधी और पर्यावरण की सुरक्षा में जुटे हैं।
...गौरतलब है कि सीआईए की वेबसाइट पर यह पेज आखिरी बार 20 दिसंबर को अपडेट किया गया है। मजबूत लोकपाल बिल को लेकर अन्‍ना हजारे 27 दिसंबर से एक बार फिर अनशन पर बैठे हैं।

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