भारतीय दंड संहिता की धारा 153A व 153B के तहत किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरुद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना आदि कानूनी अपराध है, इसके
लिए 5 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.
धारा 295A के अनुसार किसी धर्म के विरुद्ध नफरत रखना भी कानूनी अपराध है, इसके लिए तीन वर्ष तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है, लिहाज़ा आप सभी से गुज़ारिश है कि ख़ुद भी कानून की जानकारी रखें और दूसरों को भी जानकारी साझा करें.
आपकी निगाह मैं अगर कोई किसी भी प्रकार से नफरत फैलाता हो, भले ही वह मैं क्यों ना हूँ, तब आप कानून का सहारा लें अपने नज़दीक के थाने मैं या ऑन लाइन अपनी रिपोर्ट पास के थाने में दरख्वास्त देकर जरूर दर्ज करा दें.
आज अगर आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा व तालीम देंगे तब कल उनको अच्छा भविष्य मिलेगा, वरना आपके बच्चे तलवार फरसे लेकर सड़कों पर फोटो खिंचवायेंगे और दूसरों को धमकाकर कानून के शिकार बनेंगे.
कानून और ईश्वर के सिवा किसी से न डरें क्यूंकि सच्चे इंसान का रास्ता डर नहीं होता और झूंठा कभी निडर नहीं होता, अपराधी कैसा भी हो वो हमेशा सलाखों के पीछे रहने लायक होता है.
क्या कहता है संविधान, भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ख के अनुसार, 1 जो कोई बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा
(क) ऐसा कोई लांछन लगाएगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्ति इस कारण से कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा नहीं रख सकते या भारत की प्रभुता और अखंडता की मर्यादा नहीं बनाए रख सकते, अथवा
(ख) यह प्राख्यान करेगा, परामर्श देगा, सलाह देगा, प्रचार करेगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्तियों को इस कारण कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, भारत के नागरिक के रूप में उनके अधिकार न दिए जाएं या उन्हें उनसे वंचित किया जाए, अथवा
(ग) किसी वर्ग के व्यक्तियों की, बाध्यता के संबंध में इस कारण कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, कोई प्राख्यान करेगा, परामर्श देगा, अभिवाक्त करेगा या अपील करेगा अथवा प्रकाशित करेगा, और ऐसे प्राख्यान, परामर्श, अभिवाक्् या अपील से ऐसे सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों के बीच असामंजस्य, अथवा शत्रुता या घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं उत्पन्न होती हैं या उत्पन्न होनी संभाव्य हैं, वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, अथवा दोनों से, दंडित किया जाएगा.
(2) जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट कोई अपराध किसी उपासना स्थल में या धार्मिक उपासना अथवा धार्मिक कर्म करने में लगे हुए किसी जमाव में करेगा वह कारावास से, जो पांच वर्ष तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा.
1) जो कोई बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा
(क) ऐसा कोई लांछन लगाएगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्ति इस कारण से कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा नहीं रख सकते या भारत की प्रभुता और अखंडता की मर्यादा नहीं बनाए रख सकते, अथवा
(ख) यह प्राख्यान करेगा, परामर्श देगा, सलाह देगा, प्रचार करेगा या प्रकाशित करेगा कि किसी वर्ग के व्यक्तियों को इस कारण कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, भारत के नागरिक के रूप में उनके अधिकार न दिए जाएं या उन्हें उनसे वंचित किया जाए, अथवा
(ग) किसी वर्ग के व्यक्तियों की, बाध्यता के संबंध में इस कारण कि वे किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के सदस्य हैं, कोई प्राख्यान करेगा, परामर्श देगा, अभिवाक्् करेगा या अपील करेगा अथवा प्रकाशित करेगा, और ऐसे प्राख्यान, परामर्श, अभिवाक्् या अपील से ऐसे सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों के बीच असामंजस्य, अथवा शत्रुता या घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं उत्पन्न होती हैं या उत्पन्न होनी संभाव्य हैं, वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, अथवा दोनों से, दंडित किया जाएगा.
(2) जो कोई उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट कोई अपराध किसी उपासना स्थल में या धार्मिक उपासना अथवा धार्मिक कर्म करने में लगे हुए किसी जमाव में करेगा वह कारावास से, जो पांच वर्ष तक का हो सकेगा, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा.
No comments:
Post a Comment
अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !