Tuesday 17 January 2012


लघुकथा / पुण्‍य


दिन भर के अथक परिश्रम व बाबुओं की आवाज पर भागदौड करने के बाद जैसे ही ननकू ने अपनी साइकिल उठाई पीछे से आती एक आवाज ने उसके कदम रोक दिये !
“अरे ननकू जरा रुकना”, कार्यालय के सबसे बड़े अधिकारी वर्मा जी उसे अपनी मृदु आवाज मे रुकने का इशारा कर रहे थे ! दो महीने पहले बाढ़ के कारण तबाह हुऐ गाव को छोड कर अंशकालिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रुप मे नियुक्त ननकू का वर्मा जी से बातचीत का पहला मौका था ! इन दो महीनों मे ननकू उनके कमरे मे निरंतर चाय पहुचाता रहा था पर आज तक उसने साहब की आवाज नही सुनी थी !
बाबुओं के मुताबिक वर्मा जी बड़े नरमदिल और अच्छा व्यवहार करने वाले आदमी थे !
” जा रहे हो ” , जी ननकू ने जवाब दिया !
” अच्छा काम कर रहे हो ” ,बड़े बाबू बतला रहे थे !
” सुनो ऐसा करो कल सुबह सात बजे बंगले पर आ जाना ” !
यह सुनते ही ननकू सोच मे पड गया उसे एक एक करके रविवार के दिन किये जाने वाले काम जो वो काफी समय से टालता आ रहा था याद आने लगे !
साहब कल तो रवि- – आगे के शब्द मुँह मे ही अटक गये ननकू के !
हाँ पता है भाई कल रविवार है, इसलिये ही तुम्हारा थोड़ा समय चाहते है वो ऐसा है कि कल मेमसाब ने सत्यनारायण की कथा का आयोजन किया है तो तैयारी में तुम्हारा सहयोग हो जायेगा और हां तुम्हारी मेमसाब कहती है कि पूजा से ज्यादा पुण्य पुजा की तैयारी करवाने वाले को मिलता है ! वर्मा जी कह रहे थे !
” जी साहब पहुँच जाऊँगा , ननकू धीमी आवाज मे बोला !
” ठीक है भाई थोडा समय का ध्यान रखना और किसी से पता पुछ लेना, वर्मा जी आश्वस्‍त होते हुऐ बोले !
सुबह ठीक सात बजे ननकू बंगले पर पहुच गया , बाहर ही बने बड़े से मंदिर की साफ-सफाई और धुलाइ करते करते ननकू को 9 बज गये पडित जी अभी तक नही आये थे इस बीच ननकू को एक कप चाय नसीब हुई थी वो भी कोई नौकरानी उसे पकड़ा गई थी, घर के तो किसी सदस्य का उसकी तरफ ध्यान तक नही गया था !
10 बजे बाद कही पंडित जी आये मंदिर की सज्जा मे कुछ परिवर्तन के आदेश के साथ ननकू को फिर काम मे जुटना पड़ा ! पूजा कथा और हवन होते होते दिन चढ चुका था ! अब ब्राम्हण भोज और फिर घर परिवार के भोजन की तैयारी थी !
इधर ननकू भूख से कुलबुला रहा था और उसे रह रह कर दिनो के बुखार मे तडपती अपनी बेटी का चेहरा याद आ रहा था उसने सोचा था कि रविवार के दिन जा के पास के सरकारी हस्पताल से उसे दवाई दिला लायेगा !
पत्नी से दो घंटे का कह कर निकला ननकू अभी तक यहीं फंसा हुआ था !
और इधर पूजा मे ब्राम्हण भोज के पश्चात आशीर्वाद स्वरुप हर जगह पुण्य ही पुण्य बरस रहा था !

No comments:

Post a Comment

अगर आपको किसी खबर या कमेन्ट से शिकायत है तो हमको ज़रूर लिखें !

सेबी चेयरमैन माधवी बुच का काला कारनामा सबके सामने...

आम हिंदुस्तानी जो वाणिज्य और आर्थिक घोटालों की भाषा नहीं समझता उसके मन में सवाल उठता है कि सेबी चेयरमैन माधवी बुच ने क्या अपराध ...