Tuesday 21 June 2022

जल ही जीवन है, प्रकृति को बचाने से ही जल बचेगा...?

एस एम फ़रीद भारतीय के साथ

वरिष्ठ लेखिका व समाज सेविका अंजुम क़ादरी✍🏻

दुनियां मैं पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है जो हमारे साथ पौधों और जानवरों के लिए आवश्यक हैं, हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नहीं कर सकते। पानी हमारे शरीर के आधे से अधिक वजन को बनाता है। पानी के बिना, दुनिया के सभी जीव मर सकते हैं। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और

कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है.

पानी हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिल कर बनता है, इसका रासायनिक सूत्र H2O होता है, जल की तीन अवस्थाएं होती है- ठोस, द्रव और गैस, पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है, परंतु इसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है, जिसे किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता, यह महासागरों, सागरों के रुप में वितरित है.

पानी एक रासायनिक पदार्थ होता है, यह रंगहीन, गंधहीन होता है, इसका अपना कोई रंग नहीं होता, जिसमें घोला जाय, उसी का रंग ले लेता है, पानी का क्वथनांक (Boiling point) 1000C होता है, जल का पृष्ठ तनाव (Surface Tension) उच्च होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच होने वाली अंतःक्रिया कमजोर होती है, पानी की प्रकृति ध्रुवीय होती है, इस कारण इसमें ऊंचा आसंजक गुण होता है, पानी बहुत अच्छा विलायक (Solvent) होता है, जो पदार्थ अच्छी तरह से पानी में घुल जाते हैं, उनको हाइड्रोफिलिक की संज्ञा दी जाती है। जैसे नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा.

हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते, पीने और घरेलू उद्देश्यों के अलावा, पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए अति महत्वपूर्ण है, हमारी अच्छाई और आने वाले भविष्य के लिए जल यानि पानी का संरक्षण महत्वपूर्ण है, हमें पानी बचाने के लिए पहल करने की जरूरत है चाहे कमी हो या न हो.

दुनिया के हर जीव जंतू को जीने के लिए पानी की जरूरत होती है, छोटे कीड़े से लेकर ब्लू व्हेल तक, पृथ्वी पर हर जीवन पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है, एक पौधे को बढ़ने और ताजा रहने के साथ पेड़ बनने के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है, छोटी मछली से लेकर एक व्हेल तक को पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसी से उनका अस्तित्व रहता है, पेड़ से ही पानी होता है.

हम मनुष्यों को हमारे जीवन के लिए दिन-प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है, पानी की आवश्यकता के कारण जीव से जीव में भिन्नता हो सकता है। लेकिन दुनिया में पानी की मात्रा उपलब्ध होने के साथ दुनिया का अस्तित्व जल ही सुनिश्चित करता है, हमारे शरीर में कोशिकाएं पानी के बिना ठीक से काम नहीं करेंगी, हमें पानी या तो सीधे या फलों या सब्जियों के ज़रिए लेना चाहिए, जिनमें पानी की मात्रा पर्याप्त हो.
एस एम फ़रीद भारतीय.
सम्पादक एनबीटीवी न्यूज़

यूं तो उत्तराखंड में सौंदरीकरण, चौड़ीकरण अच्छा चल रहा है, लेकिन जल और विद्युत को लेकर बहुत ही निराशा देखने को मिल रही है- अंजुम कादरी

