दोस्तों अशोक सिंघल और तोगिड़या के बयान से बिलकुल भी घबराने कि ज़रूरत नहीं है जो उन्होंने कहा है के हिंदुओं को पांच पांच बच्चे पैदा करने चाहियें तभी अपने को हुकूमत के करीब रख सकते हैं ?
इस वक़्त घबराने की बात नहीं है बात है यह सोचने की के हमको केसे मालूम हो के हमारी तादाद क्या है, जिससे इनके पेटों मैं दर्द हो रहा है ? दूसरी बात यह के हमेशा हमको याद रखना है के अल्लाह पाक ने हर हलाल चीज़ मैं बरकत दी है जबकि हराम को बहुत पैदाकर खुद ही मुक्तसर रखा है मिसाल के तोर पर कुत्ता बिल्ली चूहा सूअर और सांप जितने भी हराम जानवर हैं वोह बच्चे बहुत देते हैं लेकिन दिखाई नहीं देते क्यूँ ?
और हलाल जानवर के दो या एक बच्चे एक बार मैं होते हैं और लाखों रोज़ तो कटते ही हैं लेकिन ईद पर इनकी तादाद लाखों से करोड़ों हो जाती है फिर भी कमी नहीं होती ?
क्यूंकि अल्लाह ने हर हलाल चीज़ को अपनी हिफाज़त मैं रखा है दोस्तों बस ज़रूरत है सही से अल्लाह कि दूर को पकडे रहने की....
अशोक सिंघल का ब्यान सुन कर के हिन्दू पांच बच्चे पैदा करें
नागार्जुन की कविता याद आ गयी आप भी सुन लीजिये .....
पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार
गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह गए चार
चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीन
देश-निकाला मिला एक को, बाक़ी रह गए तीन
तीन पूत भारतमाता के, लड़ने लग गए वो
अलग हो गया उधर एक, अब बाक़ी बच गए दो
दो बेटे भारतमाता के, छोड़ पुरानी टेक
चिपक गया है एक गद्दी से, बाक़ी बच गया एक
एक पूत भारतमाता का, कन्धे पर है झण्डा
पुलिस पकड कर जेल ले गई, बाकी बच गया अण्डा
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