Saturday, 11 February 2012


सीरिया: दमिश्क में फिर भड़की हिंसी ?

सीरिया में कार्यकर्ताओं का कहना है कि सेना ने राजधानी दमिश्क और 
उसके आस पास के इलाकों पर दोबारा नियंत्रण करने की मुहिम शुरू कर दी है.
सीरिया हिंसा
उनका कहना है कि शहर के पूर्वी और उत्तरी भागों में सैनिक टैंकों से विद्रोहियों के गढ़ों पर गोलाबारी कर रहे हैं. ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि दर्जनों लोगों की मौत हो
गई है और कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले 10 महीनों में ये सबसे भीषण लड़ाई है अरब लीग का निरीक्षण मिशन के स्थगित होने के बाद विरोध प्रदर्शनकारियों और सैनिकों के बीच झड़प में तेज़ी आ गई है.शनिवार को अरब लीग के महासचिव नाबिल-अल-अरबीने कहा सीरिया में बिगड़ते हुए हालात और हिंसा को देखते हुए ये तय किया गया है कि अरब लीग सीरिया में अपने मिशन को बंद करेगी.”

विदेशी हस्तक्षेप

अरब लीग चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक शांति योजना को लाए जिसके तहत राष्ट्रपति बशर अल असद को पद छोड़ने के लिए कहा जाए और चुनावों की तैयारी की जाए. सीरिया ने अरब लीग पर आरोप लगाया है कि वो विदेशी हस्तक्षेप करवाने के लिए दबाव डाल रहा है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि रविवार को दमिश्क के केंद्र से महज़ पांच किलोमीटर की दूरी पर हुए हमले में 2,000 से ज़्यादा सैनिक और 50 टैंक शामिल थे.
रनकूसशहर से भी कुछ ऐसी ही ख़बरें सुनने को मिल रही हैं. सरकार-विरोधी गुटों ने कहा कि ये इलाक़ा ‘तबाही का केंद्र’ बन गया है और गोलाबारी की वजह चारों तरफ़ धुआं ही धुआं फैल गया है. ख़बरों के मुताबिक़ ये संघर्ष शनिवार को उन इलाक़ों में शुरू हुआ जहां सेना छोड़ कर विद्रोही बने लोगों ने क़ब्ज़ा कर रखा है. ब्रिटेन की सीरि यन ऑब्ज़रवेट्री फ़ॉर ह्यूमन राइट्स नाम की मानवाधिकार संस्था के अध्यक्ष रमीअब्दुलरहमान ने कहा कि ये संघर्ष अब तक का सबसे भीषण है.
उन्होंने कहा, “क्योंकि अब ये मामला संयुक्त राष्ट्र के पास जा रहा है, इसलिए सीरिया का प्रशासन अब विद्रोहियों को दबाने की कोशिश कर रहा है.” हालांकि हिंसा की ख़बरों की पुष्टि करना अभी मुश्किल है, क्योंकि सीरियाई सरकार ने मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है.

रुस का विरोध

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र सीरिया से संबंधित एक प्रस्ताव तैयार करेगा. पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक हुई थी, जिसमें अरब और यूरोपीय देशों द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज़ों पर चर्चा हुई थी. इस दस्तावेज़ में सुझाव दिया गया है कि बशर अल असद को सत्ता किसी और को सौंप देनी चाहिए जो एक नई सरकार बनाए.
हालांकि असद के मित्र देश रूस का कहना है कि वो इन सुझावों का समर्थन नहीं करेगा. अरब लीग के महासचिव नाबिल-अल-अरबी मंगलवार को सुरक्षापरिषद को संबोधित करेंगें. साथ ही वे रूस के अधिकारियों से भी अपना विरोध वापस लेने की अपील कर रहे हैं.
पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि सीरिया में मार्च में शुरु हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों को दबाने की मुहिम में 5,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. जबकि सीरिया के अधिकारियों का कहना है कि इस झड़प में 2,000 सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं.

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