वहीं वरिष्ठ लेखिका अंजुम कादरी अपनी सरकार और अवाम से कहती हैं कि उत्तराखंड सरकार पूरे प्रदेश का सर्च कर वाटर लेवल पीने वाला जल देखे तो।
उत्तराखंड के अंदर जल को लेकर उत्तराखंड का हाथ तंग हो गया है। सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण को देखने वाले व्यक्ति ही अपने शरीर को जल से बिलगता हुआ महसूस कर रहे हैं।
यदि ऐसा रहा तो व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह पाएंगे।
हम सभी जानते हैं।
जल ही जीवन है।
जल को हम नीला सोना भी कहते हैं।
इस वक्त तो इंसानों का हाल मछली जल की रानी जैसा प्रतीत हो रहा है।
एक तो जल ना होने के कारण मानव चिंतित हो गया है।
दूसरी ओर विद्युत यानी बिजली भी नहीं मिल पा रही है।
जल और बिजली दोनों ही चीजें मनुष्य के लिए बहुत जरूरी हो गई हैं।
बिजली न होने से मानव के शरीर में जो बचा हुआ जल है वह पसीना बनकर निकल रहा है और मानव शरीर का वाटर लेवल गिरता जा रहा है।
यदि ऐसा होता रहा तो अधिक संख्या में उत्तराखंड के अंदर कुपोषण और डायरिया जैसे घातक पेशेंट देखने को मिलेंगे। उत्तराखंड सरकार से निवेदन किया जाता है।
ग्राम सभाओं में विधायक के अंतर्गत आने वाले पानी के टैंकर डेलीवेज़ भेजें।
जिससे कि ग्रामीण लोग पीने का पानी पी सके और शरीर को भी स्वच्छ रख सके।
शहरों व पहाड़ पर पानी की तंगी हो गई है।
लोग पानी बिजली दोनों के ना होने से बहुत परेशान हैं।
मैं बहुत बार पानी के लिए लिख चुकी हूं कृपया कर पानी को गांव गांव तक पहुंचाने का कार्य जो रोका गया है उसको फिर से पाइपलाइन द्वारा शुरू किया जाए।
पीने योग्य पानी हर गांव शहर में भेजने का ज़िम्मा सरकार का ही है।
सरकार को यह ज़िम्मेदारी ज़ल्द ही निभा देनी चाहिए।
अभी वक्त हाथ में है यदि पानी की किल्लत और हो गई तो सीएचसी केंद्रों पर भारी जमावड़ा देखने को मिलेगा।
देखा गया है।
उत्तराखंड सरकार ने हर ग्राम सभा में अधिक से अधिक पेयजल के नल लगाए हुए है।
लेकिन उन नलों में पानी पहले ही दिन से नहीं आ पा रहा है।
मॉनसून अभी नहीं है। लेकिन होने वाला है। बारिशों के दिन शुरू होने वाले हैं।
उत्तराखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सेव वाटर के लिए। एकांकी, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीण जनता को सेव वाटर करने के लिए प्रेरित करें।
और जगह जगह बावड़ी बनवाएं।
क्योंकि पृथ्वी अब मिट्टी की नहीं रही बल्कि पत्थर और सीमेंट की हो गई है।
बहुत सख्त पृथ्वी होती जा रही है।
बारिश का पानी आसानी से ज़मीन के अंदर जज़्ब नहीं हो पा रहा।
उत्तराखंड की उन तमाम जनता से भी हाथ जोड़कर अपील की जा रही है।
जिनके घरों में वाटर लेवल नहीं गिरा है वह अपने नल टंकी को खुला न छोड़ें।
जल को व्यर्थ ना बहाएं। बहुत ही समझदारी के साथ जल का उपयोग करें।
क्योंकि जल ही जीवन देता है।
भोजन भी जल से ही बनता है।
भोजन बिना हम आमरण अनशन भी कर लेते हैं लेकिन जल के बिना हम जीवित नहीं रह पाते। इसीलिए पानी को अमृत भी कहा जाता है।
अधिक पसीने से जल के साथ नमक और मिनरल निकल जाते हैं।
सरकार और पानी के व्यापार करने वाले जान चुके हैं कि यह बड़ी कमाई का ज़रिया है। साथ ही सेहत बिगड़ने और तबीयत खराब होने पर मरने तक दवाओं के सहारे।
इंसान और सरकार को लूटा जा सकता है। सरकारी इलाज में यही वजह बड़े घोटाले की भी है।
इसलिए पेयजल की रक्षा हम सब की सुरक्षा।
जय हिंद जय शिक्षा जय वीर और वीरांगना.
अंजुम कादरी लेखिका/ समाजसेविका
उत्तराखंड.

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