Wednesday 25 April 2012

भारत के पास अग्नि- 5 चीन के पास और खतरनाक मिसाइल


http://zubankhol-bindasbol.blogspot.in/नई दिल्‍ली, सरकार ने उत्तरी छोर के ताकतवर पड़ोसी चीन से मुकाबला होने की किसी भी परिस्थिति से निपटने की तैयारी के तहत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 का पहला परीक्षण किया, अब भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिनके पास आईसीबीएम
हैं, फिलहाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के पास आईसीबीएम हैं.
इस मिसाइल की रेंज 5000 किमी तक है, अब चीन सहित ज्यादातर देश भारत की रेंज में आ जाएंगे, आधा यूरोप भी भारत की जद में आ जाएगा, आने वाले तीन वर्षो में अगर यह मिसाइल सामरिक बलों में शामिल हो जाती है तो देश चीन के साथ मुकाबले में खड़ा हो जाएगा, ऐसा भी माना जा रहा है कि अग्नि-5 चीन के पास मौजूद अत्याधुनिक मिसाइल डांगफेंग 51-ए से ज्यादा सक्षम होगी, यह अंदरुनी इलाकों में जाकर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता रखती है.
अग्नि- 5 मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर है और इस पर करीब 2500 करोड़ रुपए की लागत आई है. ये मिसाइल 1.5 टन का हथियार चीन के अंदर तक ले जाने में सक्षम है, 2014-15 तक अग्नि-5 परीक्षण के बाद पूरी तरह से तैयार हो जाएगी, मिसाइल में गाइरोस्कोप व एक्सिलेरॉमिटर का इस्तेमाल हुआ है, इससे मिसाइल नेविगेशन व मार्गदर्शन में मदद मिलेगी, इस तकनीक से रेंज बढ़ेगी, पेलोड क्षमता भी कम हो जाएगी.
अग्नि मिसाइलें परमाणु हमलों के खिलाफ भारत की प्रतिरोधी क्षमता का अहम हिस्सा हैं, अग्नि तीन 3500 किलोमीटर की रेंज वाली टू स्टेज इंडरमीडियेट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल थी और अब अग्नि 5 में तीसरा छोटा स्टेज जोड़ दिया गया है, साथ ही अग्नि 5 का वजन भी कम रखा गया है, यानी इसका डिजाइन ऐसा है कि ये उससे 1500 किलोमीटर ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है, साल 2010 में अग्नि 3 के सफल प्रक्षेपण और उसके बाद 2011 में अग्नि 4 के सफल प्रक्षेपण के बाद उसी डिजाइन को अग्नि 5 के लिए विकसित किया गया है, दोनों मिसाइलों में एक्लसलेरोमीटर समेत 60 फीसदी हिस्से समान हैं.
भारत की सैन्य नीति के रणनीतिकार चीन की डीएफ 21 इंडरमीडियेट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल और इसके अन्य संस्करणों को लेकर चिंतित रहे हैं, इन मिसाइलों की रेंज 1500 से लेकर 2250 किलोमीटर है, इन्हें तिब्बत, में तैनात किया गया है जहाँ से नई दिल्ली समेत भारत के अन्य शहरों को निशाना बनाया जा सकता है, भारत की इंडरमीडियेट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों में अग्नि 1, अग्नि 2 और अग्नि 3 शामिल है जिनकी रेंज क्रमश 700-800 किलोमीटर, 2000-2300 किलोमीटर और 3500 किलोमीटर से ज्यादा है. 

चीन के पास और भी खतरनाक मिसाइल- भारत ने अग्नि-5 का परीक्षण कर भले ही खुद को सुपरपॉवर के क्‍लब में शामिल करने का दावा कर रहा है, लेकिन चीन के पास इससे भी खतरनाक कैरियर किलर 'एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल' की योजना है, 'कैरियर किलर' मिसाइलों की क्षमता करीब 20 हजार किलोमीटर दूर तक मार करने की है, चीन से लगे समुद्र की सीमाओं को लांघते हुए ये मिसाइलें बहुत दूर तक मार कर सकती हैं, इन मिसाइलों के जरिए एशिया ही नहीं बल्कि यूरोप, अमेरिका को भी जद में लिया जा सकता है, इस मिसाइल की जद में पूरे भारत के समुद्री इलाके के अलावा तकरीबन पूरा प्रशांत महासागर है....
'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक यह मिसाइल बहुत जल्द तैयार हो जाएगी। चीन ने इस मिसाइल को बनाने के साथ ही दुनिया को एक चेतावनी दी है कि वह अपनी समुद्री सीमा के ऊपर किसी और देश के विमान वाहकों (कैरियर) को इजाजत नहीं देगा, कैरियर किलर जैसी एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइलें मुख्य तौर पर एयरक्राफ्ट करियर को निशाना बनाएंगी.
कैरियर किलर मिसाइल के साथ ही चीन ने चलते हुए एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह करने की क्षमता तकरीबन विकसित कर ली है। इस मिसाइल को लंबी दूरी के ज़मीन पर मौजूद मोबाइल लॉन्चरों के जरिए छोड़ा जाएगा और अगर इसे सही तरह से काउंटर नहीं किया गया तो इस मिसाइल के अलावा बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइल, पनडुब्बियों, टॉरपीडो और समुद्र में मौजूद बारूदी सुरंगों के जरिए चीन पश्चिमी प्रशांत महासागर और फारस की खाड़ी में मौजूद अमेरिकी अभियानों को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएगा। भारत की सीमा से सटे अरब सागर और हिंद महासागर भी इस मिसाइल की जद में है, तो जाहिर है भारत के लिए भी चिंता की स्थिति है।

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