एक आरटीआई से EVM चोरी होने की खबर सामने आई है, इस आरटीआई के अनुसार कई हजारों की संख्या में EVM मशीनें चोरी हुई है, गौर करने वाली बात यह है कि जिन राज्यों में मशीनें चोरी हुई है वो है छत्तीसगढ़,मध्य-प्रदेश और गुजरात, इन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
अगर मशीनें चोरी हुई है तो क्या
गारंटी है कि उससे छेड़छाड़ नहीं हुई होगी और वोट चोरी नहीं हुई होगी ??
चुनाव आयोग के दावों की खुली पोल
इस खुलासे के बाद चुनाव आयोग के उन दावों की पोल खुली है जिसमें उन्होंने कहा था कि EVM कड़ी सुरक्षा के बीच है और इन तक चुनाव आयोग के अधिकारियों के अलावा कोई और नहीं पहुंच सकता.
चुनाव आयोग का यू-टर्न
ज्ञात हो पहले चुनाव आयोग का कहना था कि EVM मशीनें टैम्पर-प्रूफ है इसे हैक नहीं किया जा सकता, लेकिन जब ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में EVM के प्रोटोटाइप को हैक करके दिखा दिया, तब चुनाव आयोग ने अपना बयान बदल लिया, फिर उन्होंने स्वीकार किया कि EVM को हैक तो किया जा सकता है लेकिन उन्होंने कहा इस तक चुनाव आयोग के अधिकारियों के अलावा किसी और का पहुंचना नामुमकिन है, उन्होंने दावा किया कि यह मशीनें कड़ी सुरक्षा के बीच रहती है.
लेकिन इस चोरी के मामले सामने आने के बाद उनके यह दावे झूठे साबित हो रहे हैं.
सभी मशीन चोरी होने के मामले बीजेपी-शासित राज्यों से ही क्यूं...?
इस मामले में सबसे अधिक गौर करने वाली बात यह है कि EVM चोरी होने के सभी मामले बीजेपी शासित राज्यों से जुड़े हैं आख़िर क्यूं...?
विपक्ष इसको लेकर बीजेपी सरकार को सवालों से घेर रही है.
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव् आयोग का बयान
हैरान करने वाली बात यह है कि आज 4 अगस्त को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया कि EVM सुरक्षित हैं और इस तक किसी का पहुंचना नामुमकिन है, लेकिन इस खुलासे से उनके दावे झूठे साबित हुए हैं, ऐसे में चुनाव आयोग पर सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी देने का मामला बनता है.
चुनाव आयोग से कुछ सवाल:
इस घटना के सामने आने के बाद चुनाव आयोग से कुछ सवाल है :
1. अभी तक जितनी भी EVM चोरी होने के मामले हुए हैं उसमें क्या कार्यवाही की गई?
2. अभी तक EVM चोरी होने के मामले में कितनों को सजा हुई?
3. आजतक इस लापरवाही के लिए कितने अधिकारियों पर कार्यवाही हुई है?
4. आजतक EVM चोरी होने के कितने मामलों को सुलझाया गया है?
लोकतंत्र पर लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए चुनाव आयोग को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.
ऐसे घटनाओं से लोकतंत्र को एक गंभीर खतरा है, EVM चोरी होने से काफी गंभीर नुकसान हो सकता है, मशीनों को चुराकर अगर उसकी प्रोग्रामिंग की जानकारी ली जा सकती है और फिर उसे छेड़छाड़ कर अपने अनुरूप चुनाव नतीजे पाने के उस प्रोग्रामिंग को बदला जा सकता है| अतः लोकतंत्र को बचाने के लिए और भी सावधानी बरतनी होगी.
अब देखने लायक होगा कि क्या चुनाव आयोग कोई ठोस कार्यवाही करेगी या पहले की तरह धृतराष्ट्र बनी रहेगी? क्या मीडिया इस मामले को जनता के सामने लाकर चुनाव आयोग को कार्यवाही करने के लिए दवाब बनाएगी या फिर पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेगी ?
No comments:
Post a Comment
अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !