Thursday 17 August 2017

योगी जी क्या कराना चाहते हैं प्रदेश मैं?

एस एम फ़रीद भारतीय 
हक़ की बुलंद आवाज़

दोस्तों,
बेहद अफ़सोसनाक ब्यान प्रदेश के मुखिया योगी जी का मैं इसकी मज़म्मत करते हुए प्रदेश मुखिया से पूछना चाहता हुँ कि थानों जन्माष्टमी का विरोध क्या किसी मुस्लिम ने किया ?

कांवरयात्रा मैं डीजे या नाच गाने को बंद करने का
आदेश क्या किसी मुस्लिम अदालत का है या किसी मुस्लिम की अपील पर है ?
अफ़सोस मुझको इस बात का है छोटे साहब कि क्या प्रदेश की जनता ने आपको इन्ही भड़काऊ भाषणों के लिए चुना था ?
क्या आपके वोटर आपसे इसी भाषण की अपेक्षा कर रहे हैं ओर क्या इन बातों से प्रदेश की भूखी नंगीं मज़लूम जनता का भला होगा ?
आपको प्रचंड बहुमत दिया है प्रदेश मैं विकास के लिए, रोज़गार के लिए ओर अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को आसानी से बिना किसी बाधा के पूरा करने के लिए, लेकिन आज आपके ब्यान से लगा कि आप प्रदेश मैं चैन अमन देखना पसंद नहीं करते, आज भी आपकी शैली वही है जो सत्ता से दूर रहकर हुआ करती थी, आज भी आप इतने बड़े प्रदेश के मुखिया होने के बाद इसको सपना ही समझ रहे हैं.
अरे साहब सपनों की दुनियां से बाहर आओ देखो आज प्रदेश की मज़लूम जनता आपसे कितनी उम्मीदें लगाये बैठी है, जनाब आपके भाषणों से कुछ लोग ज़रूर ख़ुश हो सकते हैं, लेकिन बड़ी संख्या मैं आप ही के लोगों को आज गहरा धक्का लगा है, कह रहे हैं कितना छोटा ब्यान दिया है.
छोटे साहेब मैं आपको बता दूं इस देश ओर प्रदेश मैं हम सब मिलकर हर त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया करते थे, मगर आपकी पार्टी के लोगों ने हमारी एकता पर नफ़रत का गृहण लगा दिया ओर आपको सत्ता तक पहुंचा दिया, मगर आपको आज भी सत्ता पा लेने का यक़ीन नहीं है.
ओर साहेब जब आपने सवाल उठाया है तब मैं जवाब भी आप ही को देना चाहुंगा अपने किसी भाई को नहीं, जवाब ये है कि हम जो दो ईदों पर नमाज़ सड़कों पर अदा करते हैं वो उस समय होती हैं जब जनता को इन सड़कों की ज़रूरत नहीं होती ओर ज़रूरत पड़ने से पहले ही सड़कें ख़ाली हो जाती हैं !
दूसरे आप हमारी सड़कों पर नमाज़ पर पाबंदी लगाकर देखें इसका विरोधी जवाब हमसे पहले हमारे वो हिन्दू भाई आपको देंगे जो आज भी आपके साथ नहीं हैं ओर जानते है आपका काम नफ़रत फैलाकर देश प्रदेश को बांटना है ?
दूसरा सवाल आपका था कि शिवभक्तों के डीजे को रोकना तब मैं बता दूं एक बार ऐसी ही घटना मेरे शहर मैं हुई थी तब सबसे पहले पुलिस से अपना विरोध मैने ही दर्ज कराया था, कि नहीं आप इनको करने दें हमें या किसी ओर को कोई ऐतराज़ नहीं ये हमारी एकता का प्रतीक है !
वहीं साहेब जहां मैं रहता हुँ मेरे घर के बाहर पूरे दशहरे के डोले सजते हैं बड़े बड़े डीजे बजते हैं, वहीं मस्जिद भी है लेकिन कभी कोई अनहोनी आज तक मेरे शहर या मेरे मौहल्ले मैं नहीं हुई है जबकि आपके चेलों ने बहुत बार कोशिश की है, हां अबकि बार शायद आपके ब्यानों से कुछ करने की नाकाम कोशिश करें लेकिन मुझको अपने भाईयों की एकता पर यक़ीन है कामयाबी नहीं मिलेगी !
अब छोटे साहेब मैं आख़िर मैं आपसे बस यही गुज़ारिश करना चाहुंगा कि आप रोटी कपड़ा ओर मकान की परेशानियों पर ध्यान दें बेशक हमको शामिल ना करें लेकिन अपनों के लिए तो ये काम कर ही दें बहुत परेशान हैं लोग ऊपर से महंगाई की मार उनको भूखों मरने या अपराधी बनने पर मजबूर कर रही हैं, उम्मीद है आप मेरी अपील पर ध्यान देंगे ?
जयहिन्द

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