भड़का गुस्सा, किया विरोध तो पुलिस ने महिलाओं को घसीटा ?
जयपुर.कंटेनर के कार पर पलटने से तीन लोगों की मौत के कारण बी 2 बाईपास के आसपास रहने वाले लोग और भड़क गए। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे भारी वाहनों के विरोध में उन्होंने बी2बाईपास जाम कर दिया। इस दौरान महिलाओं को पुलिस ने घसीटा और जबरन बस में डाल ले गई।
इससे पहले पुलिस ने महिलाओं को जाम हटाने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं मानीं। जाम के दौरान भारी वाहनों को पुलिस ने गोपालपुरा बाईपास से निकाला। करीब ढाई घंटे बाद बी 2 बाइपास से भारी वाहनों का आवागमन वापस शुरू हुआ। महिलाओं का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके बाल खींचे, घसीटा, हाथापाई की और उनकी गाड़ियां जब्त कर लीं, जबकि वे शांतिपूर्वक विरोध कर रही थीं।
हम तो शांति से विरोध कर रहे थे
मानसरोवर एसएफएस अग्रवाल फार्म निवासी तथा लोक मंच की महासचिव आशिमा कौशिक ने बताया कि हम सड़क पर बैठकर विरोध जता रहे थे तो पुलिसकर्मी आए। उनके साथ महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। उन्होंने हाथ पकड़कर उठाया। तब हाथ लगाने से मना किया तो वे रुक गए। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया।
तब हमने कहा आप हमे गिरफ्तार कर लीजिए। इस पर महिला पुलिसकर्मी एक तरफ हो गईं। सड़क पर जब हमें बैठकर बात कर रहे थे तो अचानक महिला पुलिसकर्मी आई और हमें खींचा, जमीन पर घसीटा। बाल खींचे, धक्का देकर बस में बिठा दिया और हाथापाई की। चार महिलाओं सहित नौ लोगों को सांगानेर थाने ले गए।
दोपहर तक बंद रहा मानसरोवर
बी-टू बाईपास पर टोंक रोड के पास शुक्रवार रात को हुए हादसे में तीन लोगों की मौत के विरोध में शनिवार को अग्रवाल फार्म, एसएफएस और मानसरोवर के व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखीं। स्थानीय निवासियों ने बी-टू बाईपास पर भारी वाहन चलाने के विरोध में एसएफएस चौराहे पर धरना दिया।
दुर्घटना के विरोध में शनिवार को सुबह से ही लोग धरने के लिए बी-टू बाईपास अग्रवाल फार्म थड़ी मार्केट चौराहे पर स्थानीय वासी एकत्र होना शुरू हो गए थे। लोग बी-टू बाईपास पर भारी वाहनों के चलने का विरोध कर रहे थे।
इस दौरान मानसरोवर, अग्रवाल फार्म और एसएफएस के व्यापारियों ने विरोध में अपनी दुकानों को दोपहर 12 बजे तक बंद रखा। धरने के बाद शनिवार को ही बाईपास पर ही अलग अलग जगहों पर चार हादसे हुए।
स्थानीय लोगों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारी और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया था। बाईपास पर वाहनों की गति नियंत्रण करने के लिए दो जगह इंटरसेप्टर जिप्सी को खड़ा किया गया था।
इससे पहले पुलिस ने महिलाओं को जाम हटाने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं मानीं। जाम के दौरान भारी वाहनों को पुलिस ने गोपालपुरा बाईपास से निकाला। करीब ढाई घंटे बाद बी 2 बाइपास से भारी वाहनों का आवागमन वापस शुरू हुआ। महिलाओं का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके बाल खींचे, घसीटा, हाथापाई की और उनकी गाड़ियां जब्त कर लीं, जबकि वे शांतिपूर्वक विरोध कर रही थीं।
हम तो शांति से विरोध कर रहे थे
मानसरोवर एसएफएस अग्रवाल फार्म निवासी तथा लोक मंच की महासचिव आशिमा कौशिक ने बताया कि हम सड़क पर बैठकर विरोध जता रहे थे तो पुलिसकर्मी आए। उनके साथ महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। उन्होंने हाथ पकड़कर उठाया। तब हाथ लगाने से मना किया तो वे रुक गए। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया।
तब हमने कहा आप हमे गिरफ्तार कर लीजिए। इस पर महिला पुलिसकर्मी एक तरफ हो गईं। सड़क पर जब हमें बैठकर बात कर रहे थे तो अचानक महिला पुलिसकर्मी आई और हमें खींचा, जमीन पर घसीटा। बाल खींचे, धक्का देकर बस में बिठा दिया और हाथापाई की। चार महिलाओं सहित नौ लोगों को सांगानेर थाने ले गए।
दोपहर तक बंद रहा मानसरोवर
बी-टू बाईपास पर टोंक रोड के पास शुक्रवार रात को हुए हादसे में तीन लोगों की मौत के विरोध में शनिवार को अग्रवाल फार्म, एसएफएस और मानसरोवर के व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखीं। स्थानीय निवासियों ने बी-टू बाईपास पर भारी वाहन चलाने के विरोध में एसएफएस चौराहे पर धरना दिया।
दुर्घटना के विरोध में शनिवार को सुबह से ही लोग धरने के लिए बी-टू बाईपास अग्रवाल फार्म थड़ी मार्केट चौराहे पर स्थानीय वासी एकत्र होना शुरू हो गए थे। लोग बी-टू बाईपास पर भारी वाहनों के चलने का विरोध कर रहे थे।
इस दौरान मानसरोवर, अग्रवाल फार्म और एसएफएस के व्यापारियों ने विरोध में अपनी दुकानों को दोपहर 12 बजे तक बंद रखा। धरने के बाद शनिवार को ही बाईपास पर ही अलग अलग जगहों पर चार हादसे हुए।
स्थानीय लोगों के धरने प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारी और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया था। बाईपास पर वाहनों की गति नियंत्रण करने के लिए दो जगह इंटरसेप्टर जिप्सी को खड़ा किया गया था।
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