रिपोर्ट आई की इस बार मोदी को एक तरफ़ा वोट मिला ?
1) नोजवानों से खासकर कॉलेज छात्रों से.
2) कमजोर तबकों से खासकर दलितों से.
3) हिन्दू समाज से, खासकर
मध्यम वर्ग से.
4) गुजराती लोगों से, खासकर पटेलों से.
5) मुस्लिम समाज से, खासकर गरीब मुस्लिम से.
6) महिलाओं से, खासकर धर्मप्रेमी महिलाओं से.
7) व्यापारी वर्ग से, ख़ासकर छोटे मझोले वर्ग से.
8) देश के थिंकटैंक से, खासकर बुद्धिजीवी वर्ग से.
ऐसे कई कई वर्गों ने अपनी पुश्तैनी राजनीतिक निष्ठां को दरकिनार कर मोदी को वोट दिया, कश्मीर से कन्याकुमारी तक यही देखने में आया.
हर राजनीतिक दल इसे महसूस कर पाया पूरे भारतवर्ष में.
इसका नतीजा आज आपके सामने है, उनको क्या मिला ?
हर उसी वर्ग को सबसे पहले चिन्हित किया गया जिसने मोदी को एक तरफ़ा वोट दिया, फिर उस वर्ग की "दुखती नस" मार्क की गई और खेल शुरू हुआ.
कौन है खिलाडी कौन है अनाड़ी ?
बेहद सटीक और बारीकी से, चुन चुन कर इन वर्गों को टारगेट करना शुरू हुआ. किरदार लिखे गए और हर वर्ग को एक टार्गेटेड किरदार दिया गया.
उसकी टाईमिंग तय की गई.
और अपने हाथ में रिमोट रखा प्रमुख विपक्षी दल ने.
भांड मीडिया इसमें अहम रोल अदा करने वाला था.
मकसद इन सबका एक था- हर वर्ग को तोडना, हर वर्ग को जहर से भरना, हर वर्ग को छिन्न भिन्न करकें रखना, ताकि फिर वो भविष्य में, कभी एक होकर, मोदी को वोट ना दे
अब आप खुद इस बड़े से खेल को समझिये, इनकी परफेक्ट टाइमिंग को समझिये, इनके वेल प्लेसड किरदारों को देखिये,
बेहद खूबसूरत स्क्रिप्ट को पढ़िए, हर बयान की एक परफेक्ट टाइमिंग
स्पष्ट रखी दिखेगी।
1) नोजवानों के लिए JNU वाला उमर खालिद किरदार
2) दलित वर्ग के लिए रोहित वेमुला वाला किरदार
3) हिन्दू वर्ग के लिए फ़िल्मी खान वाला किरदार
4) गुजरती पटेलों के लिए हार्दिक पटेल वाला किरदार
5) मुस्लिमो के लिए अख़लाक़ वाला किरदार
6) महिलाओं के लिए शनि शिंगापुनकर वाली किरदार
7) व्यापारी वर्ग के लिए GST वाला किरदार
8) बुद्धिजीवी वर्ग के लिए असहिष्णडू वाला किरदार
मजे और आश्चर्य की बात यह की इसमें नया कुछ भी नही है, वर्षो से समाज में चली आ रही बुराइयों को ही आधार बनाया गया है. सिर्फ मोहरे बदल कर नए वो किरदार लाये गए हैं जो जवान है जोश से भरपूर हैं.
ये तो बानगी है उन किरदारों की अब तक सामने आ गए हैं, भविष्य में और भी सामने आएंगे, अपनी परफेक्ट स्क्रिप्ट और टाइमिंग के साथ. आपको, हमको, हिंदुस्तान, को तोड़ने की साजिश के साथ.
सजग रहिएगा होश से काम लीजिएगा अपने विवेक को मरने न दीजियेगा अपनी एकता बनाये रखना किसी भी उकसावे में न फँसना हम "अनेक" थे हम "अनेक" हैं हम "अनेक" ही रहेंगे अपनी इसी "अनेकता में एकता" में हमारी ताकत और सुनहरा भविष्य निहित है.
हमारी सोच और कल्पना से भी आगे/बड़े, इस गेमप्लान की हवा को, सिर्फ हमारी शालीन ,गरिमापूर्ण, मजबूत एकता से ही निकला जा सकता है. धीरज संयम रखकर,
आपको यह ब्लॉग कैसा लगा, इस खबर के बारे मैं आपके क्या विचार हैं आप अपनी राय हमको ज़रूर दें !
