Friday, 24 February 2012

गुजरात के लिए दंगे नई बात नहीं - नरेंद्र मोदी

गुजरात के लिए दंगे नई बात नहीं
अहमदाबाद, हर छोटी बड़ी घटना के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गुजरात में दंगे होना कोई नई बात नहीं है मोदी ने कहा कि गुजरात में 1714 से दंगे हो रहे हैं उनके जन्म
से पहले गुजरात में साम्प्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है

मोदी ने यह बयान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी के सामने 27-28 मार्च 2011 को दिया था, उन्होंने यह कहते हुए कि मैंने दंगे रोकने की कोशिश की थी, लेकिन नहीं रुके एसआईटी के सामने दंगों की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया एसआईटी ने जब दंगों के मामले में मोदी से पूछताछ की थी, तब उन्होंने यह बयान दिए थे गौरतलब है कि एसआईटी ने गुलबर्ग सोसायटी दंगा प्रकरण में मोदी को कथित रूप से क्लीनचिट दे दी है एसआईटी के अधिकारी एके मल्होत्र ने मोदी से 71 सवाल किए थे.

किसानों पर लाठी
गांधीनगर में गुरूवार को गुजरात विधानसभा के पहले दिन कांग्रेस के नेतृत्व में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली, जैसे ही किसान रैली ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश किया, पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन जब किसान नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठियां भांजनी शुरू कर दीं, कुछ ही देर में स्थिति इतनी अनियंत्रित हो गई कि पुलिस को रैली पर आंसू गैस के कई गोले दागने पड़े। कांग्रेस ने इससे बर्बर कार्रवाई करार दिया.

अंग्रेजों का राज ही बेहतर था: आरएसएस

देश के मौजूदा राजनीतिक हालत से आरएसएस काफी व्यथित है, संघ का कहना है कि ब्रिटिश शासन के समय देश के हालात आज से काफी बेहतर थे, एक समाचार पत्र में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के हवाले से यह खबर छपी है। भागवत ने कहा है कि प्रभावशाली लोग राजनीति पर हावी हैं, संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले 64 सालों में सभी पार्टियां सत्ता में रही हैं, भले ही कुछ पार्टियों ने कम समय तक राज किया हो, लेकिन देश की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, इसलिए लोगों को सोचना चाहिए क्या गलत हो रहा है, भागवत के इस बयान को एनडीए सरकार की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है।

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