Monday 19 February 2018

अच्छे दिन ऐसे अच्छे दिन ?

दोस्तों ओर साथियों कल के सवाल पर मेरी सोच !
एस एम फ़रीद भारतीय

सवाल ये था ?
दोस्तों ओर साथियों
आपकी नज़रों मैं हो रहे घोटाले क्या हैं क्या आप मुझे कुछ हिंट दे सकते हैं किस तरहां से देख रहे हैं, वरना मेरे दिमाग मैं जो है कल लिखने की कोशिक करूंगा ?

तब मैं बता दूं मेरी नज़र मैं ये देश को बर्बाद करने की
एक नाकाम कोशिश की जा रही है, सोचें जहां एफ़डीआई के सौ फ़ीसद होने के बाद भी कोई कम्पनी भारत मैं आने को तैयार नहीं है वहीं देश से बड़े व्यापारी भी पलायन करने मैं लगे हैं जहां तक मेरी जानकारी मैं आया है वो कडवा ओर कटु सच ये है कि देश से करीब सात हज़ार बड़े व्यापारी अपना सबकुछ समेटकर विदेशो मैं बस चुके हैं !
माल्या ओर नीरव मोदी तो सामने इसलिए आ गये क्यूंकि ये अपना ही नहीं देश का भी समेट कर ले गये हैं ओर जहां तक मैं ख़बरी सूत्रों की बात करूं अभी देश से करीब बीस हज़ार व्यापारी पलायन करने वाले हैं!
अगर ऐसा हुआ तब सोचो देश का क्या होगा ?
सरकार बनने से पहले भाजपा के महारथियों का कहना था कि भारत एक अलग ही भारत होगा ?
सच मैं सही कहा था मगर इतना ओर ऐसे अलग भारत होगा नहीं सोचा था !

आज देश किसी सुलझे हुए राजनेता की तरफ़ निहार रहा है ये सरकार हर रास्ते पर नाकाम रही है, पिछली सरकार ने जो विदेशियों को लुभाने के लिए देश मैं हाईवे का जाल बिछाया था आज वो भी हमारे ही गले की फांस बना हुआ है।
पिछली सरकार को उम्मीद थी कि विदेशी व्यापारियों की गाड़ियों के लिए सड़कें भी विदेशी हों तब वो भारत की सड़कों को उसी तरहां बना रहे थे!
लेकिन इस सरकार ने सड़कों की कामयाबी को विदेशियों की नज़रों मैं दंगों की आग मैं झुलसा दिया, देश की मीडिया आज कुछ भी कहे अपने हित की ख़ातिर लेकिन विदेशी हमारे देश की नहीं अपनी मीडिया पर यक़ीन करते हैं यही वजह है वो भारत मैं अपना कारोबार लाने को तैयार नहीं हैं !
क्यूंकि कोई भी कामयाब निवेशक नहीं चाहता कि उसे ऐसी बेहुदी उल्झनों का सामना करना पड़े जिससे उसकी कोई वास्ता नहीं है !
जिस देश मैं लव पर हत्या हो?
जिस देश मैं खाने पीने पर हत्या हो ?
जिस मुल्क मैं लाखों मौतें किसानों की हो रही हों?
जिस मुल्क मैं तिरंगे पर हत्याऐं हों?
जिस मुल्क मैं पढ़ने पर राजनीति हो ओर हत्याऐं हों ?
जिस मुल्क मैं जातिवाद पर हत्या हो?
जिस मुल्क मैं धर्म पर हत्या हो ?
जो मुल्क किसी एक मज़हब की बातों को लेकर बवाल करे वो भी सरकार की निगरानी मैं ?

ऐसी बहुत सी बातें ओर हैं जो आप जानते हैं वहां बतायें कौन अपनी जान ओर माल दोनों को फंसाना चाहेगा ?
यही बातें सोश्लमीडिया से हमारे व्यापारी देख रहे हैं ओर वो वक़्त रहते देश से पलायन कर रहे हैं ! ये मेरी सोच है !!

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