Friday, 21 December 2012

हमारी आवाज़ दम क्यूँ तोड़ देती है ? हम अंजाम तक क्यूँ नहीं पहुँचते हैं ?


जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा की हालत सफदरजंग अस्पताल में स्थिर
दिल्ली गंग रैप कैस ने तमाम देश को हिल कर रख दिया है समाचार चैनल हो अखबार हो या फिर हम लोग यानि इन्टरनेट की दुनियां चरों तरफ इस केस की ही चर्चा है महिला हो या पुरुष सब एक ही आवाज़ उठा रहे हैं के देश की राजधानी मैं ऐसा कांड क्यूँ ?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बुधवार देर रात सफदरजंग अस्पताल में जाकर पीडि़ता की स्वास्थ्य की जानकारी ली और इलाज के लिए अन्य बड़े अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दी हैइस कांड से देश के कानून पर भी लोगों की आवाज़ उठ रही है लेकिन क्या हकीकत मैं हमारा कानून इतना कमज़ोर है ? या फिर मज़बूत कानून के बावजूद इसको चलने वाले इसको कमज़ोर किये हुए हैं ?
हर रोज़ एक नया सवाल उठता है के ऐसा क्यूँ होता है इसका जवाब भी मेरी नज़र मैं तो हम सब के पास है और वोह यह है के हम किसी भी आवाज़ को उठाने के बाद अंजाम tak पहुँचने से पहले ही दफ़न कर देते हैं और फिर से वही लापरवाही के किस्से शुरू हो जाते हैं
 जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। कई प्रदर्शनकारी छात्राओं ने पीडि़ता से मिलने की इच्छा जाहिर की। केंद्रीय मंत्री ने लगाया फोन और कहा, कुछ भी करो पर बचा लो इसकी जान!सवाल एक है क्यूँ पुलिस को साल मैं केस की संख्या के चक्कर मैं बंधा जाता है के साल मैं इतने ही केस होने चाहियें और इनमें अगर गिरावट नहीं आई तो सरकार गंभीर क़दम उठाएगी और यही सरकार के आदेश हमारी पुलिस को जहाँ रिपोर्ट करने से तो रोकती ही है उनके लिए कमाई का जरिया भी बन जाता है और अपराधियों के के हौसले भी बुलंद हो जाते हैं और वोह पुलिस से डरने के बजाये उसको अपना घुलाम या साथी समझने लगते हैं !
शीला के आवास पर डीयू के छात्र प्रदर्शन करने पहुंचे। वहीं, यूएन वूमेन ने भी इस घटना की घोर निंदा की हैलगातार तीसरे दिन भी मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास के बाहर, इंडिया गेट व जंतर-मंतर पर प्रदर्शन जारी रहेमैं हमेशा ही इसके खिलाफ आवाज़ उठता रहा हूँ लेकिन वही मिसाल के अकेला चना क्या भाड़ झोंके गा ? आप आप खुद सोचें अगली खबर आपको बनना है या ..... ? हमारी आवाज़ दम क्यूँ तोड़ देती है ? हम अंजाम तक क्यूँ नहीं पहुँचते हैं ?



सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...