Friday 13 April 2012

मुसलमानों की लड़ाई को दूसरा रंग दे रहे हैं आजम खां ?


उप्र में मुसलमानों के नेतृत्व को लेकर वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां से आपसी खींचतान की खबरों के बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने बुधवार को कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ मुसलमानों को सत्ता में समुचित हिस्सेदारी दिलाने की है और इस मामले पर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ जारी गतिरोध अगले 24 घंटे में दूर कर लिया जाएगा.
मौलाना बुखारी ने एजेंसी के साथ फोन पर बातचीत में प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां की तरफ इशारा करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग मुसलमानों को सत्ता में जायज हक देने की लड़ाई को निजी हितों की लड़ाई बताकर दूसरा रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. 
शाही इमाम ने स्पष्ट किया कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को उनसे फोन पर बातचीत जरूर की, लेकि न मुसलमानों को वाजिब हक दिलाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए यादव को दिल्ली बुलाए जाने की खबरें बेबुनियाद हैं, यह पूछे जाने पर कि वह सपा प्रमुख के बुलावे पर लखनऊ क्यों नहीं पहुंचे, बुखारी ने स्पष्ट किया कि वह अपरिहार्य कारणों से लखनऊ नहीं आ सके और मीडिया इसे लेकर नाहक गलतफहमी पैदा कर रहा है. 
एक सवाल के जवाब में उन्होंने उम्मीद जताई कि मुसलमानों की हिस्सेदारी को लेकर जारी गतिरोध अगले 24 घंटे में दूर कर लिया जाएगा, शाही इमाम ने कहा कि उन्होंने मुसलमानों का जोरदार समर्थन प्राप्त क रके सत्ता में आई सपा प्रमुख को पिछले दिनों तीन खत लिखकर मुस्लिमों को उनकी आबादी के हिसाब से सत्ता में भागीदारी दिलाने की गुजारिश की थी, लेकिन पहले राज्यसभा चुनाव में और अब विधान परिषद चुनाव में इस कौम की उपेक्षा की गई. 
अपने दामाद उमर अली को सपा से मिला विधान परिषद का टिकट वापस किए जाने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर बुखारी ने कहा कि सपा ने विधानमंडल के उच्च सदन के चुनाव के लिए उनके दामाद उमर अली के रूप में एक मात्र मुसलमान को टिकट दिया था, जबकि आबादी के लिहाज से दो मुसलमानों को उम्मीदवार बनाना चाहिए था. 
गौरतलब है कि आजम खां ने पिछले दिनों बुखारी पर मुसलमानों के साथ नाइंसाफी के नाम पर सपा सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि शाही इमाम अपने भाई याहया बुखारी के लिए राज्यसभा से सपा का टिकट चाहते थे, जिससे इनकार किए जाने पर वह मुसलमानों को वाजिब हक के नाम पर राज्य सरकार पर कीचड़ उछाल रहे हैं. 
उधर, देवा शरीफ के मुख्य संरक्षणकर्ता संगठन मेसोलियम ट्रस्ट के सचिव गुलाम वारिस ने आजम-बुखारी प्रकरण पर इदारे के प्रतिनिधियों के सपा प्रमुख से मुलाकात करने की मीडिया रिपोर्टों को सिरे से खारिज किया है, वारिस ने कहा कि मेसोलियम ट्रस्ट एक गैर राजनीतिक संगठन है और सियासी मामलों से उसका कोई लेना-देना नहीं है.


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