ईरान पर हमले के परिणाम बुरे होंगे: रूस
रूस के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि पश्चिमी देश ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई करते हैं तो इसके परिणाम बुरे होंगे.
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता इस्तांबुल में हो सकती है अली अकबर सालेही ने तुर्की यात्रा के दौरान पत्रकारों को बताया कि वार्ता के लिए स्थान और तारीख़ को लेकर चर्चा चल रही है और इस पर जल्द ही फ़ैसला हो जाएगा.
उल्लेखनीय है कि अमरीका, इसराइल और कई पश्चिमी देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वैश्विक सुरक्षा के लिए ख़तरा मानते हैं और चाहते हैं कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद कर दे उस पर दबाव बनाने के लिए ईरान के ख़िलाफ़ कई प्रतिबंध लगाए गए हैं.
लेकिन ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण कार्यों के लिए जारी रखना चाहता है और इस बात से इनकार करता है कि वह परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है.
उसके परमाणु कार्यक्रम पर अमरीका, ब्रिटेन, चीन, फ़्रांस, रूस और जर्मनी के बीच पिछले साल इस्तांबुल में वार्ता हुई थी लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला था.
प्रतिबंध का भी विरोध
इसके बदले में ईरान ने कहा है कि वह होर्मूज़ जलडमरूमध्य के रास्ते से तेल का निर्यात रोक देगा, जो कि एक अहम पोत मार्ग है रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों की ओर से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों की भी निंदा की है और कहा है कि इससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर दवाब बढ़ गया है.
मास्को में पत्रकारों से हुई बातचीत में लावरोव ने कहा कि उन्हें ये सवाल उन लोगों से पूछना चाहिए जो लगातार ईरान पर सैन्य हमले की बात कर रहे हैं कि इसका क्या नतीजा होगा उन्होंने कहा, हो सकता है कि ईरान पर सैन्य कार्रवाई की श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया हो जिसे रोक पाना संभव न हो. "
इस क्षेत्र के अकेला परमाणु हथियार संपन्न देश इसराइल ने कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए वह उस पर हमला कर सकता है हालांकि इसराइल ने कहा है कि वह फ़िलहाल हमला नहीं करने जा रहा है.
लेकिन बीबीसी के कूटनीतिक मामलों के संवाददाता जोनाथन मार्कस का कहना है कि हो सकता है कि इसराइली रक्षा मंत्री एहुद बराक का बयान अमरीका को शांत करने के लिए हो, जो इस बात को लेकर चिंतित है कि इसराइल कहीं ईरान पर हमला न कर दे.
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