1) नोजवानों से खासकर कॉलेज छात्रों से.
2) कमजोर तबकों से खासकर दलितों से.
3) हिन्दू समाज से, खासकर
मध्यम वर्ग से.
4) गुजराती लोगों से, खासकर पटेलों से.
5) मुस्लिम समाज से, खासकर गरीब मुस्लिम से.
6) महिलाओं से, खासकर धर्मप्रेमी महिलाओं से.
7) व्यापारी वर्ग से, ख़ासकर छोटे मझोले वर्ग से.
8) देश के थिंकटैंक से, खासकर बुद्धिजीवी वर्ग से.
ऐसे कई कई वर्गों ने अपनी पुश्तैनी राजनीतिक निष्ठां को दरकिनार कर मोदी को वोट दिया, कश्मीर से कन्याकुमारी तक यही देखने में आया.
हर राजनीतिक दल इसे महसूस कर पाया पूरे भारतवर्ष में.
इसका नतीजा आज आपके सामने है, उनको क्या मिला ?
हर उसी वर्ग को सबसे पहले चिन्हित किया गया जिसने मोदी को एक तरफ़ा वोट दिया, फिर उस वर्ग की "दुखती नस" मार्क की गई और खेल शुरू हुआ.
कौन है खिलाडी कौन है अनाड़ी ?
बेहद सटीक और बारीकी से, चुन चुन कर इन वर्गों को टारगेट करना शुरू हुआ. किरदार लिखे गए और हर वर्ग को एक टार्गेटेड किरदार दिया गया.
उसकी टाईमिंग तय की गई.
और अपने हाथ में रिमोट रखा प्रमुख विपक्षी दल ने.
भांड मीडिया इसमें अहम रोल अदा करने वाला था.
मकसद इन सबका एक था- हर वर्ग को तोडना, हर वर्ग को जहर से भरना, हर वर्ग को छिन्न भिन्न करकें रखना, ताकि फिर वो भविष्य में, कभी एक होकर, मोदी को वोट ना दे
अब आप खुद इस बड़े से खेल को समझिये, इनकी परफेक्ट टाइमिंग को समझिये, इनके वेल प्लेसड किरदारों को देखिये,
बेहद खूबसूरत स्क्रिप्ट को पढ़िए, हर बयान की एक परफेक्ट टाइमिंग
स्पष्ट रखी दिखेगी।
1) नोजवानों के लिए JNU वाला उमर खालिद किरदार
2) दलित वर्ग के लिए रोहित वेमुला वाला किरदार
3) हिन्दू वर्ग के लिए फ़िल्मी खान वाला किरदार
4) गुजरती पटेलों के लिए हार्दिक पटेल वाला किरदार
5) मुस्लिमो के लिए अख़लाक़ वाला किरदार
6) महिलाओं के लिए शनि शिंगापुनकर वाली किरदार
7) व्यापारी वर्ग के लिए GST वाला किरदार
8) बुद्धिजीवी वर्ग के लिए असहिष्णडू वाला किरदार
मजे और आश्चर्य की बात यह की इसमें नया कुछ भी नही है, वर्षो से समाज में चली आ रही बुराइयों को ही आधार बनाया गया है. सिर्फ मोहरे बदल कर नए वो किरदार लाये गए हैं जो जवान है जोश से भरपूर हैं.
ये तो बानगी है उन किरदारों की अब तक सामने आ गए हैं, भविष्य में और भी सामने आएंगे, अपनी परफेक्ट स्क्रिप्ट और टाइमिंग के साथ. आपको, हमको, हिंदुस्तान, को तोड़ने की साजिश के साथ.
सजग रहिएगा होश से काम लीजिएगा अपने विवेक को मरने न दीजियेगा अपनी एकता बनाये रखना किसी भी उकसावे में न फँसना हम "अनेक" थे हम "अनेक" हैं हम "अनेक" ही रहेंगे अपनी इसी "अनेकता में एकता" में हमारी ताकत और सुनहरा भविष्य निहित है.
हमारी सोच और कल्पना से भी आगे/बड़े, इस गेमप्लान की हवा को, सिर्फ हमारी शालीन ,गरिमापूर्ण, मजबूत एकता से ही निकला जा सकता है. धीरज संयम रखकर,
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