Friday 13 January 2012


आम आदमी आज दाल-रोटी तक के लिए मोहताज ?

  जबसे केंद्र में कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार सत्तासीन हुई है महंगाई लगातार बेलगाम होती जा रही है। कीमत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। जीवनावश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतों ने सभी रिकार्ड तोड़ते हुए गरीबों की कमर भी तोड दी है। आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उसके सामने दो वक्त की रोटी जुटाने तक का संकट खड़ा हो गया है। दाल-रोटी को तो गरीब से गरीब आदमी का भोजन समझा जाता था परन्तु अब तो दाल-रोटी के लिए भी आम आदमी तरस रहा है। संप्रग सरकार गरीबों के मुंह से निवाला तक छिनने पर आमादा है।

  गौरतलब है कि खाने पीने की चीजों की महंगाई दर बढ़कर सत्रह परसेंट के करीब पहुंच गई है। 12 जून को खत्म हफ्ते में खाने-पीने की महंगाई दर करीब पौने एक परसेंट बढ़ गई है। महंगाई दर में ये बढ़ोतरी दालों, सब्जियों और दूध के दाम बढ़ने की वजह से आई है। सब्जियां करीब आठ परसेंट महंगी हुई है। जबकि दालों के दाम दो परसेंट तक बढ़े हैं। खाने पीने की चीजें महंगी होने की वजह से ही मई में महंगाई दर सवा दस परसेंट को पार कर गई है।
** अजीब विडंबना है कि जहां एक ओर लोगों के पास खाने की कमी है और दूसरी ओर लाखों टन खाद्यान्न गोदामों में सड़ रहा है। क्‍या कांग्रेस वास्‍तव में आम आदमी की सरकार है; नहीं, यह सरकार सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए काम कर रही है। जहां आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है वहीं कांग्रेस अध्‍यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और ‘युवराज’ श्री राहुल गांधी इस विषय पर अटूट चुप्पी साधे बैठे हैं। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी बार-बार दावा कर रहे हैं कि महंगाई जल्द ही दूर होगी। कृषि मंत्री कहते हैं कि महंगाई पर काबू करना उनके हाथ में नहीं है। वह कहते हैं कि फसल का मामला राज्य सरकारों के हाथ में है। ऐसा क्‍यों होता है कि कांग्रेस जब-जब सत्ता में आती है महंगाई बेलगाम हो जाती है। जबकि मोरारजी भाई के नेतृत्‍वाली जनता पार्टी और अटलजी के नेतृत्‍व वाली एनडीए के शासन में सभी आवश्यक वस्तुएं की कीमतें नियंत्रण में रहीं।

** महंगाई बढने का सिर्फ एक कारण है कि संप्रग शासन में मुनाफाखोरी और जमाखोरी अपने चरम पर है। आपका क्‍या कहना है ?

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