Wednesday, 15 February 2012

अब 4500 में मिलेगा 'आकाश'


 नई दिल्ली. विवाद बढऩे के साथ ही सरकार ने ब्रिटेन की कंपनी डाटा विंड को आकाश की नई बुकिंग से मना कर दिया है। सरकार ने कंपनी को कहा है कि वह किसी भी नए आकाश की बुकिंग न करे, जिससे आने वाले समय में यह एक नए विवाद की वजह न बने सरकार और इंग्लैंड की इस कंपनी के बीच आकाश को लांच करने के साथ ही
विवाद बढ़ गया था . सरकार का कहना था कि कंपनी ने वादा अनुसार वे सभी फीचर नहीं दिए , जिसको लेकर उसने आश्वासन दिया था।  लेकिन इस बीच कंपनी ने वेबसाइट के जरिए जानकारी दी है कि अब 'आकाश' नए फीचर्स के साथ आएगा और इसकी कीमत 4500 रुपये होगी।

 दूरसंचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डाटाविंड को नए आकाश की बुकिंग से रोकने की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें इसकी सूचना दे दी गई है। औपचारिक आदेश अगले एक सप्ताह के दौरान कंपनी तक पहुंच जाएगा। इस अधिकारी ने कहा 'डाटाविंड को यह भी कहा गया है कि वह उन 70 हजार आकाश की डिलीवरी जल्द करे जो करार के तहत उसे करने हैं। अभी तक कंपनी ने 30 हजार आकाश ही डिलीवर किए हैं।'   
 
 सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने पहले ही तय कर लिया था कि कंपनी से आकाश का करार खत्म करना है। यही वजह है कि पिछले दिनों जब आकाश मसले पर दूरसंचार एवं मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बैठक की थी तो उन्होंने दस लाख नए आकाश बनाने का कार्य दूरसंचार मंत्रालय की सार्वजनिक उपक्रम कंपनियों आईटीआई, सी-डॉट एवं आई ईसीएल को देने का निश्चय किया था। इन सभी कंपनियों को 3-3 लाख आकाश बनाने के लिए कहा गया है। अगले दो से तीन महीने के अंदर सूचना तकनीक विभाग नए आकाश के प्रस्तावित फीचर और तकनीकी दक्षता को लेकर सलाह देगा। जिसके बाद ये कंपनियां उसका निर्माण करेंगी।   
 
 दूरसंचार मंत्रालय नए आकश में वे सभी खूबियां रखना चाहता है जिससे ई-प्रशासन के कार्य को भी अंजाम दिया जा सके। मंत्रालय इन खूबियों से लैस आकाश अधिकारियों को देना चाहता है, जिससे ई-प्रशासन कार्य को वे कार्यालय के बाहर भी अंजाम दे पाएं और सही मायने में ई-प्रशासन का सपना सच हो पाए।   दुनिया के सबसे सस्ते टैबलेट आकाश को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपनी एक योजना के तहत डाटाविंड और आईआईटी राजस्थान के सहयोग से लांच किया था।



 लेकिन तकनीकी दक्षता और फीचर को लेकर कंपनी के साथ विवाद होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने न केवल नए आकाश लेने की योजना को विराम लगा दिया बल्कि इसके संचालन की जिम्मेदारी भी दूरसंचार-सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब सिर्फ उन स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय के नाम सुझाने तक सीमित हो गया है, जिन्हें आकाश टैबलेट दिया जाएगा। 

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...