Saturday, 19 December 2020

मानो या ना मानो, अगली सरकार किसान मज़दूर की...?

किसान का अपना अख़बार, अपनी आई टी सेल और अब अपनी होगी पार्टी, सरकार ने अगर वक़्त रहते बात ना मानी, तब सरकार गिराकर किसान ख़ुद लड़ेगा अपना चुनाव, क्या आपको नहीं लगता है, अब भी नहीं समझे किसानों की रणनीति...?

किसानों की रणनीति और भाषा बता रही है कि अगला चुनाव किसान ख़ुद लड़ेगा, ना भाजपा ना कांग्रेस और ना ही कोई और ख़ुश होने वाली पार्टी...??

केजरीवाल और औवेसी तैयारी कर रहे हैं देश मैं एक बार फिर सेकुलर वोट को बांटकर भाजपा राज फिर से लाने की, मगर किसान समझ गया है कि अगर देश मैं किसान मज़दूर हित की बात करनी है तब ख़ुद ही कमर कसके चुनाव मैदान मैं आना ही होगा, जैसे दिल्ली की सरकार जन आन्दोलन के सहारे दिल्ली पर राज कर रही है, ऐसे ही किसान अपने आन्दोलन और अपने वोट से देश की राज गद्दी पर राज करेगा और जनता के साथ अपने हितों को भी ध्यान मैं रखेगा.

क्या होंगे चुनावी मुद्दे भी सुन लें...?
_1.सांसदों के वेतन और ख़र्च मैं होगी पचास से सत्तर फ़ीसद की कटौती...?
2. किसान बिजली बिल मैं भारी कटौती करेगा...?
3. पैट्रोल और डीज़ल के दाम पर टैक्स कच्चे तेल की कीमत से अधिक नहीं होगा...?
4. दिल्ली मैं गाड़ियों की दस व पंद्रह साल की सीमा ख़त्म होगी, बस प्रदुषण रहित वाहन दिखना या होना चाहिए.
5. हैलमेट ना लगाने पर चालान नहीं होगा बल्कि हैलमेट की कीमत लेकर हैलमेट दिया जायेगा.
6. देश मैं हर वस्तु पर एक समान टैक्स यानि जी एस टी लागू होगी.
7. किसी भी फ़सल का दाम लागत से दुगना मिलने के साथ ही बाज़ार मैं ढाई गुना से बढ़कर नहीं बिक सकेगा...?
8. देश के हर नौजवान के हाथ रोज़गार होगा, नई भर्तियां की जायेंगी...?
9. किसान अपनी फ़सल को ख़ुद बैठकर बेच सके इसके लिए केंद्र खोले जायेंगे.
10. मज़दूर को मज़दूरी के नियम बने गे...?
11. पढ़े लिखे हर महिला पुरुष को 20 से 45 वर्ष की आयु तक सरकारी रोज़गार दिया जायेगा...?
12. सरकार बिक चुके या गिरवी रखे सभी संस्थानों को वापस लेगी...? 

आदि जन और राष्ट्रहित की शर्तें के साथ पार्टी चुनाव मैदान मैं जा सकती है और तब निष्पक्ष चुनाव निडरता से लड़ भी सकती है, वरना भाजपा ने अपनी रणनीति अपनी नूरा सहयोगी पार्टियों को लेकर अभी से बनानी शुरू कर दी हैं, मत भूलो कैसे कोरोना काल मैं केजरीवाल ने केंद्र का साथ दिया है...?

सोच- एस एम फ़रीद भारतीय
लेखक सम्पादक और मानवाधिकार कार्यकर्ता.
+919808123436

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...