Saturday, 29 February 2020

दिल्ली हिंसा सेना की वर्दी मैं कौन थे फिर भूल गये हम क्यूं...?

 कहा था ना हमको भूलने की बीमारी है, फिर भूल गये हम...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
सेना की वर्दी में किसको भेजा गया ये सबसे बड़ा सवाल है, क्यूंकि एका एक बिना तैयारी के आप इतने लोगों को एक साथ सेना की वर्दी पहनाकर तैयार नहीं कर सकते, कोई भी मीडिया चै
नल इस बड़ी ख़बर और सवाल को दिल्ली पूलिस और सबंधित विभागों के अधिकारियों से नहीं पूंछ रहा है क्यूं...?

क्या इसकी सच्चाई का सबको पता है या ये ख़बर जो राष्ट्रहित से जुड़ी है उनके लिए बड़ी नहीं है, नहीं ऐसा नहीं है ख़बर हर तरीके से बड़ी है मगर इस सवाल को करने पर ना जाने कितने चेहरे बेनक़ाब होंगे, सवाल मीडिया के साथ विपक्ष से भी जो पहले ही मृत लगता था अब तो हो चुका है इसलिए करना ही बेकार है.

इस सवाल को सबसे पहले उठाने वाले एएनआई व जनसत्ता और उनकी टीम को मैं अपने साथी और चाहने वालों के साथ सलाम करता हुँ, और मैं मानता हुँ कि आपने अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता से चाटूकारिता के मुंह पर तमाचा मारा है, सच में आपकी ये ख़बर देश और कानून की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है, एएनआई जिसने सेना को इसकी जानकारी दी और सेना के जवाब को जनता के बीच रखा हम उनके भी शुक्रगुज़ार हैं.

जबकि कानून है कि  किसी भी आम नागरिक का आर्मी जैसी वर्दी पहनना अपराध है, बड़ा नहीं है लेकिन है अपराध और इसके लिए 500 रुपये जुर्माना और अधिकतम तीन महीने तक की सजा भी हो सकती है.

आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने पहले ही इस संबंध में सभी राज्यों के सेक्रेटरी को निर्देश दिए हैं कि जो लोग भी अनाधिकृत तरीके से आर्म्ड फोर्स (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) की वर्दी या उसके जैसी दिखने वाली यूनिफॉर्म पहनते हैं उन्हें आईपीसी की धारा-140 और 171 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

हालांकि इस आदेश के बाद यह भी महसूस किया गया कि लोग देशभक्ति दिखाने के लिए भी आर्मी जैसी दिखने वाली वर्दी पहन लेते हैं तो क्या सीधा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए...?

मगर यहां दिल्ली हिंसा में बात देशभक्ति की नहीं है 42 इंसानों की मौत का सवाल है जिनमें कुछ भटके हुए हैं और ज़्यादातर ऐसे हैं जो इन भटके हुए लोगों का बेगुनाह होते हुए भी शिकार बने, सवाल अपनी जगह जवाब ना मिलने तक बना रहेगा, सरकार से, पुलिस से और सेना से इसलिए कि उनकी वर्दी का इस्तेमाल किया तब आपने क्या क़दम उठाया, क्या आपने जांच शुरू की कि ऐसा क्यूं हुआ किसने किया...?

जय हिंद जय भारत

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