Wednesday, 7 December 2011
इस्लामाबाद. क्या पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी देश छोड़कर भाग गए हैं? मौजूदा घटनाक्रम से कुछ ऐसे ही संकेत मिलते हैं। जरदारी को लेकर पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया में सस्पेंस बना हुआ है। अटकल लग रही है कि पाकिस्तान में शांतिपूर्ण तख्तापलट की जमीन तैयार हो रही है। अमेरिकी पत्रिका 'फॉरेन पॉलिसी' ने बुधवार को दावा किया कि जरदारी मंगलवार को चुपचाप दुबई रवाना हो गए। पत्रिका के मुताबिक उन पर इस्तीफा देने का दबाव है और खराब सेहत की बात बता कर वह इस्तीफा दे सकते हैं। जरदारी को दिल में मामूली तकलीफ हुई थी। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि वह इलाज के लिए दुबई गए हैं और गुरुवार को लौट आएंगे। लेकिन 'फॉरने पॉलिसी' का कहना है कि पाकिस्तान छोड़ने से पहले सेना ने इस बात पर जोर दिया कि जरदारी का इलाज उनके ही डॉक्टर करें। इसके बाद सेना के डॉक्टरों ने जरदारी की जांच की और उन्हें दुरुस्त करार दिया। डॉक्टरों ने यहां तक कहा कि उन्हें स्वास्थ्य कारणों से विदेश जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि जरदारी के प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया कि राष्ट्रपति का सेना के डॉक्टरों ने चेकअप किया था। समाचार पत्र 'न्यूज इंटरनेशनल' ने कहा है कि 'आर्म्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी' (एएफआईसी) के चिकित्सकों ने जांच के बाद जरदारी को पूरी तरह स्वस्थ पाया था। बाबर ने कहा है कि एएफआईसी में जरदारी की कोई चिकित्सकीय जांच नहीं हुई थी। जरदारी दिनभर अपने कार्यालय के कामों में व्यस्त थे। पाकिस्तान सरकार में मंत्री मुस्तफा खोखर ने कहा है कि जरदारी को दिल का हल्का दौरा पड़ा है और और उनका ऑपरेशन हो गया है। उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है और वह गुरुवार को इस्लामाबाद लौट आएंगे। मानवाधिकार मामलों के मंत्री खोखर ने मीडिया में आ रही ऐसी खबरों का खंडन किया कि जरदारी अपने पद से इस्तीफा देंगे। जरदारी को लेकर आ रही विरोधाभासी खबरों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:15 बजे टीवी पर बयान देना था, लेकिन उनका बयान अभी तक नहीं आया है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने शाम को एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति जरदारी दुबई में इलाज कराते रहेंगे, शुरुआती टेस्टों के बाद उनकी स्थिति स्थिर बनई हुई है। इस बीच, रेडियो पाकिस्तान ने खबर दी है कि जरदारी के बेटे बिलावल ने गिलानी से इस्लामाबाद में मुलाकात की है। पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' के मुताबिक जरदारी दुबई जाने से पहले प्रधानमंत्री गिलानी, चैयरमैन ऑफ सीनेट फारूख एच नाइक और गृह मंत्री रहमान मलिक से अलग-अलग मिले थे। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया का कहना है कि जरदारी अपने डॉक्टरों और निजी स्टाफ के साथ दुबई गए हैं। उनके जाने के कुछ देर बाद जरदारी के प्रवक्ता ने बताया था कि राष्ट्रपति अपने बच्चों से मिलने दुबई गए हैं। इस यात्रा के दौरान ही वह अपना रूटीन मेडिकल चेकअप भी करवाएंगे। फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि जरदारी मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल में भर्ती हैं और उनका दुबई जाना पहले से तय था। लेकिन खोखर का बयान इससे अलग है। मेमोगेट प्रकरण को लेकर जरदारी पर काफी दबाव बढ़ गया था और उन्हें बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में इस मामले पर बयान देना था। मैगजीन ने एक पाकिस्तानी सूत्र के हवाले से लिखा है कि जरदारी को सोमवार को बताया गया कि उनके कार्यकाल के खिलाफ विरोध के तहत संसद में उनके बयान के दौरान विपक्ष का कोई भी सदस्य और सेना प्रमुखों में कोई भी मौजूद नहीं रहेगा। सूत्र ने यह भी बताया कि विदेशों में मौजूद जरदारी के दर्जनों राजदूतों को पाकिस्तान बुलाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इससे भी जरदारी को राष्ट्रपति पद से हटाने के संकेत मिलते हैं। मेमोगेट प्रकरण की वजह से अमेरिका में तैनात पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी को इस्तीफा देना पड़ा था। आरोप था कि हक्कानी ने कथित रूप से पाकिस्तान में सेना की बढ़ती ताकत के खिलाफ अमेरिका से मदद मांगी थी। यह मेमो विवादास्पद पाकिस्तानी अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज ने सार्वजनिक किया था। हक्कानी को तब पद से इस्तीफा देने को बाध्य किया था जब एजाज ने दावा किया था उन्होंने मेमो का मसौदा तैयार किया था। हक्कानी ने अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मई में मारे जाने के बाद संभावित सैन्य तख्ता पलट को रोकने के लिए जरदारी की ओर से एक संदेश के जरिए अमेरिका से मदद मांगी थी। हक्कानी ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि संदेश उन्होंने लिखा था। मैगजीन ने एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल में हुए नाटो हमले को लेकर जब जरदारी से बात की तो जरदारी बहुत बेतुकी बातें कह रहे थे। पूर्व अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक अमेरिकी सरकार को इस बात की खबर लगी थी कि जरदारी को सोमवार रात 'मामूली हार्ट अटैक' आया था। इसके अगले दिन तुरंत ही उन्हें हवाई एंबुलेंस से दुबई ले जाया गया। इस बात की संभावना है कि अपनी खराब सेहत की वजह से जरदारी इस्तीफा दे दें। साउथ एशिया सेंटर के निदेशक शूजा नवाज ने कहा है कि जरदारी का बीमार होना पार्टी के अंतर्गत बदलाव का अच्छा मौका है। जरदारी का स्थान उन्हीं की पार्टी का कोई नेता ले सकता है। इससे लोकतंत्र पर भी कोई गलत असर नहीं पड़ेगा और सेना की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। नवाज ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। इससे मिलिट्री को अपनी ताकत का उपयोग कर सत्ता बदलने का मौका मिल जाएगा। यदि सेना दूर रहती है और पार्टी को अपना दूसरा नेता चुनने का अवसर देती है तो स्थिति बेहतर हो सकती है। यदि नहीं तो एक बार फिर पाकिस्तान में तख्तापलट की स्थिति बन जाएगी। आपकी बात- क्या पाकिस्तान में एक बार फिर तख्तापलट का अंदेशा है ? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर दुनियाभर के पाठकों से शेयर करें।
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