Friday, 27 October 2017

वक़्त, समय, टाईम क्या है ?

सोचकर जवाब दीजिये, क्या करते हैं आप ?

एक बैंक अकाउंट की जिसमे रोज सुबह आपके लिए कोई 50,000 पचास हज़ार रुपये जमा कर देता है ।

लेकिन शर्त ये है की इस अकाउंट का बैलेंस कैरी फॉरवर्ड नहीं होगा, यानि दिन के अंत में बचे पैसे आपके लिए अगले दिन उपलब्ध नहीं रहेंगे ओके.

और हर रोज़ इस अकाउंट में बचे हुए पैसे आपसे वापस ले लिए जाते हैं ?
ऐसी सिचुएशन में आप क्या करेंगे ?
ज़ाहिर है आप एक-एक पैसा निकल लेंगे.
क्यूँ है ना ?
हम सब के पास एक ऐसा ही बैंक है, इस बैंक का नाम है

" समय, वक्त, टाईम " ?
हर सुबह ईश्वर, ख़ुदा, गाॅड हम सबको 86,400 सैकेंडस देता है, ओर हर रात ये उन सारे बचे हुए सेकेंड्स जिनको आपने किसी बहतरीन मक़सद के लिए इस्तेमाल नहीं किया है, हमसे छीन लेता है, ये कुछ भी बकाया वक़्त (समय) आगे नहीं ले जाती है.

हर सुबह आपके लिए एक नया अकाउंट खुलता है ओर अगर आप हर दिन के जमा किये गए सैकेंडस को ठीक से इस्तेमाल करने में असफल होते हैं तो ये हमेशा के लिए आपसे छीन लिया जाता है.

अब फ़ैसला आपको करना है कि दिए गए 86,400 सैकेंडस का आप उपयोग करना चाहते हैं, या फिर, इन्हें भी गंवाना चाहते हैं, क्यूंकि एक बार खोने पर ये वक़्त आपको कभी वापस नहीं मिलेगा.

दोस्तों हर दिन आप दिए गए 86,400 सैंकेंड्स का बेहतरीन इस्तेमाल कैसे करना चाहेंगे?

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