लखनऊ- यूपी की अखिलेश सरकार में कैबिनेट स्तर के मंत्री अधिकारियों के तबादले के लिए कोप-भवन की शरण ले रहे हैं, नगर विकास मंत्री आजम खां की नाराजगी के बाद लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त एनपी सिंह का तबादला कर प्रतिक्षासूची में डाल दिया है, नगर विकास व संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त एनपी सिंह को निलंबित करने की सिफारिश की थी, सिफारिश न मानने के बाद नाराज चल रहे नगर विकास मंत्री ने विभाग के कामकाज से बेरूखी दिखानी शुरू कर दी थी, एक बैठक में अधिकारियों पर बरस पड़े.
सीएम अखिलेश ने आजम खां को मनाने के लिए उनसे मिलने उनके आवास गए, दोनों के बीच बीस मिनट बातचीत हुई, नगर आयुक्त एनपी सिंह को हटाने का निर्णय इसी मुलाकात के बाद आया, लगभग चार माह की तैनाती के बाद एनपी सिंह को शासन ने नगर आयुक्त के पद से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया है, नगर विकास मंत्री आजम खां ने वीआईपी कोलोनियों में गंदगी के आरोप में नगर आयुक्त को निलंबित करने की सिफारिश की थी, जानकारों का कहना है कि 56 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का काम जलनिगम से न कराने के कारण नगर आयुक्त नगर विकास मंत्री और शासन के अफसरों की नजर में चढ़ गए थे, पांच अगस्त को नगर आयुक्त के निलंबन के प्रस्ताव को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा था, भाजपा के प्रवक्ता विजय पाठक ने कहा कि अधिकारियों के निलंबन व तबादले के लिए मंत्री का कोपभवन में जाना और विभागीय कामकाज में रूचि न लेना शपथ का उल्लंघन है...
आपको यह ब्लॉग कैसा लगा, इस खबर के बारे मैं आपके क्या विचार हैं आप अपनी राय हमको ज़रूर दें !