Friday 13 July 2012

आज भारत का लाल डरा सिंह नहीं रहा हमारे बीच !


 रुस्तम-ए-हिंद दारा सिंह ने करीब 40 साल पहले बुलंदशहर के राजकीय इंटर कालेज मैदान पर विदेशी पहलवान को हराया था, उन्होंने चीन के नामचीन पहलवान किंग कांग के भाई मोंटक जैक और पंजाब के नामी पहलवान निर्मल सिंह को भी धूल चटाई थी.
नगर स्थित राम प्रसाद अखाड़ा के संचालक व अधिवक्ता नरेंद्र कुमार नीति ने बताया कि 1969-70 की बात है,
राजकीय इंटर कालेज स्थित स्टेडियम में एक फ्री स्टाइल कुश्ती का आयोजन हुआ था, देश के नामी गिरामी पहलवान कुश्ती के लिए आए थे, विदेशी पहलवान मोंटेक जैक व पंजाब के निर्मल सिंह और रुस्तम-ए-हिंद दारा सिंह भी कुश्ती के लिए आए थे, पहले उनका मुकाबला निर्मल सिंह से हुआ जिसमें दारा ने निर्मल को दस मिनट में ही हरा दिया, उसके बाद मोंटेक जैक ने खड़े होकर खुला चैलेंज दिया, दारा सिंह ने चैलेंज स्वीकार कर किया, दोनों के बीच आधा घंटे मुकाबला चला, कुश्ती देखने वालों ने बताया कि लड़ते-लड़ते दोनों के शरीर खून से लाल हो गए थे, कुश्ती के अंत में दारा सिंह ने मोंटेक जैक को सिर के ऊपर से उठाकर दर्शकों के बीच फेंक दिया , दर्शक इतने जोश में थे कि सारी बाधाएं तोड़कर अखाड़े से दारा को कंधों पर उठाकर पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया.
उस समय जनपद के पहलवान व रामप्रसाद अखाड़े के संचालक संतराम खलीफा, खड्डल पहलवान, यूनुस खलीफा, इस्माइला अखाड़ा के कमालू खलीफा व मजीद पहलवान ने मिलकर 501 रुपये का हार बनाकर दारा सिंह को पहनाया था, तत्कालीन डीएम ए के दास ने भी उन्हें सम्मानित किया था, इस दंगल को देखने वाले राजन कुमार शर्मा ने बताया कि जब मोंटेक जैक को दारा ने हराया तो जनपद का बच्चा-बच्चा गर्व महसूस कर रहा था आज भारत का लाल डरा सिंह नहीं रहा हमारे बीच...

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